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NDA Meeting Update: चन्द्रबाबू की डिमांड लिस्ट है लम्बी, कई मंत्रालय और स्पीकर पद तक शामिल
NDA Meeting Update: अब भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक बन गया है और इसी से उत्साहित चन्द्रबाबू नायडू अब अपनी मांगों की फेहरिस्त लेकर दिल्ली में हैं।
NDA Meeting: लोकसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) के शानदार प्रदर्शन के चलते प्रति सुप्रीमो चन्द्रबाबू नायडू का उत्साह और कॉन्फिडेंस नेक्स्ट लेवल पर अवश्य ही होगा। उनके उत्साह में भाजपा के राष्ट्रीय चुनावी प्रदर्शन ने इजाफा ही कर दिया है क्योंकि अब वे अपनी मांग और शर्तें रखने की स्थिति हो गए हैं। नायडू की पार्टी ने आंध्र प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों में से 16 पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा राज्य विधानसभा में शानदार बहुमत भी हासिल किया हुआ है।
दिल्ली पहुंचे नायडू
चूँकि भाजपा केंद्र में बहुमत से चूक गई है जिससे टीडीपी अब भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक बन गया है और इसी से उत्साहित चन्द्रबाबू नायडू अब अपनी मांगों की फेहरिस्त लेकर दिल्ली में हैं। नायडू ने कहा है कि वह इंडिया अलायन्स में शामिल होने नहीं जा रहे और पुष्टि की कि वह अभी भी एनडीए का हिस्सा हैं।
क्या क्या हैं डिमांड
- चंद्रबाबू नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण विभागों की मांग भी कर सकते हैं और यहां तक कि स्पीकर का पद भी मांग सकते हैं। कहा जा रहा है कि नायडू स्वास्थ्य, ग्रामीण और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय मांग सकते हैं। यही नहीं उनकी लिस्ट में जल शक्ति, आईटी, वित्त राज्य मंत्री जैसे पोर्टफोलियो भी शामिल हैं। नायडू की मंत्री सूची में बी.के, पार्थसारथी, बी नागराजू, पी महेश कुमार, कृष्णा प्रसाद, श्रीप्रभात, डीपी राव शामिल हो सकते हैं।
- नायडू की मांग में अमित शाह को मंत्रिमंडल से हटाना भी शामिल हो सकता है क्योंकि नायडू जब सीएम थे तब उनके और शाह के बीच वाद-विवाद और आरोप-प्रत्यारोप काफी चले थे। चंद्रबाबू की गिरफ्तारी हुई थी और उनको जेल तक जाना पडा था।
- बताया जाता है कि टीडीपी सुप्रीमो आंध्र के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) मांग सकते हैं। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने 2018 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। एससीएस सुनिश्चित करेगा कि राज्य को अधिक केंद्रीय निधि मिले, राज्य सरकार को अधिक अनुदान मिले और आयकर छूट, सीमा शुल्क छूट, जीएसटी रियायतें जैसे औद्योगिक प्रोत्साहन मिलें।
- चंद्रबाबू आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती के विकास को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र से अतिरिक्त धनराशि की मांग कर सकते हैं। यह परियोजना है जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसीपी) के 2019 में सत्ता में आने के बाद रुकी पड़ी है। 2014 और 2019 के बीच नायडू के शासन के दौरान निर्मित कई इमारतें और अपार्टमेंट परिसर आज खाली पड़े हैं जबकि नया बना इंफ्रास्ट्रक्चर खराब हो रहा है। नायडू राजधानी शहर का विकास तत्काल शुरू करने का इरादा रखते हैं।
- चन्द्रबाबू नायडू द्वारा रखी जाने वाली एक और मांग है, लंबे समय से लटकी पड़ी पोलावरम परियोजना को पूरा करने के लिए फंड्स मुहैया कराना। नायडू ने चुनाव प्रचार के दौरान इसका वादा भी किया था।
- नायडू अपने बेटे और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश को राष्ट्रीय मंच पर लाने की भी कोशिश कर रहे हैं। लोकेश ने विधानसभा चुनाव में मनागलगिरी से पहली जीत हासिल की है।
- नायडू ने चुनाव अभियान में दावा किया था कि जगन सरकार आंध्र में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है सो अब वह केंद्र सरकार से घोटालों और जगन की जांच करने की अनुमति देने की भी डिमांड रख सकते हैं।