TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

काशी का रण क्षेत्र: हार की हैट्रिक लगा चुके अजय राय में कितना दम, वाराणसी में PM मोदी को चुनौती देना क्यों है मुश्किल

UP Lok Sabha Election:कांग्रेस नेता अजय राय 2009 से ही वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में किस्मत आजमाते रहे हैं और उन्हें पिछले तीन चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 31 May 2024 4:15 PM IST
Varanasi Lok Sabha seat: Prime Minister Narendra Modi and Congress leader Ajay Rai face off in Lok Sabha elections 2024
X

वाराणसी लोकसभा सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता अजय राय का मुकाबला लोक सभा चुनाव 2024: Photo- Social Media

UP Lok Sabha Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी के कारण वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha Seats) को देश की सबसे हॉट सीट माना जा रहा है। सातवें और आखिरी चरण में देश के जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें सबकी निगाहें इस लोकसभा सीट पर ही लगी हुई हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय चुनौती दे रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर अतहर जमाल लारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वैसे इस लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला पीएम मोदी और अजय राय (Ajay Rai) के बीच ही माना जा रहा है।

कांग्रेस नेता अजय राय 2009 से ही वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में किस्मत आजमाते रहे हैं और उन्हें पिछले तीन चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा है। हार का सामना ही नहीं बल्कि तीनों चुनावों में वे तीसरे नंबर पर रहे हैं। ऐसे में उनके लिए इस बार भी पीएम मोदी जैसे कद्दावर नेता को चुनौती देना मुश्किल माना जा रहा है। वाराणसी संसदीय सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है और 1991 के बाद अभी तक सिर्फ 2004 के चुनाव को छोड़कर बीजेपी कभी नहीं हारी है। ऐसे में इंडिया गठबंधन की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद अजय राय के लिए इस बार भी पीएम मोदी को चुनौती देना काफी मुश्किल माना जा रहा है।

बसपा से मुख्तार अंसारी ने भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को दिया था कड़ी टक्कर: Photo- Social Media

2009 में जोशी और मुख्तार के बाद तीसरे नंबर पर रहे अजय राय

सबसे पहले बात 2009 के लोकसभा चुनाव की जब अजय राय समाजवादी पार्टी के टिकट पर वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। उस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पार्टी के दिग्गज चेहरे डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को चुनाव मैदान में उतारा था। दूसरी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बड़ा सियासी खेल करते हुए बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को चुनावी अखाड़े में उतार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। कांग्रेस ने 2004 में इस सीट पर चुनाव जीतने वाले राजेश मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा था।

जेल में बंद होने के बावजूद मुख्तार अंसारी ने भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को कड़ी चुनौती दी थी। मतगणना के दिन तक भाजपा और बसपा खेमे में कोई इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं था कि किसे जीत हासिल होगी। मतगणना शुरू होने के बाद जब शुरुआत में ही मुख्तार अंसारी ने जोशी पर बढ़त बढ़ा ली तो भाजपाइयों के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी थीं। हालांकि आगे के चक्रों में डॉक्टर जोशी ने न केवल मुख्तार की बढ़त को खत्म किया बल्कि मुख्तार से आगे भी निकल गए। आखिरी चक्र की गणना के बाद डॉक्टर जोशी मुख्तार अंसारी के खिलाफ यह मुकाबला 17,211 मतों से जीतने में कामयाब रहे।

इस लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे अजय राय बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे। 2009 के इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा.मुरली मनोहर जोशी-2,03122,बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी-1,85,911,सपा प्रत्याशी अजय राय-1,23,874 और कांग्रेस प्रत्याशी डा.राजेश मिश्रा-66,386 वोट पाने में कामयाब हुए थे।

