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UP Etah Lok Sabha Seat: यूपी की जनता को समझ नही आ रहा चुनाव-2024, यहां ‘विकास’ पर मतदाता मौन

UP Etah Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश के लोगों को इस बार का चुनाव समझ नही आ रहा है। यूपी की जनता सभी नीतियों को स्वीकार कर रही है पर ‘विकास’ के नाम पर मौन है।

Seema Pal
Written By Seema Pal
Published on: 13 April 2024 3:42 PM IST
Etah News
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Pic - Social Media

UP Etah Seat: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश में महासंग्राम छिड़ा है। राजनीतिज्ञों के लिए इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो गया है कि उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव की तस्वीर कैसी होगी। एक सर्वे में यह सामने आया है कि प्रदेश के लोगों को इस बार का चुनाव समझ नही आ रहा है। यूपी की जनता सभी नीतियों को स्वीकार कर रही है पर ‘विकास’ के नाम पर मौन है।

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में वर्तमान सांसद भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह हैं। एटा लोकसभा सीट पर भाजपा से पहले समाजवादी पार्टी का कब्जा था। एटा सीट को सपा का गढ़ भी कहा जाता है। जिले के नेताओं का सीधा संबंध सैफई परिवार से है। एटा लोकसभा सीट से भाजपा और सपा दोनों ने ही अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। भाजपा ने दोबारा राजवीर सिंह पर भरोसा जताया है। सपा ने इस सीट से देवेश शाक्य को उम्मीदवार चुना है।

उम्मीदवारों के पास विजन नहीं - मतदाता

एटा जिले के स्थानीय लोगों को समझ नही आ रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में किसे प्रतिनिधी चुने। जिले का चुनावी हाल कुछ ऐसा है कि लोग मौजूदा सरकार की नीतियों से तो खुश हैं लेकिन शहर में विकास को लेकर असंतुष्ट हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 10 साल हो गए हैं फिर भी रेलवे की व्यवस्थाएं आज तक नहीं सुधर पाई हैं। एक मतदाता ने बताया, ‘साल 2024 का चुनाव समझ नहीं आ रहा। सपा और भाजपा ने अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं लेकिन दोनों के पास चुनावी विजन नही है।’

विकास पर असंतुष्ट हैं मतदाता

जिले के एक अन्य मतदाता का कहना है कि एटा में मेडिकल व्यवस्था चरमरा रही है। विकास के नाम पर केवल बाते ही हो रही हैं, मेडिकल कॉलेज में इलाज की अच्छी व्यवस्था तक नहीं है। जिम्मेदारों ने केवल जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा दिया और इसे भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है। यही हाल रेलवे व्यवस्था का भी है। यहां रेलवे लाइन बिछाने की बात केवल कागजों पर है। अभी तक रेलवे द्वारा रेलवे लाइन बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रहण तक नहीं किया गया है। जिले के एक अन्य मतदाता मोहन चौहान ने बताया कि यहां सांसद कभी नही आते हैं। चाहे वह भाजपा के सांसद हो या सपा के सांसद हो, सांसद चुनाव के समय ही दिखाई देते हैं, फिर कभी नहीं दिखते।

कुछ ने कहा - भाजपा ने किया काम

हालांकि मतदाता ए. उपाध्याय ने बताया कि भाजपा ने जिले में बहुत काम किया है। भाजपा सांसद राजवीर सिंह ने जिले के विकास पर ध्यान दिया है। एटा जिले के विकास की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ महीने पहले ही एटा को परियोजनाओं की सौगात दी है। इनमें 1320 मेगावाट की ताप बिजली घर परियोजना, पॉलिटेक्निक और आईटीआई पास नौजवानों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण देना, सड़क, ग्राम्य विकास, नगर विकास, चिकित्सा, शिक्षा, पशुपालन विभाग शामिल हैं।

किसे चुनेगी एटा की जनता

वहीं, प्रदेश के एटा जिले में 3 तहसील, 4 नगरपालिका परिषद, 8 ब्लॉक, 5 नगर पंचायत, 892 गांव, 576 ग्राम पंचायत हैं। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 12 लाख 45 हजार 163 है। इसमें पुरुष मतदाता 6 लाख 76 हजार 799 है जबिक महिला मतदाता 5 लाख 68 हजार 328 है। यूं तो एटा लोकसभा सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है, लेकिन हालात बता रहे हैं कि जनता कभी भी अपना मत सपा की झोली में डाल सकती है। क्योंकि एटा की जनता सांसद राजवीर सिंह के निरंकुश व्यवहार से नाखुश दिखाई पड़ रही है।

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Content Writer

Seema Pal is a Journalist and former Anchor. As Author, She is produced a good content. She has 4 years of experience in Media as news writer. Along with entertaining, She has a good grip in politics

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