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Lok Sabha Election 2024: पहली बार भाजपा के खिलाफ राजपूत समाज, पश्चिमी यूपी से राजस्थान तक 'नो वोट टू बीजेपी'

Lok Sabha Election 2024: देश में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है, जब क्षत्रिय, जाट और सैनी समाज भाजपा का बहिष्कार कर रहा हो। लोकसभा चुनाव में भाजपा को क्षत्रिय समाज की नाराजगी सहनी पड़ रही है।

Seema Pal
Written By Seema Pal
Published on: 15 April 2024 8:32 AM GMT (Updated on: 15 April 2024 8:44 AM GMT)
Lok Sabha Election 2024: पहली बार भाजपा के खिलाफ राजपूत समाज, पश्चिमी यूपी से राजस्थान तक नो वोट टू बीजेपी
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Lok Sabha Election 2024: धर्म और जाति आधारित राजनीतिक समीकरण का प्रभाव लोकसभा चुनाव-2024 में देखने को मिल रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों का चयन जातिगत आधार पर ही किया है। सभी को बराबर का सम्मान देने की कवायद करने वाली भाजपा भी इस चुनावी समीकरण से अछूती नहीं रही। दलित समाज को भी साथ लेकर चुनाव लड़ रही भाजपा को अब अन्य समुदायों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। भाजपा के खिलाफ क्षत्रियों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। विशेष कर उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र और राजस्थान में क्षत्रिय और जाट समाज में भाजपा के खिलाफ कड़ी नाराजगी देखी जा रही है। आइए इन क्षेत्रों में 'सभी का साथ सभी का विकास' की राह पर चल रही भाजपा का राजनीतिक समीकरण को समझते हैं।

पहली बार भाजपा के खिलाफ राजपूत समाज

देश में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है, जब क्षत्रिय, जाट और सैनी समाज भाजपा का बहिष्कार कर रहा हो। लोकसभा चुनाव में भाजपा को क्षत्रिय समाज की नाराजगी सहनी पड़ रही है। अगर पिछले चुनावों पर गौर करें तो क्षत्रिय समाज भाजपा का कट्टर समर्थक रहा है। या यूं कहें कि भाजपा को दोबारा दिल्ली तक पहुंचाने में ब्राह्मण, क्षत्रिय और जाट समाज की ही भूमिका रही। आज देश के इसी बड़े वर्ग ने भाजपा का त्याग करने का एलान कर दिया है।

पश्चिम यूपी में बीजेपी का कड़ा विरोध

उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ क्षत्रिय समाज सबसे ज्यादा विरोध कर रहा है। पश्चिम यूपी के इन क्षेत्रों में बीजेपी का विरोध उम्मीदवारों का जातीय समीकरण में फिट न बैठना है। भाजपा ने गाजियाबाद में जनरल सेवानिवृत्त वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल कुमार गर्ग को उम्मीदवार घोषित कर राजपूत समाज को अपने खिलाफ कर लिया है। यहां नाराज राजपूत समाज बीजेपी के विरोध में बड़ी महापंचायतों का आयोजन कर रहे हैं। इन पंचायतों में राजपूतों के साथ सैनी और जाट समुदाय भी भाग ले रहा है। यही हाल पश्चिम यूपी के सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर और मेरठ लोकसभा सीट का भी है। कैराना और मेरठ में भी बीजेपी के लिए राजपूतों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कैराना में बीजेपी ने गुर्जर समाज के प्रदीप चौधीरी को टिकट दिया है। इससे सैनी और क्षत्रिय समुदाय में काफी नाराजगी है। जबकि मुजफ्फरनगर सीट से बीजेपी ने संजीव बलियान को दोबारा टिकट दिया है। मुजफ्फरनगर में काफी समय से क्षत्रिया समाज संजीव बलियान का विरोध करता आ रहा है। अब इसमें राजपूतों के साथ त्यागी, सैनी और कश्यप समुदाय भी शामिल हो गया है।


