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यूपी में विधानसभा की 10 खाली सीटों पर फिर NDA और INDIA गठबंधन होंगे आमने-सामने, जानें कौन पड़ेगा भारी
यूपी विधानसभा के विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि 10 सीटों पर रिक्तियों की जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है। प्रक्रिया के मुताबिक इन सीटों पर छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने होंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 80 में से 43 सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 36 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। ऐसे इंडिया गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने के साथ, विधानसभा की खाली हुई 10 सीटों पर उपचुनाव में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा पर अपनी बढ़त वापस पाने का दबाव है। चुनाव आयोग की ओर से अभी तक उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है. हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने घोषणा की है कि वे इंडिया गठबंधन के तहत यूपी विधानसभा उपचुनाव एक साथ लड़ेंगे। वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित 9 विधानसभा सदस्यों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद सीटें खाली हो गई थीं, जबकि कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वहीं यूपी विधानसभा के विशेष सचिव ब्रजभूषण दुबे ने मीडिया को बताया कि 10 सीटों पर रिक्तियों की जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है। प्रक्रिया के मुताबिक इन सीटों पर छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने होंगे। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में इनमें से 5 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं, जबकि 1 सीट राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को मिली थी, जो तब एसपी के साथ गठबंधन में थी और अब एनडीए का हिस्सा है। तीन सीटें भाजपा को मिली थीं और एक सीट एनडीए सहयोगी दल पार्टी निषाद पार्टी के खाते में गई थी।
लोकसभा चुनाव में मिले परिणाम से बढ़ा मनोबल, उपचुनाव के नतीजों पर पड़ेगा असर
उपचुनाव के नतीजे राज्य विधानसभा में भाजपा के लिए संख्यात्मक रूप से महत्वहीन होंगे, जहां उसके पास आरामदायक बहुमत है। हालांकि, इन नतीजों का दोनों पक्षों के मनोबल पर असर पड़ेगा। क्योंकि भाजपा को कोई और नुकसान विपक्षी सपा और कांग्रेस को और मजबूत करने में मदद करेगा। सपा और कांग्रेस ने भरोसा जताया है कि वे लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेंगे, वहीं भाजपा भी कुछ खास करने की तैयारी में है। नेताओं के अनुसार यह उपचुनाव दोनों गठबंधनों के लिए अपनी 'विश्वसनीयता' बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। वहीं भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने मीडिया से कहा कि एनडीए पूरी ताकत के साथ विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी। कहीं कोई दबाव नहीं है। भाजपा के कार्यकर्ता जनता की सेवा और चुनाव के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। एनडीए में शामिल दलों को सीटें देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व तय करेगा लेकिन संगठन और सरकार के स्तर पर हमने पूरे जोश के साथ चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
जब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी रिक्त सीटों पर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है और हम कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे। पार्टी कार्यकर्ता पूरी ताकत लगाएं और जीतें। लोकसभा चुनाव में प्रबंधन के लिए बनी कमेटी इन 10 सीटों पर तैयारी कर रही है और संसद सत्र के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इसके लिए नई कमेटी बनाएंगे। वहीं यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आगामी उपचुनाव में इंडिया गठबंधन एकजुट होकर लड़ेगा और जल्द ही हमारे नेता बैठक कर सीटों और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक नेता ने बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को लखनऊ में सभी राज्यों के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें उपचुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।
लोकसभा चुनाव में एनडीए पर भारी पड़ा था इंडिया गठबंधन
लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन ने प्रदेश की 80 में से 43 सीटें जीतीं, जिसमें 37 सीटें सपा और छह सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा ने 33 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल को दो और अपना दल (एस) को एक सीट मिली। इस चुनाव में बसपा का खाता नहीं खुला। बता दें कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने लोकसभा चुनाव 2014 में यूपी में 73 और 2019 में 64 सीटें जीती थीं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ कुल 273 सीटें जीती थीं।
ये है उत्तर प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति
यूपी विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार, 403 सदस्यीय सदन में भाजपा के पास 249, उसकी सहयोगी अपना दल (एस) के पास 13, राष्ट्रीय लोक दल के पास 8, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास 6 और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (NISHAD) के पांच सदस्य हैं। मुख्य विपक्षी दल सपा के 103 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। इसके अलावा जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ हुए चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में दो-दो सीटें सपा और भाजपा ने जीतीं, लेकिन इन विधायकों ने अभी तक शपथ नहीं ली है।
ये हैं विधायक जो चुने गए लोकसभा सदस्य
- राष्ट्रीय लोकदल के चंदन चौहान
- भाजपा के अतुल गर्ग
- भाजपा के अनूप वाल्मिकी
- भाजपा के प्रवीण पटेल
- निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के विनोद कुमार बिंद
- समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव
- समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान
- समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा
- समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद