×

Loksabha Election 2024: मिश्रिख लोकसभा सीट पर भाजपा कर रही हैट्रिक लगाने की तैयारी, जाने समीकरण

Loksabha Election 2024 Misrikh Seats Details: मिश्रिख लोकसभा सीट पर कभी कांग्रेस का दबदबा रहा है। लेकिन 90 के दशक के बाद भाजपा, बसपा और सपा ने भी जीत का स्वाद चखा है। फिलहाल इस लोकसभा सीट पर 2014 से भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वर्तमान सांसद अशोक कुमार रावत पर दुबारा दांव लगाया है।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 16 May 2024 4:18 PM IST (Updated on: 16 May 2024 4:18 PM IST)
Loksabha Election 2024: मिश्रिख लोकसभा सीट पर भाजपा कर रही हैट्रिक लगाने की तैयारी, जाने समीकरण
X

Lok Sabha Election 2024: यूपी के 17 सुरक्षित सीटों में शामिल हरदोई की दूसरी लोकसभा सीट मिश्रिख पर कभी कांग्रेस का दबदबा रहा है। लेकिन 90 के दशक के बाद भाजपा, बसपा और सपा ने भी जीत का स्वाद चखा है। फिलहाल इस लोकसभा सीट पर 2014 से भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वर्तमान सांसद अशोक कुमार रावत पर दुबारा दांव लगाया है। जबकि बसपा ने बीआर अहिरवार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा ने तीन बार अपना उम्मीदवार बदलने के बाद संगीता राजवंशी पर विश्वास जताया है। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा के अशोक कुमार रावत ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे नीलू सत्यार्थी को 1,00,642 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में अशोक कुमार रावत को 5,34,429 और नीलू सत्यार्थी को 4,33,757 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के मंजरी राही को महज 26,505 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के अंजू बाला ने बसपा के अशोक कुमार रावत को 87,363 वोट से हराकर 17 साल बाद इस सीट को भाजपा के झोली में डाला था। इस चुनाव में अंजू बाला को 4,12,575 और अशोक कुमार रावत को 3,25,212 वोट मिले थे। जबकि सपा के जय प्रकाश को 1,94,759 और कांग्रेस के ओम प्रकाश को 33,075 वोट मिले थे।


Misrikh Vidhan Sabha Chunav 2022 Details





Misrikh Lok Sabha Chunav 2014


Misrikh Vidhan Sabha Chunav 2017




यहां जानें मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र के बारे में (Misrikh Seats Parliament Constituency Details)

  • मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 32 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन हरदोई जिले के बिलग्राम-मल्लानवां, बालामऊ व संडीला और कानपुर जिले के बिल्हौर के अलावा सीतापुर जिले के मिश्रिख विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • मिश्रिख लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
  • यहां कुल 17,96,932 मतदाता हैं। जिनमें से 8,21,465 पुरुष और 9,75,387 महिला मतदाता हैं।
  • मिश्रिख लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,27,382 यानी 57.17 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Misrikh Seats Political History)

भारतीय हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सबसे महान ऋषि महर्षि दधीचि का जन्म मिश्रिख में हुआ। उन्होंने अपना पूरा जीवन अंतिम सांस तक यही बिताया था। मिश्रिख में महर्षि दधीचि का आश्रम है। यह तहसील फेमस भी दधीचि कुंड के कारण है। मिश्रिख का किला महमूदाबाद और महर्षि व्यास की गद्दी यहां के प्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं। इस क्षेत्र में हत्या हरण तीर्थ लोगों के बीच खासा प्रसिद्ध है। पिहानी में धोबिया आश्रम भी बेहद चर्चित है। जब 1962 में मिश्रिख लोकसभा सीट अस्तित्व में आई तो पहले सांसद जनसंघ के गोकरण प्रसाद बनें। इसके बाद साल 1967 में कांग्रेस ने जनसंघ का रास्ता रोक दिया। हाथ के साथी बनकर संकटा प्रसाद ने यहां से जीत दर्ज की। फिर 1971 के चुनाव में भी संकटा प्रसाद ने अपनी जीत दोहरा दी। इमरजेंसी के बाद साल 1977 में जब चुनाव हुए तब हेमवंती नंदन बहुगुणा गुट के नेता रामलाल राही ने कांग्रेस के संकटा प्रसाद को चुनाव हरा दिया। वह भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि, जीत के बाद वह भी कांग्रेस में शामिल हो गए। 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने राही को ही मिश्रिख से टिकट दिया। वह जीत भी गए और 1991 तक उनका विजय अभियान जारी रहा। साल 1996 में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर जीत का स्वाद चखा। तब परागीलाल चौधरी यहां से सांसद बने। इसके बाद मिश्रिख में कांग्रेस का स्वर्णकाल समाप्त हो गया। साल 1998 में बसपा ने भाजपा से यह सीट छीन ली। रमाशंकर भार्गव सांसद बने। 1999 में सपा उम्मीदवार सुशीला सरोज ने भार्गव को अपदस्थ कर दिया और सांसद बनीं। इसके बाद बसपा ने अशोक कुमार रावत को टिकट दिया। उन्होंने इस भरोसे को साकार करते हुए साल 2004 और 2009 में लगातार जीत दर्ज की।

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण (Misrikh Seats Caste Equation)

मिश्रिख लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां चुनाव में सवर्ण और पिछड़ी जातियों का असर दिखता है। हालांकि पासी बिरादरी के मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं, ऐसे में इसी बिरादरी के नेताओं को चुनाव में ज्यादा मौके मिलते हैं। पिछड़ी जातियों में कुर्मी, गड़रिया, काछी, कहार और यादव भी काफी संख्या में हैं।

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद (Misrikh Me Sansad Ka Nam)

  • भारतीय जनसंघ से गोकरन प्रसाद 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से संकटा प्रसाद 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से राम लाल राही 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम लाल राही 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से संकटा प्रसाद 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम लाल राही 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से परागी लाल 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से राम शंकर भार्गव 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से सुशीला सरोज 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
  • बसपा से अशोक कुमार रावत 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से अंजू बाला 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
  • भाजपा से अशोक कुमार रावत 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।


Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

Next Story