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‘काशी के काम के लिए लगी फटकार, मां को याद था...’, मोदी ने एक इंटरव्यू में किया जिक्र
PM Modi in Varanasi: उन्होंने फिर मोदी से पूछा कि यह मंदिर भी वैसा ही तो मोदी बोले हां, काशी विश्वनाथ मंदिर अभी भी वैसा ही है। इस पर मां बोली की तुम क्या करते, क्यों बैठ हो।
PM Modi in Varanasi: विश्व की धार्मिक नगरी काशी अर्थात वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। मोदी के नामांकन कार्यक्रम को काफी भव्य बनाया गया। इसके लिए पूरी काशी को भगवामय कर दिया गया। भगवा रंग से पटी काशी के बीच मोदी ने 12 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर तीसरी बार सांसद बनने के लिए वाराणसी से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उसके बाद मोदी ने एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने अपने दिले के कई राज खोले, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने शायद ही किसी भी कार्यक्रम में किया हो। काशी के विकास के लिए मोदी की प्राथमिकता महेशा सर्वोच्च रही, क्योंकि इसके लिए उनकी स्व. हीराबेन की इच्छा थी, उन्हें काशी काफी लगवा था।
मां ने पूछता था कैसा दिखता काशी
नामांकन के बाद बनारस में एक निची टीवी चैनल से बाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान काशी में एक रोड शो किया था। उसके अगले ही दिन गुजरात में सोमनाथ ट्रस्ट की मीटिंग में भाग लेना था। मुझे रात गुजरात में गुजारनी थी तो अपने भाई के घर चला गया, जहां पर मेरी मां उनके साथ रहती थी। घर पहुंचा मैं अपनी मां के पैर छुए तो उन्होंने पहले पूछा कि खाना खाया कि नहीं। फिर कहा कहां से आए हो तो मैंने उन्हें बताया कि काशी से आया हूं। मोदी ने बताया कि मेरी ने कहा कि तुम काशी गए थे। अच्छा ये बात काशी विश्वनाथ जाते हो या नही।
बाबा विश्वनाथ के काम लिए मां ने लगाई थी फटकार
मोदी ने कहा कि मैं हैरान हो गया कि इतनी उम्र में भी उन्हें काशी याद है। मैं अपनी मां पूछा कि आपको काशी कैसे याद तो उन्होंने बताया कि तुम्हारे पिता एक बार मुझे काशी लगे गए थे। यह वही मंदिर है न जिसका रास्ता लोगों की घरों की गलियों से होकर जाता है। मां के इस प्रश्न पर मोदी ने कहा हां, ये वही मंदिर है। उन्होंने फिर मोदी से पूछा कि यह मंदिर भी वैसा ही तो मोदी बोले हां, काशी विश्वनाथ मंदिर अभी भी वैसा ही है। इस पर मां बोली की तुम क्या करते, क्यों बैठ हो। मां के इन शब्दों मैंने हमसूस किया वो मुझे कड़ी फटकार लगा रही हैं। मां के इन शब्दों को गांठ बांधते हुए मैंने काशी कॉरिडोर बनाने का संकल्प लिया, जोकि अब बनने कर तैयार हो चुका है। अब लोग संकरी गलियों से नहीं बल्कि बड़े रास्ते से काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।