Lok Sabha Election:मौत के बाद भी गाजीपुर में मुख्तार सबसे बड़ा फैक्टर,दोनों पक्षों ने बनाया मुद्दा,वोटिंग पर भी दिखेगा असर

Lok Sabha Election: मुख्तार अंसारी के बहाने भाजपा अफजाल और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर बनी रही

Anshuman Tiwari
Published on: 31 May 2024 5:10 AM GMT
UP Election ( Social Media Photo)
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UP Election ( Social Media Photo)

Lok Sabah Election: उत्तर प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में जिन सीटों पर कल मतदान होना है,उनमें पूर्वांचल की चर्चित गाजीपुर लोकसभा सीट भी शामिल है। आखिरी चरण की अन्य सीटों के साथ इस सीट पर भी गुरुवार को चुनावी शोर थम चुका है। इस लोकसभा सीट पर सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि अपनी मौत के बाद भी बाहुबली मुख्तार अंसारी गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पिछले करीब दो महीने के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी के बीच मुख्तार अंसारी के मुद्दे पर ही वार-पलटवार का दौर चलता रहा।

इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इस लोकसभा क्षेत्र में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। मुख्तार अंसारी के बहाने भाजपा अफजाल और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर बनी रही। वहीं दूसरी ओर सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने मुख्तार को माफिया मानने से इनकार करते हुए योगी सरकार और बृजेश सिंह पर लगातार निशाना साधा। अब कल होने वाले मतदान के दौरान भी मुख्तार फैक्टर को काफी अहम माना जा रहा है।


चुनावी माहौल में गरमाया मुख्तार का मुद्दा

गाजीपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के दिग्गज प्रत्याशी मनोज सिन्हा को हराने में कामयाबी हासिल की थी। केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में कई काम कराए थे मगर इसके बावजूद उन्हें अफजाल के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा था। इस बार के लोकसभा चुनाव में अफजाल ने पाला बदलते हुए समाजवादी पार्टी का टिकट हासिल कर लिया। चुनावी माहौल के बीच ही बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत हो गई।मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यह मामला सियासी रूप से भी काफी गरमा गया। मुख्तार की मौत के बाद अंसारी कुनबे से मुलाकात करने के लिए कई सियासी दलों के नेता गाजीपुर पहुंचे थे। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी गाजीपुर पहुंचकर अंसारी कुनबे के सदस्यों से मुलाकात की थी। अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के बेटे इस मौत को लेकर लगातार भाजपा और योगी सरकार पर हमला करते रहे हैं और इस कारण चुनावी माहौल में यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ है।



मुख्तार के मुद्दे पर भाजपा हमलावर

दूसरी ओर भाजपा भी मुख्तार अंसारी को लेकर अफजाल और समाजवादी पार्टी पर हमला करती रही है। गाजीपुर में भाजपा प्रत्याशी पारसनाथ राय के समर्थन में सभा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे। दोनों नेताओं ने गाजीपुर में माफिया के वर्चस्व पर सवाल उठाए थे। योगी आदित्यनाथ ने तो माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का बहुचर्चित बयान भी दिया था।सपा मुखिया अखिलेश यादव के मुख्तार अंसारी के घर जाने के मुद्दे को लेकर भी योगी आदित्यनाथ गाजीपुर और पूर्वांचल के अन्य जिलों की सभाओं में हमलावर रहे। भाजपा के प्रदेश स्तरीय और स्थानीय नेताओं ने भी चुनाव प्रचार के दौरान लगातार मुख्तार का मुद्दा उठाया और इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला।


अफजाल की बेटी ने भी कर रखा है नामांकन

बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अंसारी कुनबा गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाने में लगातार जुटा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस लोकसभा सीट पर मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी और अफजाल की बेटी नुसरत दोनों ने नामांकन दाखिल किया है। अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं और वे साइकिल चुनाव निशान पर अपनी ताकत दिखाएंगे तो दूसरी ओर उनकी बेटी नुसरत को छड़ी चुनाव निशान मिला है।दरअसल गाजीपुर लोकसभा सीट से अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत ने एक विशेष रणनीति के तहत नामांकन दाखिल किया था। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के मामले में चार साल की सजा मिली थी और इस सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी तौर पर रोक लगाई थी।सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को 30 जून तक इस मामले में फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला खिलाफ जाने की स्थिति में अंसारी कुनबे ने एक विशेष रणनीति के तहत नुसरत का भी नामांकन कराया था।


अंसारी कुनबे की क्या है रणनीति

जानकारों का कहना है कि वैसे बाद में पूरी मजबूती के साथ अफजाल को ही चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया। अब यदि हाईकोर्ट का फैसला खिलाफ गया तो इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।यदि सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो उपचुनाव होने की स्थिति में नुसरत को पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ाया जा सकता है।भाजपा की ओर से इस लोकसभा सीट पर पारसनाथ राय को चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में डॉक्टर उमेश कुमार सिंह चुनौती देने में जुटे हुए हैं।

मुख्तार की मौत में साजिश का आरोप

पांच बार विधायक और दो बार सांसद का चुनाव जीतने वाले अफजाल अंसारी का आरोप है कि मुख्तार अंसारी की मौत एक साजिश के तहत हुई है और इसे लेकर गाजीपुर और पूर्वांचल के अन्य क्षेत्रों के लोगों में काफी आक्रोश है।उनका दावा है कि मुख्तार की मौत को लेकर लोगों में कितना गुस्सा है, इसका पता 4 जून को घोषित होने वाले नतीजे से लग जाएगा। मुख्तार अंसारी की गत 28 मार्च को बांदा जिला जेल में तबियत बिगड़ गई थी और बाद में जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मुख्तार की मौत हो गई थी।


चुनाव में दिखेगा मुख्तार फैक्टर का असर

सियासी जानकारी का मानना है कि गाजीपुर के लोकसभा चुनाव में मुख्तार फैक्टर काफी असर डालने वाला साबित होगा। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी की ओर से इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा मुख्तार के मुद्दे पर को लेकर लगातार हमलावर है।अब कल होने वाले मतदान में भी इस फैक्टर का बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि गाजीपुर में मुख्तार फैक्टर कितना असर कारक साबित होता है और इसका सियासी फायदा किसे हासिल होता है।

Shalini Rai

Shalini Rai

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