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UP Lok Sabha Election: नौतपा की आंच से झुलसेगा पूर्वांचल का सियासी रण, छठवें और सातवें चरण पर पड़ेगा बड़ा असर
UP Lok Sabha Election 2024: 25 मई 2024 से नौतपा की शुरुआत होगी। ऐसे में पूर्वांचल के सियासी रण को नौतपा की आंच बुरी तरह झुलसाएगी।
UP Lok Sabha Election 2024: पूरे देश में गर्मी बढ़ने के साथ ही लोकसभा चुनाव की सियासी गर्मी भी चरम पर पहुंच चुकी है। देश में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान के दो चरण पूरे हो चुके हैं जबकि पांच और चरणों में मतदान होने वाला है। तीसरे चरण वाली सीटों पर मतदाता 7 मई को प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की लोकसभा सीटों को इस बार भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होने वाला है।
पूर्वांचल के लोकसभा सीटों पर मतदान छठवें और सातवें चरण में 25 मई और 1 जून को होगा। इस दौरान एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि इस बार सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही 25 मई 2024 से नौतपा की शुरुआत होगी। ऐसे में पूर्वांचल के सियासी रण को नौतपा की आंच बुरी तरह झुलसाएगी। नौतपा की आग बरसाने वाली गर्मी के बीच ही पूर्वांचल में चुनाव प्रचार चरम पर होगा और मतदान भी इसी दौरान होगा।
छठवें और सातवें चरण में कई अहम सीटें
उत्तर प्रदेश में छठवें और सातवें चरण के मतदान को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छठवें चरण में पूर्वांचल की आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही लोकसभा सीटों पर मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। सातवें चरण में वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, घोसी, बलिया और गाजीपुर लोकसभा सीटों पर मतदान होने वाला है। छठवें चरण का मतदान 25 मई को होगा जबकि सातवें चरण का मतदान एक जून को होने वाला है।
आखिरी दो चरणों का यह है कार्यक्रम
छठवें चरण के मतदान के लिए 29 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी होगा जबकि 6 मई तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 7 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी जबकि 9 मई तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। सातवें और आखिरी चरण के लिए 7 मई को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और 14 मई तक नामांकन दाखिल होंगे। 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी जबकि 17 मई तक नामांकन वापस लिया जा सकता है।
25 मई को होगी नौतपा की शुरुआत
इस बार सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 25 मई को होगा और इसी के साथ नौतपा की शुरुआत होगी। लौकिक मान्यता के अनुसार नौतपा के दौरान भीषण गर्मी पड़ती है जो जनमानस को त्रस्त करने वाली साबित होती है। इस बार इसका आरंभ ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि यानी शनिवार 25 मई 2024 को होगा जो 9 दिनों तक जारी रहने के बाद दो जून को समाप्त होगा।
नेताओं और मतदाताओं दोनों को झुलसाएगी गर्मी
ऐसे में पूर्वांचल के चुनावी समर में जब चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचेगा, उस दौरान भीषण गर्मी पड़ती रहेगी। यह गर्मी मतदाताओं के साथ ही चुनाव प्रचार करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बेहाल करेगी। इस बार नौतपा का आरंभ 25 मई को होने वाला है और इस दिन ही पूर्वांचल में छठवें चरण वाली सीटों पर मतदान होने वाला है। सातवें चरणों वाली सीटों पर मतदान 1 जून को होगा और इस दौरान भी नौतपा का प्रकोप बना रहेगा।
माना जा रहा है कि पांच चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद अधिकांश राजनीतिक दलों के नेता पूर्वांचल का केंद्र माने जाने वाले वाराणसी में डेरा डाल देंगे। भाजपा के साथ ही विपक्षी दलों के नेता भी बनारस में डेरा डालने वाले हैं। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है मगर इन सभी नेताओं,कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को नौतपा की भीषण गर्मी का मुकाबला करना होगा।
पीएम मोदी की सीट पर आखिरी चरण में मतदान
सातवें और आखिरी चरण में वाराणसी संसदीय सीट पर भी मतदान होने वाला है। इस लोकसभा सीट पर देश-दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाने के लिए इस सीट से चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब 2024 में भी भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मजबूत किलेबंदी की जा रही है।
2014 और 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने मतदान से पहले दो-तीन दिनों के लिए काशी में डेरा डाला था और जानकारों का कहना है कि इस बार भी वे आखिरी चरण में काशी में डेरा डालेंगे। पीएम मोदी के अलावा भाजपा के कई अन्य दिग्गज नेता भी इस दौरान बनारस में मौजूद रहेंगे मगर इन सभी को नौतपा की भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
मतदान प्रतिशत में गिरावट रोकना बड़ी चुनौती
अभी तक लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान हुआ है और इस दौरान मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट में भीषण गर्मी को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसे में छठवें और सातवें चरण में मतदान प्रतिशत गिरने की भी आशंका जताई जा रही है।
पीएम मोदी समेत सभी नेताओं की ओर से लोगों से मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की जा रही है मगर अभी तक यह अपील बेअसर साबित हुई है। ऐसे में छठवें और सातवें चरण में मतदान प्रतिशत को गिरने से रोकना भी सभी राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।