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Loksabha Election 2024: रामसेतु वाले रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर आज तक नहीं खिल सका कमल, जानें समीकरण

Loksabha Election 2024 Ramanathapuram Seats Details: रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से 6 बार कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। वहीं चार बार एआईएडीएमके ने जीत दर्ज की थी। जबकि तीन बार डीएमके को जीत मिली।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 18 April 2024 12:50 PM GMT
Loksabha Election 2024: रामसेतु वाले रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर आज तक नहीं खिल सका कमल, जानें समीकरण
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Loksabha Election 2024: देश की राजधानी दिल्ली से करीब 2701 किमी दूर तमिलनाडु प्रदेश का रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के प्रमुख वजहों में से एक रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भाजपा ने इस बात को बेहद ही जोर शोर से उठाया कि भगवान राम ने रावण की लंका पर आक्रमण करने के लिए जिस पुल का निर्माण किया था उसे कांग्रेस तोड़ने जा रही है।

मनमोहन सरकार ने सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना को हरी झंडी दे दी थी। इससे समय, दूरी और ईंधन सबकुछ बचाने का मकसद था। इस परियोजना के तहत इस सेतु को तोड़कर एक मार्ग तैयार करना था, जिससे बंगाल की खाड़ी से आने वाले जहाजों को श्रीलंका का चक्कर नहीं लगाना पड़े। तमिलनाडु के हॉटसीटों में रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र की गिनती होती है। रामनाथपुरम को लोग रामनाड के नाम से भी जानते हैं। यहां से भाजपा ने इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को समर्थन दिया है। जबकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कानि के. नवास पर दुबारा दांव लगाया है। वहीं नाम तमिलर काची पार्टी ने चन्द्रप्रभा को और एआईएडीएमके ने पी. जेपेरुमल को चुनावी मैदान में उतारा है। इस लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कानि के. नवास ने भाजपा के नैनार नागेंद्रन को 1,27,122 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कानि के. नवास को 4,69,943 और नैनार नागेंद्रन को 3,42,821 वोट मिले थे। जबकि निर्दलीय उमीदवार वीडीएन आनंद को 1,41,806 और नाम तमिलर काची के टी.भुवनेश्वरी को महज 46,385 वोट मिले थे।

वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में एआईएडीएमके के ए अनवर राझा ने डीएमके के एस मोहम्मद जलील को 1,19,324 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में ए अनवर राझा को 4,05,945 और एस मोहम्मद जलील को 2,86,621 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के डी. कुप्पू रामू को 1,71,082 और कांग्रेस के सुब्बुरामन थिरुनावुक्करासर को महज 62,160 वोट मिले थे।

यहां जानें रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र के बारे में

  • रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 35 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था।
  • रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र का गठन 6 विधानसभा क्षेत्र- रामनाथपुरम, तिरुवडनई, मुदुकुलातूर, अरंथंग, तिरुचुली और परमकुडी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • रामनाथपुरम लोकसभा के 6 विधानसभा सीटों में से 2 पर कांग्रेस और 4 पर डीएमके का कब्जा है।
  • यहां कुल 15,59,740 मतदाता हैं। जिनमें से 7,82,092 पुरुष और 7,77,566 महिला मतदाता हैं।
  • रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,61,124 यानी 68.40 प्रतिशत मतदान हुआ था।

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

रामनाथपुरम क्षेत्र पौराणिक काल से प्रसिद्ध है। रामनाद की संपत्ति में हिंदू पवित्र द्वीप शहर रामेश्वरम शामिल था। किंवदंती है कि यहां वह पौराणिक राम का पुल है, जिसे राम सेतु कहा जाता है। रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्व में रामेश्वरम द्वीप के नजदीक मौजूद है। पुराने जमाने में चोल और पांडयन साम्राज्यों ने यहां राज किया और बाद के दिनों में ब्रिटिश राज के तहत यहां का शासन चलाया गया था। रामनाथपुरम, तमिलनाडु राज्य का वह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जो बंगाल की खाड़ी पर स्थित है। बेंगाई नदी इसके बीच से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर बना डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल, देवीपट्टीनम, पमबन ब्रिज, रामनाथस्वामी मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल, रामनाथपुरम से पढ़ाई की थी।

