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Lok Sabha Election: पूर्णिया में किसके वोटों पर कैंची चलाएंगे पप्पू यादव, मैदान में डटे रहने से रोचक हुई जंग

Lok Sabha Election 2024: निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव नामांकन दाखिल करने से पहले से ही यह बात कहते रहे हैं कि वे किसी भी कीमत पर पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। वे

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 9 April 2024 3:43 AM GMT
Lok Sabha Election
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Lok Sabha Election 2024  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस की ओर से दिए गए अल्टीमेटम के बावजूद पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस नहीं लिया। पूर्णिया में सोमवार को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख थी और पप्पू यादव मुकाबले में डटे हुए हैं। मजे की बात यह है कि पप्पू यादव को वही कैंची चुनाव निशान मिला है जो उनकी जन अधिकार पार्टी का सिंबल था। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार पप्पू यादव किसके वोटों पर कैंची चलाएंगे।

पप्पू यादव पिछले मार्च महीने में अपनी नौ साल पुरानी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर चुके हैं मगर उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह का वह निर्देश ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने पप्पू यादव से अपना नामांकन वापस लेने को कहा था। पप्पू यादव के डटे रहने से अब पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबले की तस्वीर उभर रही है। जदयू ने इस सीट पर लगातार दो बार जीत हासिल करने वाले संतोष कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि राजद की ओर से बीमा भारती उम्मीदवार हैं।

पप्पू यादव ने वापस नहीं लिया नामांकन

निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव नामांकन दाखिल करने से पहले से ही यह बात कहते रहे हैं कि वे किसी भी कीमत पर पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ना चाहते थे मगर सीट बंटवारे में पूर्णिया सीट के राजद के खाते में चले जाने के बाद उनका सपना टूट गया था। उन्होंने 4 अप्रैल को इस सीट पर अपना नामांकन दाखिल किया था और उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।

नाम वापसी के आखिरी दिन सोमवार को उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय और जनता के उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद उनके साथ है। पप्पू यादव ने पहले भी कई बार दोहराया है कि वे मर जाएंगे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे, दुनिया छोड़ देंगे मगर पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने पिछले कई महीने से प्रणाम पूर्णिया अभियान भी चला रखा है और पूर्णिया से ही उनके सियासी भविष्य का फैसला होने वाला है।


पिछले दो चुनावों में जीत चुके हैं संतोष कुशवाहा

पूर्णिया में जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा इस सियासी पिच के पुराने खिलाड़ी रहे हैं। संतोष कुशवाहा ने 2010 में पूर्णिया की बायसी विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की है। मौजूदा लोकसभा चुनाव में जदयू एनडीए का हिस्सा है और जदयू ने एक बार फिर उन्हें पूर्णिया के चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।

संतोष कुशवाहा को नीतीश कुमार का काफी भरोसेमंद माना जाता रहा है और इसी कारण संतोष कुशवाहा को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले साल दिसंबर महीने में जब नीतीश कुमार ने ललन सिंह को हटाकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी, उस समय भी संतोष कुशवाहा ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इस बार भी उन्हें पूर्णिया में काफी मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।


पूर्णिया में पप्पू यादव भी दिखा चुके हैं ताकत

दूसरी ओर पप्पू यादव भी पूर्णिया के लोगों के लिए अनजान नहीं है वे इस लोकसभा सीट से तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। दो बार उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सांसद का चुनाव जीता जबकि एक बार वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। सपा का पूर्णिया क्षेत्र में कोई सियासी असर नहीं है। ऐसे में पप्पू यादव ने वह चुनाव भी अपने दम पर ही जीता था।

पूर्णिया के अलावा पप्पू यादव 2004 और दो 2014 में राजद के सिंबल पर मधेपुरा से भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इसके बाद उन्होंने चुनावी जीत का स्वाद नहीं रखा है और इस बार वे पूर्णिया में अपनी ताकत दिखाने को बेकरार हैं। कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था मगर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की बाजीगरी से वे मात खा गए।


लालू ने पूर्णिया को बनाया नाक का सवाल

राजद उम्मीदवार बीमा भारती भले ही लोकसभा चुनाव के लिए नई हों मगर वे भी क्षेत्र के लिए अनजान नहीं है। वे पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली रुपौली विधानसभा सीट से पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुकी हैं। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जदयू के टिकट पर जीता था मगर हाल में उन्होंने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। अब लालू यादव ने उन्हें पूर्णिया के सियासी रण में उतार दिया है।

बीमा भारती के पति अवधेश मंडल को इलाके का डॉन माना जाता रहा है और अब उनके सिर पर लालू और तेजस्वी का हाथ है। ऐसे में उनकी दावेदारी को भी नकारा नहीं जा सकता।

लालू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट को अपनी नाक का सवाल बना लिया और आखिरकार उन्होंने इस सीट पर बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतार कर पप्पू की सियासी राह में कांटे बो दिए हैं। लालू कुनबा पूर्णिया सीट को कितना महत्व दे रहा है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि बीमा भारती के नामांकन के मौके पर खुद पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पूर्णिया पहुंचे थे।


त्रिकोणात्मक मुकाबले से रोचक हुई जंग

सियासी जानकारों का मानना है कि अब पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणात्मक मुकाबला होगा। तीनों उम्मीदवार पूरी मजबूती के साथ ताल ठोक रहे हैं। सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि आखिरकार पप्पू यादव अपने दम पर जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा और राजद प्रत्याशी बीमा भारती को चुनौती देने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

पूर्णिया की लोकसभा सीट का फैसला करने में पांच लाख अल्पसंख्यक और पांच लाख एससी और ओबीसी मतदाताओं की भूमिका निर्णायक होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कौन उम्मीदवार इन मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में कामयाब हो पाता है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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