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Loksabha Election: बाघों की सुरक्षा और पानी का संकट! Pilibhit का चुनावी मुद्दा, पढ़ें खास रिपोर्ट

Pilibhit Loksabha Election 2024: पढ़िए पीलीभीत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में क्या बन रहे सियासी समीकरण? मतदाताओं ने तय किए इस बार के चुनावी मुद्दे। पढ़ें न्यूजट्रैक की खास रिपोर्ट-

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 9 April 2024 10:48 AM GMT
Pilibhit Loksabha Election 2024
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Pilibhit Loksabha Election 2024 (Photo: Social Media)

PiliBhit Loksabha Seat: देश में लोकतंत्र का पर्व शुरू होने में मात्र कुछ दिन ही शेष हैं। लोकसभा चुनाव का पहला फेज 19 अप्रैल को है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर वोटिंग होगी। लेकिन लोट डालने से पहले आप अपने क्षेत्र के न केवल सियासी समीकरण बल्कि मुद्दे भी जान लीजिए। न्यूजट्रैक की सीरीज लोकसभा का रण, जानें सियासी समीकरण में आज बात पीलीभीत की होगी।

लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र : पीलीभीत

स्थापित : 1952

विधानसभा क्षेत्र : बहेड़ी, पीलीभीत, बरखेड़ा, पूरनपुर, बीसलपुर

जनसंख्या : इस निर्वाचन क्षेत्र में 25,50,592 की जनसंख्या है जिसमें 82.42 फीसदी ग्रामीण और 17.58 फीसदी शहरी हैं।

जातीय समीकरण (Caste Equation of Pilibhit)

  • पीलीभीत की जनसंख्या में 16.04 फीसदी एससी और 0.07 फीसदी एसटी हैं।
  • इस सीट के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 30 प्रतिशत है।राजपूत भी यहां अच्छी संख्या में हैं।

क्या है गणित

पीलीभीत के चुनाव में कुर्मी मतदाताओं की निर्णायक भूमिका होती है। भाजपा ने इस सीट पर हिंदू मतों के भरोसे जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने अपने दलित मुस्लिम कार्ड को फिर से यहां आजमाने की कोशिश की है।

क्षेत्र की खासियत (Specialty of Pilibhit
)

पीलीभीत तराई इलाके में आता है। यहां प्रमुख रूप से गन्ने और धान की खेती होती है। देश के बंटवारे के बाद इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सिख शरणार्थियों को बसाया गया था और जमीन दी गई थी। ये समुदाय समृद्ध है और प्रभावशाली भी है।

क्या हैं मुद्दे (Election Issues of Pilibhit)

पीलीभीत क्षेत्र के मुद्दों में किसानों की समस्याएं, एमएसपी का मसला, विकास के कामों की कमी, बेरोजगारी, पानी संकट, बाघों से सुरक्षा, बाढ़ का स्थायी समाधान।

पीलीभीत की पहचान

  • पीलीभीत जिले की पहचान टाइगर रिजर्व क्षेत्र है जहां 72 से अधिक बाघ हैं।
  • शारदा नदी किनारे चूका घाट पर्यटकों को आकर्षित करता है।
  • यहां की बांसुरी देश-दुनिया में पहचान रखती है, जिसे ओडीओपी में भी शामिल किया गया है।
  • तराई क्षेत्र होने के कारण कृषि सबसे बड़ा उद्यम है।

कब कौन जीता (Who and When Win Election in Pilibhit)

  • पहले संसदीय चुनाव में कांग्रेस के मुकुंद लाल अग्रवाल जीते।
  • 1957, 62, 67 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से मोहन स्वरूप जीते। सन 71 में मोहन स्वरूप कांग्रेस में आ गए और फिर जीते।
  • 1977 में जनता पार्टी के शम्सुल हसन खान जीते।
  • 1980 में कांग्रेस के हरीश गंगवार और 1984 में कांग्रेस के भानु प्रताप जीते।
  • 1989 में जनता पार्टी के टिकट पर मेनका गांधी जीतीं।
  • 1991 में भाजपा के परशुराम गंगवार जीते।
  • 1996 में जनता दल के टिकट पर मेनका गांधी जीतीं। फिर 97, 99 और 2004 में वो निर्दलीय विजयी रहीं।
  • 2009 में मेनका के पुत्र वरुण यहां भाजपा टिकट पर जीते।
  • 2014 और 2019 में फिर मेनका लौट आईं, भाजपा के टिकट पर।

महिला प्रतिनिधि (Women Candidate in Pilibhit)

पीलीभीत संसदीय क्षेत्र भारत के चुनिंदा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जिसने एक महिला को पांच से अधिक बार संसद में भेजा है।

इस बार कौन लड़ रहा (Election Contestant of Pilibhit)

2024 के चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से आये जितिन प्रसाद को उतारा है। इनका मुकाबला सपा के भगवत सरन और बसपा के अनीस अहमद खान से है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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