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Lok Sabha Elections 2024: यूपी के आठ बीजेपी सांसदों का टिकट कटना तय! इन केंद्रीय मंत्रियों का भी हो सकता है पत्ता साफ
Lok Sabha Elections 2024: भाजपा की बुधवार को कोई कमेटी की बैठक होने वाली है। बैठक में कई महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशियों के चयन का फैसला होना है। उत्तर प्रदेश समेत देश के बाकी राज्यों के सियासी नजरिए से भी यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यूपी में 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद अभी कई महत्वपूर्ण सीटें बाकी हैं।
Lok Sabha Elections 2024: यूपी में बीजेपी के आठ सांसदों का टिकट कटना तय माना जा हरा है। वहीं कुछ केंद्रीय मंत्रियों का भी पत्ता साफ हो सकता है। भाजपा ने यूपी में अपनी पहली लिस्ट में 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। बाकी बची सीटों पर आज मंथन होने वाला है। वहीं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के आठ बड़े भाजपा सांसदों का इस बार टिकट कट सकता है। हालांकि कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटों के कटने की चर्चा हो रही है। जिन आठ सांसदों के टिकट काटने की बात हो रही है, उनमें कुछ विवादित भी हैं, तो वहीं कुछ संन्यास लेने के मूड में दिख रहे हैं।
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में यूपी समेत देश के कई राज्यों के बड़े नेताओं के नाम पर फैसला होना है। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि कुछ राज्यों के सांसद जो मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं, उनका टिकट भी कट सकता है। जबकि कुछ राज्यों के मंत्रियों और विधायकों को लोकसभा 2024 के चुनाव में दूसरे चरण की लिस्ट में जगह मिलने की संभावनाएं हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा की दूसरी लिस्ट भी गुरुवार या शुक्रवार को जारी हो जाएगी।
कई महत्वपूर्ण सीटों पर चयन का फैसला होना है
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में कई महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशियों के चयन का फैसला होना है। यह बैठक यूपी समेत देश के बाकी राज्यों के सियासी नजरिए से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इनके टिकट कटने की चर्चा जोरों पर
उत्तर प्रदेश में अभी कई महत्वपूर्ण सीटें बाकी हैं, जिन पर अभी टिकट फाइनल नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें, तो इनमें से आठ सीटें ऐसी हैं जिन पर प्रत्याशियों के टिकट कटना तय माना जा रहा है। इसमें सुल्तानपुर से मेनका गांधी, पीलीभीत से वरुण गांधी, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्या, गाजियाबाद के सांसद डॉ. (जनरल) वीके सिंह, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी, बलिया के वीरेंद्र सिंह मस्त और कानुपर से सत्यदेव पचौरी के नाम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इन आठ सीटों के अलावा बची हुई कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटों में बड़े फेरबदल होने की संभावनाएं हैं।
सूत्रों का कहना है कि जिन आठ लोकसभा सीटों पर टिकट बदलने की चर्चा हो रही है, उसमें कई नेता या तो विवादित रहे हैं या फिर अब वह सियासी संन्यास लेने जा रहे हैं। दरअसल बीते कुछ समय से पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी पार्टी लाइन से हटकर अपना बयान देते आए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वरुण को पहली लिस्ट में इसीलिए जगह नहीं दी गई थी। वहीं दूसरी लिस्ट में उनको ड्रॉप किए जाने की इसीलिए संभावनाएं बन रही हैं। वहीं कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर भी तलवार लटकी हुई है। बृजभूषण सिंह पहलवानों के मामले में लगातार विवादों में बने रहे। इसके अलावा प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी अपने बेटे को सियासी मैदान में उतारने के लिए खुद के संन्यास की घोषणा की थी। माना यही जा रहा है कि इस बार रीता बहुगुणा जोशी का टिकट कट सकता है। इसी तरह बदायूं की सांसद और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य के टिकट पर भी संकट के बादल छाए हैं।
हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि संघमित्रा मौर्य ने अपने पिता के रामचरितमानस विवाद पर कभी खुलकर कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन पार्टी उनके टिकट को लेकर न केवल विचार कर रही है, बल्कि बदायूं में नए सियासी समीकरणों को देखते हुए किसी बड़े और महत्वपूर्ण नेता पर दांव लगाने की योजना बना रही है। वहीं सूत्रों की मानें तो मेनका गांधी का टिकट अगर नहीं कटता है, तो उनकी संभावित सीट बदली जा सकती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर वरुण गांधी का टिकट कटता है, तो मेनका गांधी को वापस पीलीभीत से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का भी टिकट पर भी तलवार लटक रही है।
बची सीटें पर कइयों पर चल सकती है कैंची-
भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में केवल उत्तर प्रदेश के ही प्रत्याशियों के टिकट नहीं काटे थे। सभी 47 सीटों पर पुराने प्रत्याशियों को ही फिर से टिकट दिया गया था। जबकि चार हारी हुई सीटों पर नए प्रत्याशी दिए थे। जबकि अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने कई वर्तमान सांसदों को टिकट नहीं दिया था। यही अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हीं राज्यों की तर्ज पर अब यूपी में बची हुई सीटों में से कइयों पर भाजपा कैंची चलाने वाली है। सूत्रों के मुताबिक चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कुछ राज्य सरकारों के मंत्रियों और विधायकों को भी पार्टी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। दूसरे चरण की सीटों को घोषित करने से पहले बुधवार से होने वाली कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में ऐसे कई महत्वपूर्ण मंथन हो सकते हैं।
5 सीटें भाजपा ने गठबंधन को दे दी हैं
वहीं, भाजपा ने पहले चरण में 51 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। बची हुई 29 सीटों में से 5 सीटें भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन के सहयोगी दलों को दे रही है। इसमें मिर्जापुर और सोनभद्र सीटें अपना दल के लिए हैं। जबकि घोसी की सीट पर सुभासपा को चुनाव लड़ना है। इसी तरह बिजनौर और बागपत लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकदल चुनाव लड़ेगी। जबकि बाकी अन्य सीटों पर भाजपा को प्रत्याशी उतारने हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड समेत अवध की सीटें शामिल हैं। भाजपा की चुनाव समिति की बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक होनी है। जिसमें उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई अन्य राज्यों की महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशियों के चयन पर निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो कहा यही जा रहा है कि भाजपा ने जिन राज्यों में अभी तक प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं, वहां पर कई बड़े नेता और मंत्रियों के टिकट पर तलवार लटक रही है।