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Lok Sabha Election: इस बार दक्षिण से भाजपा को मिल सकती है खुशखबरी, तमिलनाडु में PM मोदी ने लगा रखी है पूरी ताकत

Lok Sabha Election 2024: इस बार प्रधानमंत्री की अगुवाई में पार्टी ने तमिलनाडु में पूरी ताकत लगा रखी है। प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने भी आक्रामक चुनाव अभियान छेड़ रखा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 9 April 2024 12:53 PM IST
PM Modi, BJP Tamil Nadu President K.Annamalai
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पीएम मोदी, बीजेपी तमिलनाडु अध्यक्ष के.अन्नामलाई  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: भाजपा की ओर से इस बार के लोकसभा चुनाव में ‘400 पार’ का नारा दिया गया है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दक्षिण भारत पार्टी के लिए काफी अहम हो गया है। दक्षिण भारत में कर्नाटक को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है मगर अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में पार्टी कर्नाटक जैसी सफलता का स्वाद नहीं चख सकी है। खास तौर पर दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में भाजपा अभी तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी है।

वैसे इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी ने तमिलनाडु में पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने भी आक्रामक चुनाव अभियान छेड़ रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एक बार फिर तमिलनाडु पहुंचने वाले हैं और यह उनका इस साल तमिलनाडु का सातवां दौरा होगा। सियासी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस मेहनत का इस बार नतीजा दिख सकता है और भाजपा तमिलनाडु में कुछ सीटें निकालने में कामयाब हो सकती है।

कर्नाटक जैसी कामयाबी पाने की कोशिश

कर्नाटक को भाजपा के लिए दक्षिण का द्वार कहा जाता रहा है और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस राज्य में अपनी ताकत दिखाई थी। 2019 में पार्टी को 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को 17 सीटों पर कामयाबी मिली थी। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भाजपा को करारा झटका देते हुए राज्य की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

वैसे भाजपा को कर्नाटक जैसी कामयाबी अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में नहीं मिल सकी। आंध्र प्रदेश में इस बार भाजपा ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और पवन कल्याण के साथ गठबंधन किया है। इसके साथ ही भाजपा ने तमिलनाडु पर भी विशेष तौर पर फोकस कर रखा है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस बार तमिलनाडु से काफी उम्मीदें हैं और पार्टी का मानना है कि इस बार तमिलनाडु में पार्टी पिछले चुनावों की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होगी।


इस बार भाजपा का किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं

तमिलनाडु की सियासत अभी तक द्रमुक और अन्नाद्रमुक के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है और भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख दल भी इन्हीं दोनों दलों के सहारे चुनाव मैदान में उतरते रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार भी द्रमुक के साथ हाथ मिला रखा है जबकि दूसरी ओर भाजपा पहली बार बिना किसी बड़े राजनीतिक दल के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है। तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं और भाजपा यहां पर 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

तमिलनाडु में इस बार भाजपा ने पीएमके और पूर्व मंत्री जीके वासन की पार्टी तमिल मनिला कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। पीएमके 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि तमिल मनिला कांग्रेस को तीन सीटें दी गई हैं। इससे पहले के चुनाव में भाजपा द्रमुक या अन्नाद्रमुक के सहारे ही चुनाव मैदान में उतरती रही है। इस बार पार्टी अकेले उतरकर चुनाव मैदान में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है।


पीएम मोदी कर रहे ताबड़तोड़ दौरे

तमिलनाडु के सियासी रण में भाजपा को कामयाबी दिलाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत कंधों पर है। प्रधानमंत्री इस साल अपने सातवें दौरे पर आज फिर तमिलनाडु पहुंचने वाले हैं। इससे पूर्व उन्होंने जनवरी,फरवरी और मार्च महीने के दौरान भी तमिलनाडु के दो-दो दौरे किए थे।

तमिलनाडु के अपने पिछले दौरों के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रमुक और कांग्रेस पर तीखे हमले बोलते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी इस बार तीखे प्रचार के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद कर रखा है।


भाजपा को कई सीटों पर जीत की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बार तमिलनाडु के दौर में एक विशेष बात यह भी है कि वे ज्यादातर उन इलाकों में जा रहे हैं जहां भाजपा प्रत्याशी मजबूत स्थिति में दिख रही है। तमिलनाडु में भाजपा ने इस बार छह सीटों पर बड़ी उम्मीदें लगा रखी हैं। इन सीटों में नीलगिरी, कोयंबटूर, पेरंबलूर, वेल्लोर, विरुधनगर और दक्षिण चेन्नई की सीटें शामिल हैं।

दरअसल अन्नाद्रमुक के पास अब जयललिता जैसा करिश्माई नेता नहीं है। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक अब दो गुटों में बंट चुकी है और पार्टी में गुटबाजी हावी दिख रही है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि द्रमुक और कांग्रेस के खिलाफ वोट देने वाले मतदाताओं का समर्थन इस बार भाजपा को मिल सकता है।

अगर भाजपा अपने इस सपने को पूरा करने में कामयाब रही तो निश्चित रूप से तमिलनाडु भाजपा के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। यही कारण है कि पीएम मोदी ने इस बार दक्षिण भारत और तमिलनाडु में काफी ताकत लगा रखी है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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