राजस्थान में लगा 'बीजेपी को नो वोट' का नारा

राजस्थान में राजपूतों का बड़ा गुट बीजेपी के खिलाफ हो गया है। राजपूत समाज लोगों के पास जाकर बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील भी कर रहे हैं। इस बात से बीजेपी खुद भी परेशान नजर आ रह है और राजपूतों का समर्थन पाने के लिए नेताओं को जमीनी स्तर पर उन्हें मनाने के लिए उतार दिया है। लेकिन बीजेपी की कोई भी तकनीकि राजपूतों को नहीं भा रही है। जोधपुर में नाराज राजपूत समाज ने बीजेपी को वोट नहीं देने का खुला एलान भी कर दिया है। जालौर में राजपूत समाज के लोगों ने मंदिर में खड़े होकर भाजपा को मत नहीं देने की शपथ तक ले ली है।

गुजरात में राजपूतों ने किया भाजपा का त्याग

गुजरात में इन दिनों भाजपा के पुरुषोत्तम रुपाला के बयान को लेकर राजपूतों का पारा चढ़ा हुआ है। भाजपा नेता ने राजकोट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण और राजपूत समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद जालौर-सिरोही लोकसभा सीट पर राजपूत समाज ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां राजपूत समाज ने बीजेपी को वोट नहीं देने का सामूहिक संकल्प लिया है।

ठाकुरों की नाराजगी पर सपा ने कसा BJP पर तंज

पश्चिम यूपी और राजस्थान में ठाकुरों की भाजपा से नाराजगी को लेकर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी बयान आ गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा वालों की नीति रही कि चुनाव जीतने के लिए दलों को तोड़ दों। आज उन्हीं के लोग अब उनसे नाराज होकर उनके खिलाफ वोट डालने जा रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव सबसे अलग होगा। बीजेपी के पास इसका कोई तोड़ नहीं है। आज भाजपा के विरोध में राजपूत समाज की नाराजगी ये बता रही है कि चाहे गुजरात हो, राजस्थान हो, हरियाणा हो या फिर यूपी हो, सभी जगहों पर क्षत्रिय और जाट समाज भापपा के खिलाफ खड़ा है। अब भाजपा अपने जनता को बंधुआ मतदाता मानने की भूल न करें।

भाजपा ने उछाली ठाकुरों की पगड़ी- अखिलेश यादव

पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'मुझे खुशी है कि क्षत्रिय समाज के लोग अब अपने मान-सम्मान के लिए आगे बढ़ रहे हैं। क्षत्रिय लोगों का सबसे बड़ा सम्मान उनकी पगड़ी है। गुजरात में हमने देखा कि क्षत्रिय समाज के एक बहुत ही प्रतिष्ठित सम्मानित नेता की किस तरह से सिर से पगड़ी हटा दी गई। उनका अपमान हुआ और ये अपमान किसी गलती से नहीं हुआ, ये जानबूझकर बीजेपी की सरकार में उनका अपमान हुआ। पूरा क्षत्रिय समाज भाजपा के खिलाफ खड़ा है।' उन्होंने आगे कहा, 'यहां पश्चिम से हवा चली है... वो पूरब तक जाएगी, देखते हैं कि बीजेपी वाले इसे कैसे संभाल पाते हैं। लेकिन, क्षत्रिय समाज के बारे में हमें पता है कि एक बार जो फैसला ले लिया वो पीछे नहीं हटते...'

भाजपा को हो सकता है भारी नुकसान

भाजपा ने विधासभा चुनाव और लोकसभा चुनाव जाट और राजपूत समाज के बड़े समर्थन से ही जीता था। राजस्थान के पिछले चुनाव में कुल मतदान लगभग साढ़े 4 करोड़ के आसपास हुआ था। इनमें जाट समुदाय की आबादी 14 प्रतिशत और राजपूत समाज की आबादी 13 प्रतिशत थी। अगर मतदान में राजपूत और जाटों के मतों का आंकलन करें तो भाजपा को इस चुनाव में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

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Content Writer

Seema Pal is a Journalist and former Anchor. As Author, She is produced a good content. She has 4 years of experience in Media as news writer. Along with entertaining, She has a good grip in politics

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