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Meerut: राम यानी अरुण गोविल लोकसभा सीट से उम्मीदवार, रिकार्ड मतों से भाजपा की जीत का दावा

Lok Sabha Election 2024: बीजेपी नेता एवं लिसाड़ी गेट निवासी रहे अंकित चौधरी बताते हैं कि अरुण गोविल का परिवार मेरठ शहर के लिसाड़ी गेट से सटे राम नगर मोहल्ले में किराये पर रहता था।

Sushil Kumar
Published on: 26 March 2024 8:25 AM IST
Arun Govil BJP ticket
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Arun Govil BJP ticket   (फोटो: सोशल मीडिया )

Lok Sabha Election 2024: रामायण धारावाहिक के राम यानी अरुण गोविल को आखिरकार बीजेपी ने मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर कई दिनों से मेरठ सीट को लेकर चले आ रहे सस्पेंस को खत्म कर ही दिया। भाजपा ने अरुण गोविल को टिकट देकर स्थानीय-बाहरी के मुद्दे को भी शांत किया है। जैसा कि भाजपा के स्थानीय प्रवक्ता गजेन्द्र शर्मा कहते हैं,- अरुण गोविल का जन्म मेरठ में हुआ है और उनका मेरठ से पुराना नाता रहा है। उनकी शिक्षा यहीं मेरठ के सरस्वती शिशु मंदिर से हुई है। इसी कारण उनके परिवार ने लंबा समय यहां मेरठ में बिताया है।

स्थानीय बीजेपी नेता एवं लिसाड़ी गेट निवासी रहे अंकित चौधरी बताते हैं कि अरुण गोविल का परिवार मेरठ शहर के लिसाड़ी गेट से सटे राम नगर मोहल्ले में सत्यप्रकाश गोयल के मकान में किराये पर रहता था। अंकित चौधरी के अनुसार अरुण गोविल को शुरू से ही नाटक में अभिनय करते थे। इनके पिता चाहते थे कि यह एक सरकारी नौकरी करे लेकिन अरुण गोविल का सोचना विपरीत था। अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जो यादगार बने, इसलिए सन 1975 में यह बम्बई चले गए और वहां खुद का व्यवसाय प्रारम्भ किया उस वक्त यह केवल 17 वर्ष के थे। कुछ दिनों के बाद इन्हें अभिनय के नए नए रास्ते मिलना शुरु हुए।

मोहल्ले में खुशी की लहर

अरुण गोविल के बहनोई सुशील कुमार शील के भतीजे विभु गुप्ता का कहना है कि उनके(अरुण गोविल) मेरठ से टिकट की सूचना से पूरे परिवार के साथ ही मोहल्ले में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं सत्यप्रकाश गोयल के पुत्र विजय गोयल तो चुनाव में अरुण गोविल की जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। उनका कहना है कि अरुण गोविल ना सिर्फ जीतेंगे बल्कि रिकार्ड वोटों के अंतर से जीतकर मेरठ ही नहीं बल्कि यूपी में जीत का नया रिकार्ड कायम करेंगे। कमोव्श ऐसा ही दावा मेरठ के राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांच वाजपेयी भी करते हैं। वाजपेयी जो कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं कहते हैं-अरुण गोविल की जीत से मेरठ का नया इतिहास रचा जाएगा। अब तक 1977 का रिकार्ड मतों का इतिहास था। अब उससे भी बड़ा बनेगा।

अरुण गोविल की शुरुआती पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर से हुई

स्थानीय वाशिंदे अजय मित्तल का कहना है कि वें कक्षा तीन से 10वीं तक अरुण गोविल के साथ पढ़े हैं। अजय मित्तल के अनुसार अरुण गोविल की शुरुआती पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर से हुई थी। हाईस्कूल उन्होंने मेरठ शहर के राजकीय इंटर कालेज से किया। अरुण के पिता चंद्र प्रकाश गोविल मेरठ नगर पालिका में जलकल अनुभाग में अभियंता थे। अरुण गोविल के एक नजदीकी रिश्तेदार ने बताया कि मेरठ से अरुण गोविल के पिता का तबादला शाहजहांपुर हो गया। शाहजहांपुर से अरुण गोविल ने स्नातक किया। मेरठ से जुड़े छायाकार ज्ञान दीक्षित का कहना है कि अरुण गोविल की फिल्मी शुरुआत से पहले उन्होंने ही 1976 में बेगमपुल स्थित स्टूडियों में उनका फोटो खींचा था। जानकारों के अनुसार अरुण गोविल की फिल्मी शुरुआत 1977 में आई फिल्म पहेली से हुई थी। इसके बाद उन्होंने सावन को आने दो,अय्याश,भूमि, जियो तो ऐसे जियो,हिम्मतवाला,श्रद्धाजंलि,ससुराल,बादल,राधा-सीता,सांच को आंच नहीं,कमांडर,इतनी से बात आदि फिल्मों में काम किया। वहीं अरुण गोविल ने कई सीरियलों में भी काम किया जिनमें प्रमुऱ रुप से विक्रम बेताल,विश्नामित्र,हरिश्चंद्र और रामायाण शामिल हैं। रामायण के बाद तो अरुण गोविल जनता के बीच पूजनीय और लोकप्रिय बन गए। अब देखना यह है कि राजनीति में अरुण कितना सफल होते हैं। होते भी या नहीं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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