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Lok Sabha Election: रूपाला ने क्षत्रिय समाज से फिर मांगी माफी, कहा-गलती मैंने की है मगर सजा पीएम मोदी को क्यों?
Lok Sabha Election 2024: गुजरात के जसदन में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने कहा कि अपनी गलती के लिए मैंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।
Lok Sabha Election 2024: इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान कई राज्यों में क्षत्रिय समाज की भाजपा से नाराजगी की खबरें सामने आई हैं। इस नाराजगी के पीछे केंद्रीय मंत्री और गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला के विवादित बयान को बड़ा कारण माना जा रहा है। क्षत्रिय समाज की नाराजगी दूर करने के लिए रूपाला ने एक बार फिर माफी मांगी है। इसके साथ ही उन्होंने खुद की गलती की सजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए जाने पर सवाल भी उठाए हैं।
गुजरात के जसदन में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने कहा कि अपनी गलती के लिए मैंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। मेरा क्षत्रिय समाज को लेकर कोई गलत इरादा नहीं था, लेकिन मेरी गलती की सजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसलिए दी जा रही है। रूपाला के बयान के बाद गुजरात समेत कई राज्यों में क्षत्रिय समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
मेरी वजह से पीएम मोदी को सजा न दें
क्षत्रिय समाज को मनाने की कोशिश के तहत रूपाला ने कहा कि राष्ट्र के उत्थान में इस समाज की बड़ी भूमिका रही है। राष्ट्र के प्रति योगदान के साथ ही बीजेपी को मजबूत बनाने में भी क्षत्रिय समाज ने बड़ी भूमिका निभाई है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि मेरी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध क्यों किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी देश के 140 करोड़ लोगों को अपना परिवार समझते रहे हैं। पीएम मोदी की विकास यात्रा में क्षत्रिय समाज हमेशा उनके साथ रहा है। ऐसे में मुझसे नाराजगी की सजा पीएम मोदी को नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपनी गलती के लिए मैं पहले ही माफी मांग चुका हूं। मेरी गलती के लिए क्षत्रिय समुदाय को पीएम मोदी के खिलाफ खड़ा कर देना उचित नहीं लगता। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आक्रोश को लेकर क्षत्रिय समाज को एक बार पुनर्विचार जरूर करना चाहिए।
नहीं दूर हो रही ठाकुरों की नाराजगी
क्षत्रिय समाज की नाराजगी की खबरों के बीच भाजपा के शीर्ष नेताओं की ओर से कई राज्यों में डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जा रही है। गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में क्षत्रिय समाज की भाजपा से नाराजगी की बातें सामने आई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई इलाकों में ठाकुरों की पंचायतों में भी भाजपा का विरोध करने का फैसला किया गया।
ठाकुरों का यह रूख भाजपा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि भाजपा नेताओं की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद ठाकुरों का गुस्सा अभी तक कम नहीं हो सका है। पिछले दिनों भाजपा के खिलाफ क्षत्रिय समुदाय की ओर से विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
क्षत्रिय समाज कर रहा विरोध प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान हो चुका है और इस दौरान 190 सीटों पर मतदाताओं का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में क्षत्रिय समाज अभी तक भाजपा को मजबूत समर्थन देता रहा है मगर इस बार के चुनाव में क्षत्रिय समाज का रुख भाजपा के लिए चिंता का विषय बन गया है।
गुजरात में भी क्षत्रिय समाज की ओर से नाराजगी की बात सामने आई थी। हालांकि इस विरोध के बावजूद रूपाला ने राजकोट लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। उसके बाद से क्षत्रिय समाज की ओर से रूपाला समेत अन्य भाजपा उम्मीदवारों का विरोध किया जा रहा है।
रूपाला और भाजपा बैकफुट पर
क्षत्रिय समुदाय की ओर से मांग की गई है कि या तो रूपाला खुद लोकसभा चुनाव की जंग से हट जाएं या भाजपा की ओर से उनका टिकट रद्द कर दिया जाए। हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अभी तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया है।
रूपाला के खिलाफ नाराजगी जताने के लिए जामनगर, मेहसाणा, सूरत और आनंद में क्षत्रिय सम्मेलनों का भी आयोजन किया गया। भाजपा की सभाओं में भी क्षत्रिय समाज की ओर से नारेबाजी और विरोध जताने की खबरें सामने आई हैं। यही कारण है कि अब भाजपा और रूपाला पूरी तरह बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं।
भाजपा की बैठक में मनाने का प्रयास
क्षत्रिय समाज की नाराजगी दूर करने के लिए गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने हाल में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में क्षत्रिय बिरादरी के नेताओं के साथ एक बैठक भी की है। इस बैठक में पाटिल और मुख्यमंत्री पटेल का कहना था कि रूपाला ने हाथ जोड़कर क्षत्रिय समाज से माफी मांग ली है और ऐसे में क्षत्रिय समाज को भी बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हें माफ कर देना चाहिए।
गुजरात में सियासी रूप से यह मामला काफी गरमाया हुआ है और भाजपा को सियासी नुकसान का डर सता रहा है। गुजरात में पिछले चुनावों में भाजपा सभी सीटों पर जीत हासिल करती रही है मगर पार्टी नेता क्षत्रियों की नाराजगी के कारण इस बार चुनाव नतीजे को लेकर आश्वस्त नहीं दिख रहे हैं।