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Lok Sabha Election: सपा के गढ़ में ही आजम ने बढ़ाईं मुश्किलें, रामपुर-मुरादाबाद में महाकन्फ्यूजन से सियासी नुकसान की आशंका

Lok Sabha Election 2024: रामपुर लोकसभा सीट से दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुहीबुल्लाह नदवी को प्रत्याशी है जबकि मुरादाबाद में एसटी हसन उम्मीदवार बने रहेंगे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 27 March 2024 1:24 PM IST
Lok Sabha Election: सपा के गढ़ में ही आजम ने बढ़ाईं मुश्किलें, रामपुर-मुरादाबाद में महाकन्फ्यूजन से सियासी नुकसान की आशंका
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Akhilesh Yadav Azam khan  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण की जिन लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी ने नजरें गड़ा रखी हैं, उनमें मुरादाबाद और रामपुर की लोकसभा सीटें भी शामिल हैं। इन दोनों सीटों सपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी मगर जिस तरह नामांकन के आखिरी दिन बुधवार तक इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर उठापटक मची रही, उससे सपा को सियासी नुकसान होने की आशंका पैदा हो गई है।

इस सियासी उठापटक के पीछे सबसे बड़ा कारण जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान को माना जा रहा है। हाल में सपा मुखिया अखिलेश यादव से जेल में मुलाकात के दौरान उन्होंने अखिलेश से रामपुर से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था जबकि मुरादाबाद सीट से अपने खेमे की रुचिवीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था।

इस कारण इन दोनों सीटों पर नामांकन के आखिरी दिन तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही। अब सपा की ओर से रामपुर लोकसभा सीट से दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुहीबुल्लाह नदवी को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि मुरादाबाद में एसटी हसन ही पार्टी के उम्मीदवार बने रहेंगे।

आजम के दांव में उलझ गए अखिलेश

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पिछले दिनों सीतापुर जेल में बंद आजम खान से मुलाकात की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान आजम खान ने अखिलेश से रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। उनका तर्क था कि भाजपा को जवाब देने के लिए सपा मुखिया को रामपुर सीट से खुद सियासी अखाड़े में उतरना चाहिए। आजम खान के सियासी दांव में अखिलेश यादव बुरी तरह उलझ गए क्योंकि वे रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे।

जब नामांकन दाखिल करने की एक दिन पहले तक सपा रामपुर लोकसभा सीट को लेकर कोई फैसला नहीं कर सकी तो रामपुर में आजम खान के समर्थकों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया। आजम खान समर्थकों के इस कदम से सपा के सामने नया संकट पैदा हो गया।

बहिष्कार के ऐलान ने बढ़ाईं मुश्किलें

आजम खान की ओर से अखिलेश यादव से अनुरोध किए जाने के बाद रामपुर के सपाई 24 मार्च को लखनऊ पहुंचे थे और उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान भी अखिलेश यादव ने कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा और 26 मार्च को प्रत्याशी के नाम का ऐलान करने की बात कही थी।

मंगलवार को भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान न किए जाने के बाद रामपुर में आजम खान समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने चुनाव पुरस्कार का बड़ा ऐलान कर डाला।

सपा के जिला अध्यक्ष अजय सागर ने पार्टी महासचिव आजम खान का पत्र भी जारी कर दिया। इस पत्र में सपा मुखिया अखिलेश यादव के खुद रामपुर से चुनाव न लड़ने पर उन पर भी निशाना साधा गया है।

पत्र में सैफई परिवार की सीटों पर सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद सीटें महत्वपूर्ण है तो फिर रामपुर कौन जीतेगा? रामपुर को मोहम्मद आजम खान का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और ऐसे में आजम खान का यह रवैया समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

नामांकन के आखिरी दिन तय हुआ प्रत्याशी

नामांकन के आखिरी दिन रामपुर लोकसभा सीट के लिए मौलाना मुहीबुल्लाह नदवी का नाम तय किया गया। राजधानी दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम नदवी का नाम तो पार्टी हाईकमान ने तय दिया है मगर उन्हें आजम खान समर्थकों की कितनी मदद मिलेगी, इसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

सियासी हलकों में चर्चा है कि आजम खान से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने मौलाना नदवी से मुलाकात की थी और इस मुलाकात के दौरान ही उन्हें रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया गया। नदवी रामपुर के ही रहने वाले हैं मगर वे इस सीट पर अपनी ताकत दिखाने में कहां तक कामयाब हो पाएंगे,यह देखने वाली बात होगी।

मुरादाबाद में छिड़ गया घमासान

आजम खान की वजह से रामपुर जैसी ही कंफ्यूजन की स्थिति मुरादाबाद में भी पैदा हो गई। मुरादाबाद में सपा की ओर से पहले ही सांसद एसटी हसन को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया जा चुका था। बाद में आजम खान खेमे की ओर से इस सीट के लिए बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा के नाम को आगे बढ़ाया गया। रुचिवीरा ने खुद को समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बताते हुए बुधवार को नामांकन करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने दावा किया की पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें टिकट के लिए हरी झंडी मिल गई है।

रुचिवीरा के इस दावे के बाद हसन समर्थकों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने रुचिवीरा के पुतले जलाकर अपना विरोध जताया। टिकट को लेकर घमासान छिड़ने के बाद मुरादाबाद के सपाई दो खेमा में बंटे हुए नजर आए। हालांकि अब सपा नेतृत्व की ओर से साफ किया जा चुका है कि मुरादाबाद में एसटी हसन ही पार्टी के प्रत्याशी होंगे।

मुस्लिम बहुल सीटों पर भी खतरे में सपा

दरअसल उत्तर प्रदेश में पहले चरण में लोकसभा की 16 सीटों पर चुनाव होने वाला है और इनमें से 13 सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में माने जा रहे हैं। इन 13 सीटों में रामपुर और मुरादाबाद की सीटें भी शामिल हैं।

रामपुर और मुरादाबाद की दोनों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही 19 अप्रैल को मतदान होना है। इन दोनों सीटों पर सपा की दावेदारी अभी तक मजबूत मानी जाती रही है मगर आजम खान ने इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

सियासी फायदा उठाने की फिराक में भाजपा

टिकट को लेकर चले घमासान के बाद रामपुर से लेकर मुरादाबाद तक सपा कार्यकर्ताओं में आपसी टकराव देखने को मिल रहा है। आजम खान की सियासी पकड़ रामपुरी ही नहीं बल्कि आसपास की अन्य सीटों पर भी मानी जाती रही है। मुस्लिम वोट बैंक पर भी उनकी मजबूत पकड़ रही है मगर अब उनकी नाराजगी और सपा में चल रही खींचतान पार्टी के लिए महंगी साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में आजम खेमा सपा की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी भी ने भी सपा में चल रही इस खींचतान पर नज़रें गड़ा रखी हैं और पार्टी इसका सियासी फायदा उठाने से नहीं चूकेगी। 2022 के उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर की लोकसभा सीट जीत ली थी और अब पार्टी ने इस बार भी इस सीट पर पूरी ताकत लगा रखी है। अब सबकी नज़रें इस बात पर लगी हुई हैं कि सपा की इस खींचतान का भाजपा कहां तक फायदा उठा पाती है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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