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Lok Sabha Election 2024: झारखंड के सोरेन कुनबे में बगावत, हेमंत की भाभी BJP में शामिल, लड़ सकती हैं चुनाव

Lok Sabha Election 2024: झारखंड के बहुचर्चित शिबू सोरेन कुनबे में बगावत हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन की बड़ी बहू और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 19 March 2024 4:04 PM IST
Shibu Sorens elder daughter-in-law and former Chief Minister Hemant Sorens sister-in-law Sita Soren joins BJP
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शिबू सोरेन की बड़ी बहू और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन हुईं भाजपा में शामिल: Photo- Social Media

Lok Sabha Election 2024: झारखंड के बहुचर्चित शिबू सोरेन कुनबे में बगावत हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन की बड़ी बहू और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने झामुमो के महासचिव पद के साथ ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के मौके पर सीता सोरेन ने कहा कि मैं झारखंड के महान सोरेन परिवार को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशाल परिवार में शामिल हो रही हूं।

सीता सोरेन का इस्तीफा झामुमो के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वे पार्टी में अपनी उपेक्षा को लेकर काफी दिनों से नाराज चल रही थीं। भाजपा में शामिल होने के बाद अब सीता सोरेन को लोकसभा चुनाव की जंग में उतारने की तैयारी है। जानकार सूत्रों का कहना है कि सीता सोरेन को झारखंड की दुमका लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।

झारखंड के विकास का सपना अधूरा

भाजपा में शामिल होने के मौके पर सीता सोरेन ने कहा कि "मैंने भी झारखंड के लिए काफी संघर्ष किया है। मैं 14 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा में रही और इस दौरान मैंने पार्टी को मजबूत बनाने का भरसक प्रयास किया।'' मेरे ससुर शिबू सोरेन और दिवंगत पति दुर्गा सोरेन के प्रयासों से झारखंड अलग राज्य बना था। उन्होंने झारखंड के विकास का सपना देखा था मगर यह सपना अधूरा रह गया।"

सीता सोरेन - पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन: Photo- Social Media

झारखंड में सभी सीटों पर खिलेगा कमल

उन्होंने कहा कि आज झारखंड की जनता बदलाव के मूड में दिख रही है। झारखंड को झुकना नहीं बल्कि बचाना है और इसीलिए मैंने भाजपा और मोदी जी के विशाल परिवार के सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे पति का सपना पूरा होगा।

उन्होंने दावा किया कि झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर इस बार कमल खिलेगा। इस बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सीता सोरेन का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने उचित समय पर उचित फैसला लिया है।

उपेक्षा का आरोप लगा कर दिया इस्तीफा

इससे पूर्व सीता सोरेन ने झामुमो में अपनी उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया था। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा कि पति के निधन के बाद से वे उपेक्षा की शिकार हैं। उन्हें पार्टी और परिवार से सदस्यों से अलग-थलग किया गया, जो उनके लिए अत्यंत पीड़ादायक है। उन्हें उम्मीद थी कि समय के अनुसार परिस्थितियों में सुधार होगा, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि मेरे पति दुर्गा सोरेन ने अपने खून पसीने से झामुमो को बड़ा दल बनाने में कामयाबी हासिल की थी मगर अब पार्टी उन लोगों के हाथ में चली गई है जिनका दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे आदर्शों से मेल नहीं खाते। उन्होंने कहा कि पार्टी में एकजुटता की शिबू सोरेन की कोशिशें अभी तक विफल साबित हुई हैं। सीता सोरेन ने अपने परिवार के खिलाफ साजिश रचे जाने का बड़ा आप भी लगाया था।

उन्होंने कहा कि "ऐसी स्थिति में झामुमो में काम करना मेरे लिए संभव नहीं है। उन्होंने पार्टी के महासचिव पद के साथ ही विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।" जानकारों का कहना है कि चंपई कैबिनेट में स्थान न मिलने और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की झामुमो में बढ़ती सक्रियता से सीता सोरेन नाराज चल रही थीं।

सीता सोरेन : Photo- Social Media

इस सीट से लड़ सकती हैं चुनाव

जानकार सूत्रों का करना है कि "सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें दुमका लोकसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है। यदि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सीता सोरेन को दुमका से लड़ाने का फैसला किया तो भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन का पत्ता साफ हो जाएगा।"

सीता सोरेन का इस्तीफा झामुमो के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। झामुमो नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही मुश्किलों में फंसे हुए हैं और अब सीता सोरेन के अलग होने के बाद झारखंड में भाजपा को बड़ा सियासी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।



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Shashi kant gautam

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