TRENDING TAGS :
Lok Sabha Election 2024: वादा किया तीन साल का, हो गए दस साल, कहां है बुंदेलखंड राज्य?
Lok Sabha Election 2024: वरिष्ठ समाजसेवी तथा बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर महोबा शहर के आल्हा चौक पर 635 दिन अनशन किया था।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2014 में झांसी –ललितपुर सीट से भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती प्रत्याशी थीं। उमा की जीत तय करने के लिए 30 अक्टूबर 2014 को चुनावी सभा को संबोधित करने नरेंद्र मोदी झांसी आए थे। इसी दौरान उमा भारती ने घोषणा की थी कि अगर वे चुनाव जीत गईं तो तीन साल में पृथक बुंदेलखंड राज्य का निर्माण करवा देंगीं। पर, आज दस वर्ष से ज्यादा गुजर गए पर यहां के लोगों का यह सपना अब तक पूरा नहीं हुआ।
उमा का वायदा तो कब का हवा हो गया और उसके साथ उमा भारती भी सक्रिय राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गईं। जब- जब चुनाव आते हैं तब तब बुंदेलखंड के निवासियों से वोट हासिल करने के लिए नेता पृथक बुंदेलखंड राज्य का वायदा करने से नहीं चूकते।
इसके बाद उमा भारती चुनाव जीतीं, उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री भी बनाया गया। पर उन्होंने अपने वायदे को पूरा नहीं किया। हालांकि, उमा के केंद्रीय मंत्री बनने पर सबसे ज्यादा खुशी बुंदेलखंडवासियों को हुई थी, उन्हें लगा था कि उमा उनके सपने को पूरा करेंगी। इसके बाद झांसी की तमाम संस्थाएं लगातार उमा भारती से संपर्क करके उन्हें उनके वायदे को याद दिलातीं रहीं। बुंदेलखंड राज्य के लिए उमा भारती ने कोई सार्थक पैरवी नहीं की। अब उमा भारती राजनीतिक परिदृश्य से गायब हैं उनका पृथक बुंदेलखंड राज्य का वायदा भी मोदी सरकार-1 और उसके बाद मोदी सरकार -2 द्वारा भुला दिया गया।
खून से लिखे खत का भी नहीं पड़ा प्रभाव
वरिष्ठ समाजसेवी तथा बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर महोबा शहर के आल्हा चौक पर 635 दिन अनशन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तब से अब तक 23 बार खून से खत लिखकर बुंदेलखण्ड पृथक राज्य की मांग भी कर चुके हैं। बुंदेलखण्ड की बहनें पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर प्रत्येक रक्षाबंधन पर तीन लाख से अधिक राखियां प्रधानमंत्री मोदी को भेज चुकी हैं।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ज्ञापनों के माध्यम से विगत 10 वर्ष से प्रधानमंत्री को बुंदेलखंड राज्य निर्माण के वायदे को याद दिलाते रहे हैं। भानू सहाय का कहना है कि बुंदेलियों का सब्र अब टूटता जा रहा है। 2024 के आम चुनाव में बुन्देलखण्ड के विरोधी सांसदों को हराने के सारे जतन करेंगे।
दूसरे दलों के नेता भी रहे बुंदेलखंड के मुद्दे पर सवार
बात सिर्फ भाजपा की नहीं है। कांग्रेस व बसपा के नेता भी चुनाव जीतने के लिए इस मुद्दे पर सवार रहे। सुजान सिंह बुंदेला, प्रदीप जैन आदित्य व बसपा के नेताओं ने भी पृथक बुंदेलखंड प्रांत का समर्थन किया, पर चुनाव जीतने के बाद ये लोग भी इस मुद्दे को भूल गए।