2014 में पीएम मोदी और केजरीवाल के बाद तीसरा नंबर

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) ने डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को कानपुर शिफ्ट कर दिया था जबकि वाराणसी में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे नरेंद्र मोदी चुनावी अखाड़े में पहली बार उतरे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल खुद चुनावी अखाड़े में कूद गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ धुआंधार प्रचार किया था। दूसरी ओर कांग्रेस के टिकट पर अजय राय भी मोदी को चुनौती दे रहे थे।

2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी ने बड़ी जीत हासिल की थी जबकि अरविंद केजरीवाल दूसरे नंबर पर रहे थे। इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी आप नेता अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे। पीएम मोदी ने इस चुनाव में 3,71,784 मतों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय इस चुनाव में भी तीसरे नंबर पर रहे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अजय राय को 75,614 मत मिले थे।

समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शालिनी यादव: Photo- Social Media

2019 में भी तीसरे नंबर पर ही रहे अजय राय

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार वाराणसी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उतरे। समाजवादी पार्टी ने 2019 में नया प्रयोग करते हुए महिला प्रत्याशी के रूप में शालिनी यादव को चुनावी अखाड़े में उतारा था। कांग्रेस की ओर से एक बार फिर अजय राय ही प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने के लिए मैदान में उतरे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को बुरी तरह हराया था। इस चुनाव में पीएम मोदी की जीत का मार्जिन काफी बढ़ गया था।

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को काशी के मतदाताओं का भारी समर्थन मिला और वे 6,74,664 वोट पाने में कामयाब हुए थे। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शालिनी यादव दूसरे नंबर पर रही थी और उन्हें 1,95,159 वोट मिले थे। शालिनी यादव अब भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। 2019 में अजय राय लगातार तीसरी बार तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 1,52,548 वोट मिले थे। पीएम मोदी ने इस चुनाव में 4,79,505 मतों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की थी।

वाराणसी को क्यों माना जाता है भाजपा का गढ़

अब इस बार फिर वाराणसी लोकसभा क्षेत्र पर देश-दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार कमल खिलाने के लिए यहां चुनाव मैदान में उतरे हैं। वैसे वाराणसी संसदीय सीट पर भाजपा को चुनौती देना विपक्ष के लिए काफी मुश्किल माना जा रहा है। वाराणसी संसदीय क्षेत्र 1991 से ही भाजपा का गढ़ रहा है। इस संसदीय सीट पर 1991 के बाद सिर्फ 2004 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था जब कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्रा को जीत हासिल हुई थी। राजेश मिश्रा अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

2004 के चुनाव के अलावा 1991 से 2019 तक लगातार भाजपा को ही जीत हासिल होती रही है। 2009 के लोकसभा चुनाव में सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी ने जीत हासिल की थी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने इस संसदीय सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम वाराणसी संसदीय सीट से घोषित कर दिया था।

बसपा प्रत्याशी अतहर जमाल लारी: Photo- Social Media

इस बार जीत का मार्जिन बढ़ाने की लड़ाई

2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के जीत का मार्जिन बढ़ाने के लिए भाजपा नेताओं की ओर से जोरदार मेहनत की गई है। पूरे देश के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से अपने क्षेत्र को ज्यादा समय नहीं दे पाए मगर भाजपा नेताओं की मजबूत टीम प्रधानमंत्री के जीत का मार्जिन बढ़ाने के लिए जोरदार तरीके से जुटी रही है। भाजपा ने देशभर के बड़े पार्टी नेताओं की फौज वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में उतार दी।

वाराणसी सीट से प्रत्याशी बनने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय लगातार वाराणसी में ही डेरा डाले हुए हैं जबकि बसपा प्रत्याशी अतहर जमाल लारी भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वैसे इन दोनों प्रत्याशियों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना काफी मुश्किल माना जा रहा है।

बसपा प्रत्याशी अतहर जमाल लारी की मुस्लिम मतदाताओं में मजबूत पकड़ मानी जाती है और उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाकों में जोरदार प्रचार भी किया है। ऐसे में यदि वे मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहे तो अजय राय को और बड़ा झटका लग सकता है।



\
Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story