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Election Result 2024: पूरी तरह फेल साबित हुए ओमप्रकाश राजभर, अपने विधानसभा क्षेत्र में भी BJP को नहीं दिला सके बढ़त
Election Result 2024: जानकारों का मानना है कि राजभर को उनका बड़बोलापन ले डूबा और इसी कारण वे इस बार के लोकसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा सके।
Election Result 2024: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। घोसी लोकसभा क्षेत्र में डेरा डाले रहने के बावजूद वे अपने बेटे अरविंद राजभर को जीत नहीं दिला सके। सपा प्रत्याशी राजीव राय ने उनके बेटे को लंबे मार्जिन से करारी शिकस्त दी है। पूर्वांचल की दो दर्जन लोकसभा सीटों पर अपने प्रभाव का दावा करने वाले ओमप्रकाश राजभर अपनी विधानसभा सीट जहूराबाद में भी भाजपा को वोट दिलाने में पूरी तरह फेल साबित हुए।
उनके विधानसभा क्षेत्र में भी सपा प्रत्याशी को भाजपा पर अच्छी खासी बढ़त हासिल हुई। जानकारों का मानना है कि राजभर को उनका बड़बोलापन ले डूबा और इसी कारण वे इस बार के लोकसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा सके।
घोसी लोकसभा क्षेत्र में बेटे की बड़ी हार
सबसे पहले बात यदि घोसी लोकसभा क्षेत्र की की जाए तो अपने बेटे अरविंद राजभर को जीत दिलाने के लिए ओमप्रकाश राजभर ने लगातार घोसी में डेरा डाले रखा मगर इस लोकसभा क्षेत्र में राजभर का कोई जादू नहीं चल सका। घोसी लोकसभा सीट पर सपा और एनडीए के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी और चुनावी जीत हासिल करने के लिए दोनों पक्षों ने पूरी ताकत झोंक रखी थी।
बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए राजभर ने गांव-गांव की खाक छानी मगर आखिरकार सपा प्रत्याशी राजीव राय इस लोकसभा क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने राजभर के बेटे अरविंद राजभर को 1,62,943 वोटों से हराया।
इस लोकसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी राजीव राय को 5,03,131 वोट मिले हैं, तो वहीं एनडीए से सुभासपा के प्रत्याशी ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद को 3,40,188 वोट मिले हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बालकृष्ण चौहान 2,09,404 वोट पाने में कामयाब रहे।
फेल साबित हुआ राजभर का बड़ा दावा
सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर पूर्वांचल की वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, देवरिया, बलिया, मऊ, गोरखपुर सहित करीब दो दर्जन सीटों पर अपने प्रभाव का दावा करते रहे हैं। इनमें से अधिकांश सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है और जहां जीत मिली भी है,वहां राजभर की कोई भूमिका नहीं मानी जा रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था मगर चुनाव के बाद उनके सपा मुखिया अखिलेश यादव से रिश्ते बिगड़ गए थे। ऐसे में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर के प्रभाव से चुनावी लाभ हासिल करने का सपना देखा था जो पूरी तरह टूट गया है।
आसपास की सीटों पर भी नहीं दिखा असर
ओमप्रकाश राजभर घोसी ही नहीं बल्कि इसके आसपास के बलिया, गाजीपुर, सलेमपुर, चंदौली और जौनपुर आदि लोकसभा क्षेत्रों में अपनी बिरादरी तक का वोट भाजपा के पक्ष में नहीं डलवा पाए। घोसी में मिली हार के पीछे राजभर का बड़बोलापन भी बड़ा कारण माना जा रहा है। राजभर चुनाव के पहले से ही उल्टे-सीधे बयान देते रहे जिसका उनके बेटे को इस चुनाव में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है।
अपने विधानसभा क्षेत्र में भी नहीं दिखा सके ताकत
राजभर के प्रभाव को बलिया लोकसभा क्षेत्र के उदाहरण से समझा जा सकता है। बलिया लोकसभा क्षेत्र में इस बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सनातन पांडेय ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को बुरी तरह हराया है। बलिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र बलिया सदर, बैरिया,फेफना, जहूराबाद और मोहम्मदाबाद आते हैं। जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र में 2022 के विधानसभा चुनाव में खुद ओमप्रकाश राजभर ने जीत हासिल की थी।
ऐसे में भाजपा को उम्मीद थी कि राजभर जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को बड़ी बढ़त दिलाएंगे। अब चुनाव नतीजे से साफ हुआ है कि ओमप्रकाश राजभर अपने विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा प्रत्याशी को बढ़त नहीं दिला सके। जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय को 1,05,618 वोट मिले हैं जबकि भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर 91,431 वोट ही हासिल कर सके। बसपा प्रत्याशी लल्लन सिंह यादव को इस विधानसभा क्षेत्र में 33,667 वोट मिले हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में सनातन पांडेय ने 14,187 वोटों की बढ़त हासिल की।
मंत्री दयाशंकर सिंह भी फेल साबित हुए
वैसे बलिया लोकसभा चुनाव में राज्य सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी अपना असर नहीं दिखा सके। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को तीन विधानसभा क्षेत्रों बलिया सदर, बैरिया और फेफना में बड़ी बढ़त हासिल हुई थी जबकि जहूराबाद और मोहम्मदाबाद में पार्टी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त पिछड़ गए थे।
पिछले लोकसभा चुनाव में बलिया सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को लगभग 45,000 वोटों की बढ़त हासिल हुई थी मगर इस बार परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के विधानसभा क्षेत्र बलिया सदर में भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को मात्र 5,682 वोटों की बढ़ते ही हासिल हो सकी। यहां भाजपा प्रत्याशी को 92,299 वोट मिले हैं जबकि सपा के सनातन पांडेय 86,617 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह दयाशंकर सिंह भी अपने विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए अपनी ताकत नहीं दिखा पाए।