बता दें कि रामनाथपुरम को रामनाद के नाम से भी जाना जाता है। यह तमिलनाडु राज्य का एक जिला और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह जनसंख्या के अनुसार, जिले में दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसके निकटतम शहरों में परमकुडी, रामेश्वरम, मुदुकुलथुर, किलाकराई और मनामदुरै शामिल हैं। बता दें कि रामनाथपुरम की अधिकांशत: इकोनोमी मिर्च की खेती पर निर्भर रहती है। रामनाथपुरम के करीब 34 फीसदी हिस्से में मिर्च का उत्पादन किया जाता है।

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र था कांग्रेस का गढ़

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से 6 बार कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। वहीं चार बार एआईएडीएमके ने जीत दर्ज की थी। जबकि तीन बार डीएमके को जीत मिली। 1951 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था। कांग्रेस के वी.वीआर.एन.आर नागप्पा यहां के पहले सांसद बनें। 1951 से लेकर 1962 तक यहां कांग्रेस को लगातार जीत मिली। 1967 में निर्दलीय को तथा 1971 में फॉरवर्ड ब्लॉक को यहां जीत मिली थी। जबकि 1977 में एआईएडीएमके ने यहां पहली बार जीत दर्ज की। 1980 में यहां डीएमके ने खाता खोला। लेकिन 1984, 1989 और 1991 में लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की। 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) को यहां जीत मिली। 1998 और 1999 में एआईएडीएमके को यहां जीत मिली। 2004 और 2009 में डीएमके को यहां जीत मिली थी। 2014 में एआईएडीएमके तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को यहां से जीत मिली थी।

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र का प्रमुख मुद्दा सूखी भूमि, पीने का पानी, मछुआरों की सुरक्षा और पिछड़ापन है। साल 2018 में भारत सरकार ने रामनाथपुरम को देश भर के 112 सबसे पिछड़े जिलों की सूची में डाला था। रामेश्वरम और आसपास के इलाकों में मछुआरों की एक बड़ी आबादी रहती है इसलिए भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उसके जल में अतिक्रमण करने के लिए हमला किया जाना और कच्चातिवु के छोटा द्वीप भी रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का प्रमुख मुद्दा है। दरअसल कच्चातिवु द्वीप का पूरा मामला 1974 में श्रीलंका के साथ हुए जल सीमा समझौते से जुड़ा हुआ है। 1974 में श्रीलंका के साथ हुए जल सीमा समझौते के तहत भारत ने 285 एकड़ में फैला कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को दे दिया था। यह द्वीप रामेश्वरम के समुद्र तट से 14 समुद्री मील दूर है, इस इलाके में मछली मारने के लिए जाने वाले भारतीय मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना गिरफ्तार कर लेती है।

रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से वी. वी.आर. एन. अर. नागप्पा चेट्टियार 1951 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से पी. सुब्बैया अम्बलम 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से एन. अरुणाचलम 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • निर्दल एसएम मुहम्मद शेरिफ 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से पीके मुकियाह थेवर 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • एआईएडीएमके से पी. अन्बालागन 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • डीएमके से एमएसके सत्येन्द्रन 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से वी. राजेश्वरन 1984, 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • तमिल मनीला कांग्रेस से एसपी उदयप्पन 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • एआईएडीएमके से वी. सथियामूर्ति 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • एआईएडीएमके से के मलाइसामी 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • डीएमके से एमएसके भवानी राजेंथिरन 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • डीएमके से जेके रितेश 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • एआईएडीएमके से ए अनवर राझा 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से कनि के. नवास 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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