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Loksabha Election 2024: संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर सपा-बसपा ने भाजपा को जातीय समीकरण में उलझाया

Sant Kabir Nagar Seat Parliament Constituency: संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए यहां के वर्तमान सांसद प्रवीण कुमार निषाद पर दूसरी बार दांव लगाया है।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 19 May 2024 6:12 PM IST
Loksabha Election 2024: संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर सपा-बसपा ने भाजपा को जातीय समीकरण में उलझाया
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Lok Sabha Election 2024: यूपी के बस्ती मंडल में स्थित संत कबीर नगर जिले को महान संत कबीर दास की धरती के रूप में जाना जाता है। यहां का जिला मुख्यालय खलीलाबाद शहर है। पहले यह क्षेत्र बस्ती जिले का हिस्सा था, लेकिन बाद में 5 सितंबर 1997 को संत कबीर नगर के रूप नए जिले की स्थापना की गई। संत कबीर की महापरिनिर्वाण स्थली 'मगहर' इसी क्षेत्र में है। इसलिए इस जिले का नाम 'संत कबीर नगर' रखा गया। संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाने के लिए यहां के वर्तमान सांसद प्रवीण कुमार निषाद पर दूसरी बार दांव लगाया है। जबकि सपा ने लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद को चुनावी रण में उतारा है। वहीं बसपा ने नदीम अशरफ को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में यहां इस बार लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है।

Sant Kabir Nagar Lok Sabha Chunav 2019


Sant Kabir Nagar Vidhan Sabha Chunav 2022




Sant Kabir Nagar Lok Sabha Chunav 2014


अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा के प्रवीण कुमार निषाद ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को 35,749 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में प्रवीण कुमार निषाद को 4,67,543 और भीष्म शंकर तिवारी को 4,31,794 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के भालचंद्र यादव को 1,28,506 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा के शरद त्रिपाठी ने बसपा के भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को 97,978 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में शरद त्रिपाठी को 3,48,892 और भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को 2,50,914 वोट मिले थे। जबकि सपा के भालचंद्र यादव को 2,40,169 और पीस पार्टी के राजाराम को 69,193 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के रोहित कुमार पांडेय को महज 22,029 वोट मिले थे।

यहां जानें संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के बारे में



  • संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 62 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1957 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद, धनघटा व मेंहदावल और अंबेडकर नगर जिले के आलापुर के अलावा गोरखपुर जिले के खजनी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • संत कबीर नगर लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा और एक-एक सीट पर निषाद पार्टी व सपा का कब्जा है।
  • यहां कुल 19,62,903 मतदाता हैं। जिनमें से 8,96,164 पुरुष और 10,66,647 महिला मतदाता हैं।
  • संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 10,63,925 यानी 54.20 प्रतिशत मतदान हुआ था।

संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

घाघरा और राप्ती नदी के किनारे बसा संत कबीर नगर पीतल उद्योग के लिए जाना जाता है। पीतल उद्योग से जुड़े कारीगर विभिन्न प्रकार के कटोरे, प्लेटों, ग्लास, बर्तनों, जग, फूलदान, घंटी आदि का बनाते हैं। कभी बुनकरों और जूट उद्योग के लिए प्रसिद्ध संत कबीर नगर में औद्योगिक स्थिति बदहाल है। महादेव मंदिर, बखीरा, हशेश्वरनाथ मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। 2009 से पहले यह सीट खलीलाबाद लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी लेकिन परिसीमन के बाद इसका नाम संत कबीरनगर लोकसभा सीट हो गया। खलीलाबाद लोकसभा सीट पर 1957 में पहली बार चुनाव हुआ तो कांग्रेस के कपिल देव राय सांसद बने। लेकिन 1962 में यहां के लोगों का कांग्रेस से मन भर गया और भारतीय जनसंघ के श्री राम राय को सांसद बनाकर दिल्ली भेज दिया।

1967 के चुनाव में भी भारतीय जनसंघ की जीत हुई लेकिन इस बार मेजर रणजीत सिंह सांसद बने। 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और कृष्ण चंद्र पांडेय सांसद बने। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर समाजवादी नेता बृज भूषण तिवारी सांसद बने। लेकिन 1980 के चुनाव में कांग्रेस के कृष्ण चंद्र पांडेय यह सीट छिन ली। फिर 1984 के चुनाव में कांग्रेस के चन्द्र शेखर त्रिपाठी सांसद बने। लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर राम प्रसाद चौधरी सांसद बने।

90 के दशक में देश में चल रहे रामलहर के दौरान इस सीट पर भाजपा ने कमल खिलाया। 1991 के चुनाव में भाजपा के अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल सांसद बने। लेकिन 1996 के चुनाव में जनता दल के सुरेंद्र यादव ने यह सीट छिन ली। लेकिन 1998 के चुनाव में भाजपा के इंद्रजीत मिश्रा सांसद बने। फिर 1999 के चुनाव में सपा ने यहां अपना खाता खोला और भाल चंद्र यादव सांसद बने। 2004 के चुनाव भाल चंद्र यादव ने पाला बदलकर यह जीत बरकार रखा। इस बार बसपा के टिकट पर सांसद बने। लेकिन 2009 के चुनाव में बसपा के टिकट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के बड़े पुत्र भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी यहां से सांसद बने।

संत कबीर नगर के चुनावी मुद्दे

संत कबीर नगर का खलीलाबाद कभी औद्योगिक नगरी हुआ करता था। मगर यहां उद्योग धंधे सिमट गए। दो बड़े शहरों के बीच के शहर का जो हाल होता है, संत कबीर नगर का भी हाल वैसा ही है। यह जिला तो बन गया मगर गोरखपुर-बस्ती के बीच अटका हुआ है। संत कबीर नगर (खलीलाबाद) को बुनकरों की नगरी भी कहा जाता था और यहां बने हथकरघा उत्पाद दुनियाभर में मशहूर हुआ करते थे। तरक्की के दौर में हथकरघा खत्म हुआ तो उसकी जगह पावरलूम ने ले ली। बुनकर उद्योग आज भी चलता है, लेकिन स्वरूप बदल गया है। जिला बनने के बाद संत कबीर नगर का जितना विकास होना चाहिए, उतना नहीं हुआ है।

संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण

संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां करीब 4 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। मुसलमानों के बाद यहां निषादों की बहुलता है और यह माना जाता है कि निषाद जिधर जाएंगे, जीत उसी उम्मीदवार की होगी। दूसरी बिरादरी जैसे ब्राह्मण व वैश्य समाज की भी अच्छी खासी तादाद है और वे भी जिस ओर रुख करते हैं, उस उम्मीदवार की जीत के अंतर में इजाफा हो जाता है। ब्राह्मण बिरादरी के बारे में यहां मशहूर है कि वे माहौल बनाने में कारगर भूमिका अदा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब 4.85 लाख सवर्ण, 5.50 लाख ओबीसी और 4.48 लाख दलित मतदाता हैं।

संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से कपिल देव राय 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनसंघ से श्री राम राय 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनसंघ से मेजर रणजीत सिंह 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कृष्ण चंद्र पांडेय 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से बृज भूषण तिवारी 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कृष्ण चंद्र पांडेय 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से चन्द्र शेखर त्रिपाठी 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से राम प्रसाद चौधरी 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से सुरेंद्र यादव 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से इंद्रजीत मिश्रा 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से भाल चंद्र यादव 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से भाल चंद्र यादव 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से शरद त्रिपाठी 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से प्रवीण कुमार निषाद 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।


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Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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