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Lok Sabha Election: अब लखनऊ में भी सपा बदल सकती है प्रत्याशी, इस नेता को टिकट मिलने की संभावना
Lok Sabha Election: सपा ने अपने कोटे की एक सीट तृणमूल कांग्रेस को दी है। सपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने कोटे की सभी सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं।
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर होने के बावजूद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों में फेरबदल का सिलसिला अभी थमा नहीं है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अभी तक प्रदेश की नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल चुके हैं और इसे लेकर उनकी रणनीति पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। बार-बार प्रत्याशी बदले जाने के कारण टिकट मिलने के बावजूद कई क्षेत्रों में प्रत्याशी निश्चित नहीं दिख रहे हैं। मुरादाबाद, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर में तो प्रत्याशियों में इतनी बार फेरबदल हुआ कि पार्टी के कार्यकर्ता भी कन्फ्यूजन की स्थिति में दिखने लगे।
अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी समाजवादी पार्टी की ओर से घोषित प्रत्याशी को बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में सपा की ओर से घोषित प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा का टिकट कट सकता है। सपा मुखिया अखिलेश यादव रविदास मेहरोत्रा से नाराज बताए जा रहे हैं। भाजपा ने इस सीट पर एक बार फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
लखनऊ में इस नेता का नाम रेस में आगे
उत्तर प्रदेश में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन के तहत सपा के खाते में 63 सीटें आई हैं जबकि 17 सीटों पर कांग्रेस को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। सपा ने अपने कोटे की एक सीट तृणमूल कांग्रेस को दी है। सपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने कोटे की सभी सीटों पर अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं।
सपा की ओर से जिन प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा चुका है, उनमें भी काफी फेरबदल किया जा रहा है। अब लखनऊ लोकसभा सीट को लेकर भी प्रत्याशी बदलने की सुगबुगाहट है। कई सपा नेताओं के नाम इस रेस में बताए जा रहे हैं मगर लव भार्गव का नाम सबसे आगे चल रहा है। जानकारों का कहना है कि टिकट घोषित होने के बावजूद रविदास मेहरोत्रा के ज्यादा सक्रिय न होने से अखिलेश यादव नाराज हैं और इसी कारण प्रत्याशी में बदलाव की चर्चा शुरू हुई है।
नौ सीटों पर प्रत्याशी बदल चुके हैं अखिलेश
अभी तक समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव नौ सीटों पर प्रत्याशी बदल चुके हैं। प्रदेश में रामपुर, मेरठ, बागपत, बदायूं, संभल, मिश्रिख, गौतम बुद्ध नगर, बिजनौर और मुरादाबाद में प्रत्याशी घोषित होने के बाद टिकटों में बदलाव किया जा चुका है।
समाजवादी पार्टी के टिकटों में हो रहे बार-बार बदलाव को देखते हुए कहा जाने लगा है कि सपा में कब किसका टिकट कट जाए और कब किसे दोबारा मिल जाए,यह नहीं कहा जा सकता। मुरादाबाद में टिकट को लेकर हुए घमासान के बाद अब ताजा मामला मेरठ का है जहां एक महीने के भीतर तीन बार टिकट बदला जा चुका है।
मजे की बात यह है कि अभी भी प्रत्याशियों के बदलने का सिलसिला थमने वाला नहीं दिख रहा है। सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ और सीटों पर प्रत्याशियों को बदला जा सकता है।
प्रत्याशी बदले जाने से बढ़ी गुटबाजी
बार-बार टिकट बदले जाने से प्रदेश के कई चुनाव क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के भीतर जबर्दस्त गुटबाजी पैदा हो गई है और पार्टी के ही अलग-अलग गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा के टिकटों में बार-बार हो रहे बदलाव को लेकर अखिलेश यादव की रणनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं।
माना जा रहा है कि विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में सियासी और जातीय समीकरण को लेकर पहले कोई होमवर्क नहीं किया गया था जिसका नतीजा बार-बार टिकट बदले जाने के रूप में सामने आ रहा है। इसके साथ ही अखिलेश की लीडरशिप भी सवालों के घेरे में आ गई है क्योंकि वे बार-बार दबाव की स्थिति में दिख रहे हैं।