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Lok Sabha Election 2024: महाराजगंज से अमनमणि पर दांव लगा सकती है कांग्रेस, ओबीसी वोटर सबसे ज्यादा
Lok Sabha Election 2024: महाराजगंज की नौतनवा सीट से पूर्व विधायक और मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि अब कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं।
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पंकज चौधरी महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं।
कांग्रेस अमनमणि पर लगा सकती है दांव
महाराजगंज की नौतनवा सीट से पूर्व विधायक और मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि अब कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। कांग्रेस में शामिल होने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी अमनमणि को महाराजगंज लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है। माना जा रहा है कि वह अन्य दलों का सियासी समीकरण बिगाड़ सकते हैं। टिकट की दावेदारी के लिए सीट से दूसरा बड़ा नाम कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत हैं। पार्टी इनपर भी दांव लगा सकती है। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने पहले अमनमणि की बहन तनुश्री को टिकट दिया था। लेकिन उसके बाद बदल कर सुप्रिया श्रीनेत को टिकट दे दिया।
लोकसभा क्षेत्र का सियासी समीकरण
लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ओबीसी वोटर हैं। इसकी संख्या करीब 56 फीसदी है। यादव, पटेल, कुर्मी और मौर्य भी ओबीसी श्रेणी में आते हैं। 12 फीसदी सवर्ण मतदाता इस लोकसभा में हैं। कुछ प्रतिशत क्षत्रिय और कायस्थ वोटर भी यहां हैं। दलितों में सबसे ज्यादा जाटव वोटरों की संख्या है। कांग्रेस के लिए ओबीसी वोटरों को अपने पाले में लाने की बड़ी चुनौती होगी।
छह बार के सांसद हैं पंकज चौधरी
कांग्रेस के लिए इस सीट से जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा। वर्तमान सांसद पंकज चौधरी छह बार इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी हैं। 1991 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में उन्होंने पहली बार जीत हासिल की थी। जिसके बाद वह लगातार तीन चुनाव जीते। समाजवादी पार्टी के कुंवर अखिलेश सिंह ने 1999 के चुनाव में उन्हें हराया। लेकिन 2004 में पंकज चौधरी ने फिर वापसी की। कांग्रेस के हर्षवर्धन ने 2009 आम चुनावों में उन्हें हराया। अगले चुनाव में फिर से उन्होंने जीत हासिल की।