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Loksabha Election 2024: नगीना सीट है सपा-बसपा का गढ़, चंद्रशेखर बिगाड़ेंगे मायावती का खेल
Loksabha Election 2024 Nagina Seats Details:नगीना लोकसभा सीट बसपा के लिए बहुत अहम है। एक तरफ यह सीट उनकी जीती हुई सीट है जबकि उसकी इस सीट को राजनैतिक विरासत की सीट भी माना जाता है।
Loksabha Election 2024: यूपी के 17 सुरक्षित सीटों में शामिल नगीना लोकसभा सीट पर आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने उम्मीदावरी ठोककर चर्चा में ला दिया है। यहां भाजपा ने ओम कुमार तो बसपा ने सुरेंद्र पाल को उम्मीदवार बनाया है। जबकि इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में है। सपा ने मनोज कुमार को मैदान में उतारा है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के आने से नगीना का चुनाव न केवल दिलचस्प बना हुआ है बल्कि यह सीट हॉट सीट की लिस्ट में शामिल हो गई है।
लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा ने दलित और मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर पहली बार कमल खिलाया था। जबकि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार गिरीश चंद्र ने भाजपा के यशवंत सिंह को 1,66,832 वोटों से हराकर यह सीट बसपा के खाते में डाल दिया था। इस चुनाव में गिरीश चंद्र को 5,68,378 और यशवंत सिंह को 4,01,546 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के ओमवती देवी को महज 20,046 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के यशवंत सिंह ने सपा के यशवीर सिंह को 92,390 वोटों से हराकर पहली बार कमल खिलाया था। इस चुनाव में यशवंत सिंह को 3,67,825 और यशवीर सिंह को 2,75,435 वोट मिले थे। जबकि बसपा के गिरीश चंद्र को 2,45,685 वोट मिले थे। नगीना लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 05 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। नगीना लोकसभा क्षेत्र का गठन बिजनौर जिले के नूरपुर, नहटौर, नजीबाबाद, नगीना और धामपुर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। फिलहाल इन 5 सीटों में से 2 पर भाजपा और 3 पर सपा का कब्जा है। यह लोकसभा क्षेत्र 2008 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 15,86,117 मतदाता हैं। जिनमें से 7,42,230 पुरुष और 8,43,827 महिला मतदाता हैं। बता दें कि नगीना लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,09,785 यानी 63.66 प्रतिशत मतदान हुआ था।
नगीना लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
नगीना लोकसभा सीट कभी बिजनौर के अंतर्गत आता था। यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। यहां पर पहली बार 2009 में मतदान हुआ था। इस सीट के तहत आने वाले नजीबाबाद विधानसभा क्षेत्र को 'गेटवे ऑफ हिमालय' कहा जाता है, और यह बिजनौर से करीब 37 किमी दूरी पर स्थित है। यह शहर नवाब नजीब-उद-दौल ने बसाया था जिन्हें नजीब खान भी कहा जाता है। प्रसिद्ध निजाब-उद-दुलाह किला भी इस क्षेत्र में स्थित है, बाद में इसे अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने सुल्ताना डाकू के आवास के रूप में संबोधित किया था। नजीबुददौला किला भी नजीबाबाद में बना हुआ है।
इस किले को गुलाम कादिर उर्फ नजीबुददौला ने 18वीं शताब्दी के मुगल साम्राज्य के पतन के बाद बनाया था। पहले यह शहर नजीबुददौला के नाम पर जाना जाता था फिर बाद में यह नजीबाबाद कहलाने लगा। नगीना लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में यहां की जनता ने हर बार नई पार्टी के उम्मीदवार को जिताकर संसद में भेजा है। इसके अलावा दो बार बाहरी प्रत्याशी को इस सीट पर जीत दर्ज करने का मौका मिला है। इस बार के चुनाव में भाजपा, सपा व बसपा के अलावा आजाद समाज पार्टी भी पहली बार चुनाव की मुख्य लड़ाई में कूदी है।
भाजपा, बसपा और सपा का लगा है इस चुनाव में दाव
नगीना लोकसभा सीट बसपा के लिए बहुत अहम है। एक तरफ यह सीट उनकी जीती हुई सीट है जबकि उसकी इस सीट को राजनैतिक विरासत की सीट भी माना जाता है। क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने 1989 में बिजनौर से जीतकर ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, उस समय नगीना का क्षेत्र बिजनौर लोकसभा सीट के अंतर्गत ही आता था। वहीं सपा के लिए भी यह सीट बहुत अहम है। वजह साफ है कि नगीना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर उसके विधायक हैं। उसमें भी नगीना व नजीबाबाद सीट पर उसके विधायकों ने हाल ही में हुए विधानसभा 2022 के चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई थी। सपा इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के साथ आने से इस सीट पर अपनी मजबूत पकड़ मान रही है।
वहीं इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार ओम कुमार का उनकी प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। नहटौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक होते हुए भी भाजपा हाईकमान द्वारा उन्हें लोकसभा का टिकट देने के बाद उनके सामने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने के साथ-साथ अपने राजनीतिक सफर के विजय रथ को बरकरार रखने की कड़ी चुनौती होगी। भाजपा विपक्ष के वोटों के बिखराव की उम्मीद पर तथा विपक्षी पार्टियां दलित-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे अपनी जीत की नैया पार लगाने का ख्वाब देख रही है।
नगीना लोकसभा में जातीय समीकरण
नगीना लोकसभा क्षेत्र में अगर जातीय समीकरण की बात करें तो इसे मुस्लिम-दलित बाहुल्य सीट माना जाता है। इस सीट पर मुस्लिम-दलित मतदाताओं का रुख ही परिणाम की दिशा तय करता है। इस सीट पर दलित समाज के करीब 21 प्रतिशत मतदाता हैं। यहां आने वाली सभी विधानसभा सीटों का हिसाब लगाएं तो करीब 50 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। सपा, बसपा और आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवारों की निगाह इन दोनों समाज के मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने पर लगे हुए हैं। जबकि भाजपा भी मुस्लिम महिलाओं व दलित मतदाताओं से अपनी उम्मीद लगाए बैठी है।
नगीना लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- सपा से यशवीर सिंह 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से यशवंत सिंह 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से गिरीश चंद्र 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।