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Lok Sabha Election 2024: फतेहपुर में भाजपा-सपा में कड़ा मुकाबला,साध्वी निरंजन ज्योति की हैट्रिक में नरेश उत्तम बने बड़ी बाधा
Lok Sabha Election 2024: इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन की सियासी राह इस बार आसान नहीं मानी जा रही है।
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। भाजपा ने इस सीट पर पिछले दो चुनावों में जीत हासिल करने वाले साध्वी निरंजन ज्योति को हैट्रिक लगाने का मौका दिया है। समाजवादी पार्टी ने इस बार भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को चुनाव मैदान में उतार कर साध्वी निरंजन ज्योति के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।बसपा ने बाहरी उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए कानपुर के डॉक्टर मनीष सचान को अपना प्रत्याशी बनाया है। वैसे इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन की सियासी राह इस बार आसान नहीं मानी जा रही है। इस लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होने वाला है।
फतेहपुर लोकसभा सीट का स्वरूप
फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं-जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर सदर, अयाह शाह, हुसैनगंज और खागा (एससी)। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय फतेहपुर की सभी छह विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था मगर इस बार स्थिति बदली हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने हुसैनगंज और फतेहपुर सदर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी।ऐसे में भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति के लिए इन दोनों क्षेत्रों में अपनी ताकत दिखाना आसान साबित नहीं होगा। वैसे अपने कब्जे वाले दो विधानसभा क्षेत्रों के अलावा सपा प्रत्याशी नरेश उत्तम पटेल ने अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी पूरी ताकत लगा रखी है जिससे साध्वी की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास
यदि फतेहपुर लोकसभा सीट पिछले 20 वर्षों में हुए चुनावों को देखा जाए तो 2004 में इस लोकसभा सीट पर बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद ने जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी ने इस लोकसभा सीट पर 2009 में आखिरी जीत हासिल की थी जब सपा के राकेश सचान विजयी हुए थे। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर साध्वी निरंजन ज्योति ने जीत हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखाई थी। भाजपा ने एक बार फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतार कर हैट्रिक लगाने का मौका दिया है।
वैसे इस लोकसभा क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। फतेहपुर लोकसभा सीट से ही 1989 में वीपी सिंह जनता दल के टिकट पर कामयाब होकर देश के प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 1991 के लोकसभा चुनाव में वीपी सिंह ने एक बार फिर इस सीट पर जीत हासिल की थी।पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हरिकिशन शास्त्री भी 1980 और 1984 में इस सीट से दो बार सांसद चुने गए थे। 1998 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में डॉक्टर अशोक पटेल ने इस सीट से जीत दर्ज करके बीजेपी का खाता खोला था। 1999 के चुनाव में वे दोबारा यहां से सांसद चुने गए थे।
राम मंदिर आंदोलन से मिली साध्वी को पहचान
फतेहपुर की मौजूदा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने 21 वर्ष की उम्र में स्वामी अच्युतानंद से गुरु दीक्षा लेकर संन्यासी जीवन धारण किया था। पहले वे कथावाचक थीं मगर बाद में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़ गईं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। दो वर्ष 2000 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता लेकर सियासी मैदान में अपनी सक्रियता बढ़ाई।2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें हमीरपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था मगर दोनों चुनावों में उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।
2012 में वे हमीरपुर से पहली बार विधायक बनी थीं। बाद में भाजपा ने उन्हें 2014 में फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया।2019 में भी वे बड़े मार्जिन से लोकसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। दो चुनाव में लगातार जीत के बाद उन्हें मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया था। अब एक बार फिर वे फतेहपुर में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
नरेश उत्तम बने साध्वी की हैट्रिक में बाधा
समाजवादी पार्टी ने फतेहपुर लोकसभा सीट पर काफी मंथन करने के बाद नरेश उत्तम पटेल की उम्मीदवारी का ऐलान किया था। नामांकन के आखिरी दिन उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की गई थी। इसलिए उन्हें चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल सका।भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए सपा ने इस बार स्थानीय ट्रंप कार्ड खेला है और यही कारण है कि साध्वी निरंजन ज्योति की सियासी राह मुश्किल हो गई है। चुनावी बाजी जीतने के लिए भाजपा और सपा दोनों ने पूरी ताकत लगा रखी है और ऐसे में सबकी निगाहें 20 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान पर टिकी हुई हैं।
सपा मुखिया अखिलेश की टिप्पणी पर विवाद
साध्वी निरंजन ज्योति की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां जनसभा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने सपा और कांग्रेस दोनों पर तीखा हमला बोला था। पीएम मोदी के दौरे से एक दिन पूर्व सपा मुखिया अखिलेश यादव भी नरेश उत्तम पटेल के समर्थन में चुनावी सभा करने फतेहपुर पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने साध्वी निरंजन ज्योति पर निशाना साधते हुए एक विवादित बयान दे डाला था।सपा अध्यक्ष ने फतेहपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को घटिया, खराब और खटारा इंजन बता दिया था। उनके इस बयान को लेकर साध्वी निरंजन ज्योति ने तीखा पलटवार किया था।उनका कहना था कि इस बयान के जरिए अखिलेश ने सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरे महिला समाज का अपमान किया है। उनका कहना था कि फतेहपुर के लोग एक महिला पर की गई इस आपत्तिजनक टिप्पणी का जवाब देंगे।
जातीय समीकरण साधने की जंग
फतेहपुर में सपा के प्रत्याशी नरेश उत्तम पटेल पार्टी के बड़े चेहरे हैं और ऐसे में फतेहपुर लोकसभा सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा की जंग मानी जा रही है। दूसरी ओर भाजपा भी इस सीट पर हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी हुई है।
बसपा ने सजातीय उम्मीदवार उतार कर सपा के लिए मुश्किलें पैदा की हैं।ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि सपा प्रत्याशी नरेश उत्तम जातीय समीकरण साधने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं, यदि बसपा प्रत्याशी डॉक्टर मनीष सचान सपा के वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब रहे तो निश्चित रूप से साध्वी निरंजन ज्योति की सियासी राह एक बार फिर आसान हो सकती है