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Lok Sabha Election: पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच घमासान, पीएम मोदी के दावे पर ममता का पलटवार
Lok Sabha Election: प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने टीएमसी सरकार पर जोरदार हमला बोला।
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में एक जून को नौ सीटों पर मतदान होना है और इन सीटों के लिए भाजपा और टीएमसी के बीच जबर्दस्त घमासान छिड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने इस बार पश्चिम बंगाल में पूरी ताकत लगा रखी है तो दूसरी ओर ममता बनर्जी अपना किला बचाने के लिए दिन-रात दौरा करने में जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में कई सभाओं को संबोधित करने के साथ ही कोलकाता में रोड शो भी किया और इस दौरान उन्होंने दावा किया कि भाजपा को इस बार पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त कामयाबी मिलने वाली है। उन्होंने दावा किया के राज्य में भाजपा को इस बार सर्वाधिक सीटें मिलेंगी। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने मोदी के दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में हवा का रुख पलट चुका है और 4 जून के बाद मोदी प्रधानमंत्री के पद पर नहीं रहेंगे।
अदालत ने खोल दी है ममता सरकार की पोल
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने टीएमसी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने ममता बनर्जी के कोर्ट के फैसले को न मानने और न्यायाधीशों पर सवाल उठाने के ऐलान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि क्या टीएमसी प्रतिकूल फैसलों के बाद अब जजों के पीछे भी अपने गुंडे छोड़ देगी? उन्होंने हाईकोर्ट की ओर से बंगाल में कई वर्गों के ओबीसी के दर्जे को रद्द करने के हालिया फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि टीएमसी ने जो ओबीसी समुदाय को धोखा दिया है,उसकी अदालत ने पोल खोल कर रख दी है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ममता सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में लूट मचा रखी है। टीएमसी नेताओं के पास जो नोटों के पहाड़ निकले हैं,उनका एक-एक रुपए का हिसाब होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में इस बार भाजपा को सबसे बड़ी जीत हासिल होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि ममता सरकार की तुष्टीकरण की नीति का पर्दाफाश हो चुका है और पश्चिम बंगाल के मतदाता भाजपा को भारी समर्थन देंगे।
ममता बनर्जी का हवा का रुख बदलने का दावा
दूसरी ओर ममता बनर्जी ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि हवा का रुख बदल रहा है और कुछ ही दिनों में मोदी पूर्व प्रधानमंत्री हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत का पता लग जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मौके पर प्रधानमंत्री पत्रकारों को इंटरव्यू दे रहे हैं जबकि पिछले 10 वर्षों के दौरान उन्होंने किसी भी पत्रकार से कोई बातचीत नहीं की। इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले सवाल पहले से ही लिखे होते हैं। यही कारण है कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को सार्वजनिक बहस की चुनौती दी है।
अगर प्रधानमंत्री मोदी चाहें तो मैं गुजरात में आकर भी उनसे बहस करने के लिए तैयार हूं। मैं यह देखना चाहती हूं कि उन्हें देश के बारे में कितनी जानकारी है और वे देश से कितना प्यार करते हैं? उन्होंने पश्चिम बंगाल को बदनाम करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। संदेशखाली को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए पश्चिम बंगाल की माताओं और बहनों को अपमानित किया। हम अपनी महिलाओं के प्रति किए गए इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
केंद्र की मदद का पीएम मोदी का दावा झूठा
ममता ने कहा कि चक्रवात रेमल के पहले और बाद में केंद्र सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार को मदद देने का कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने ही चक्रवात में फंसे लोगों को बचाने के लिए कदम उठाए।
ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल की सभा में कहा कि वे दिल्ली से चक्रवात पर नजर रख रहे हैं मगर किसी प्रधानमंत्री को इतना ज्यादा झूठ नहीं बोलना चाहिए। एनडीआरएफ एक केंद्रीय टीम है मगर उसकी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार को भी खर्च वहन करना पड़ता है।
पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त घमासान की स्थिति
सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच जबर्दस्त घमासान की स्थिति दिख रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पश्चिम बंगाल में 18 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने टीएमसी को पछाड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।
दूसरी ओर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल का अपना किला बचाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। मुस्लिम आरक्षण के संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से ममता को करारा झटका लगा है मगर उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान करके अपने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने की मजबूत कवायद की है। दूसरी ओर भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है जिसका लोकसभा चुनाव पर असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।