×

Hardoi News: एक बार फिर भाजपा के जय प्रकाश और सपा की उषा आमने सामने

Hardoi News:हरदोई में भाजपा के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी उषा वर्मा के बीच हुए कड़े मुकाबले में जयप्रकाश रावत ने भाजपा के चुनाव निशान पर दो बार जीत हासिल की है।

Pulkit Sharma
Published on: 4 March 2024 3:57 PM IST (Updated on: 4 March 2024 4:08 PM IST)
Hardoi News
X

भाजपा के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी उषा वर्मा source: Newstrack

Hardoi News: हरदोई में लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) और समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि कांग्रेस (Congress) का समर्थन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के साथ है। बहुजन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अभी तक हरदोई में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने हरदोई से पूर्व सांसद उषा वर्मा (Usha Verma) को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद जयप्रकाश रावत (MP Jaiprakash Rawat) पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें हरदोई लोकसभा से उम्मीदवार बनाया है। हरदोई में यह चौथी बार होगा जब जयप्रकाश रावत और उषा वर्मा आमने-सामने होंगे। दोनों के बीच काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। दोनों ही प्रत्याशी काफी मझे हुए राजनेता है। जयप्रकाश रावत पांच बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा पहुंच चुके हैं जबकि उषा वर्मा तीन बार संसद भवन पहुंच चुकी हैं। जयप्रकाश रावत तीन बार हरदोई से और दो बार लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद बनकर संसद भवन पहुंचे हैं।

उषा वर्मा को मिली ससुर की विरासत

हरदोई में भाजपा के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की प्रत्याशी उषा वर्मा के बीच हुए कड़े मुकाबले में जयप्रकाश रावत ने भाजपा के चुनाव निशान पर दो बार जीत हासिल की है। जबकि समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर उषा वर्मा ने एक बार जीत हासिल की है। 1998 में उषा वर्मा ने अपने ससुर परमाई लाल के राजनीतिक विरासत को संभाला। परमाई लाल सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के काफी करीबी थे। जिसके चलते उषा वर्मा को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया। लोकसभा चुनाव में उषा वर्मा ने 15426 मतों से 1991 और 1996 में दो बार से सांसद जयप्रकाश रावत को पर जीत हासिल की और हरदोई से सांसद बनकर संसद भवन पहुँची। लोकसभा भंग होने के कारण 1999 में एक बार फिर से उषा वर्मा और जय प्रकाश रावत आमने-सामने आए। इस बार जयप्रकाश रावत लोकतांत्रिक कांग्रेस से टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। उषा वर्मा और जयप्रकाश रावत के बीच कांटे के मुकाबले में जयप्रकाश रावत ने उषा वर्मा को 5404 मतों से हराया। इसके बाद 2019 में एक बार फिर जयप्रकाश रावत को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया और समाजवादी पार्टी ने उषा वर्मा को टिकट देकर मैदान में उतारा। इस बार मोदी लहर में जयप्रकाश रावत ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की जयप्रकाश रावत ने उषा वर्मा को 132474 मतों से हराया। एक बार फिर 2024 में जयप्रकाश रावत और उषा वर्मा आमने-सामने है। इस बार भी दोनों के बीच काफी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। देखने वाली बात यह होगी कि इस चुनाव में हरदोई से जीत का परचम कौन लहराता है।

यह रहा इतिहास

जयप्रकाश रावत ने 2004 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ के मोहनलालगंज से जीत हासिल की थी। वहीं उषा वर्मा ने हरदोई से समाजवादी पार्टी का टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 के चुनाव में जयप्रकाश रावत ने पाला बदलते हुए बसपा के टिकट से मोहनलालगंज से लोकसभा चुनाव लड़े पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुशील सरोज से चुनाव हार गए। हालांकि इसके बाद बसपा प्रमुख द्वारा जयप्रकाश रावत को राज्यसभा भेज दिया गया था। वहीं उषा वर्मा ने हरदोई से एक बार फिर जीत हासिल की। वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े। अंशुल वर्मा ने समाजवादी पार्टी से सांसद उषा वर्मा का विजय रथ रोक दिया। 2014 में अंशुल वर्मा बीजेपी के टिकट से लोकसभा पहुंचे थे।



Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

Next Story