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काशी का रणक्षेत्र: सातवें चरण में वाराणसी बना सबसे बड़ा अखाड़ा, PM मोदी को रिकॉर्ड जीत दिलाने का लक्ष्य, लड़ाई सिर्फ मार्जिन की

Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं और उनका मुकाबला एक बार फिर अजय राय से हो रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 28 May 2024 11:08 AM IST (Updated on: 28 May 2024 11:10 AM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (photo: social media ) 

Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही नजारा बिल्कुल बदला हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े भाजपा नेताओं ने वाराणसी में डेरा डाल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी तो दूसरे इलाकों में पार्टी उम्मीदवारों को जिताने के लिए चुनावी सभाएं कर रहे हैं मगर उनके चुनाव क्षेत्र में प्रचार की कमान अन्य भाजपा नेताओं ने संभाल रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं और उनका मुकाबला एक बार फिर अजय राय से हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को पीएम मोदी पिछले दो चुनावों में हरा चुके हैं।

इस बार भाजपा की ओर से पार्टी के सबसे बड़े चेहरे प्रधानमंत्री मोदी को देश में सबसे बड़ी जीत दिलाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 के चुनाव में करीब 4,79,000 वोटों से जीत हासिल की थी मगर इस बार पार्टी की ओर से पीएम मोदी को 10 लाख वोटो की मार्जिन से जीत दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भाजपा के संगठन और चुनाव के कई महारथी वाराणसी में चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने की कोशिश में झूठ हुए हैं। अजय राय की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए विपक्षी नेताओं ने भी जोर लगा रखा है मगर वाराणसी में चुनावी लड़ाई सिर्फ मार्जिन की ही मानी जा रही है।

भाजपा के बड़े चेहरों की काशी में सक्रियता

वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव प्रचार में कई ऐसे चेहरे भी उतरे हुए हैं जिन्हें देश के दूसरे क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करते हुए नहीं देखा गया। मसलन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए तमिल समाज को साधने का प्रयास किया और बुद्धिजीवियों की एक बैठक में भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा को तो वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनाव प्रचार किया आवश्यकता ही नहीं है।


इस बार के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मुंबई में अपनी सीट को छोड़कर कहीं और चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं दिखे मगर वाराणसी में उन्होंने मॉर्निंग वॉकर्स के साथ भ्रमण किया तो उद्यमियों और व्यापारियों के साथ संवाद करके पीएम मोदी को चुनाव जिताने की अपील भी की।


मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यादव बहुल इलाके सीर गोवर्धनपुर में जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को बड़ी जीत दिलाने की अपील की। कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल उत्तर प्रदेश में आए तो मम्मी की सीट पर गए। पहले पापा की सीट डुबोई और अब मम्मी की सीट डुबोएंगे।


दिग्गज नेता लगातार साध रहे संपर्क

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वाराणसी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी सक्रिय दिख रहे हैं। योगी ने पिछले दो दिनों में लगातार वाराणसी में सभाएं की हैं जबकि नड्डा ने भी काशी में कारीगर-बुनकर सम्मेलन को संबोधित करके पीएम मोदी को रिकॉर्ड मतों से जीत दिलाने की अपील की। कालभैरव का दर्शन करने के बाद उन्होंने बाहर गुमटी पर चाय पीते हुए काशी के मतदाताओं से मुलाकात की।

गृह मंत्री अमित शाह की सभा भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि प्रचार के आखिरी दिनों में प्रधानमंत्री मोदी भी काशी के रणक्षेत्र में एक बार फिर उतर सकते हैं।

इन बड़े नेताओं के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों और उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों को समाज के अलग-अलग वर्गों को साधने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूसरे प्रदेशों के भी अलग-अलग समाजों के बड़े भाजपा नेता वाराणसी पहुंच चुके हैं और वे शहर के विभिन्न इलाकों में छोटी-छोटी बैठकों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के मतों में और इजाफा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।


माइक्रो मैनेजमेंट की कमान सीआर पाटिल के हाथ

वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री मोदी को बड़ी जीत दिलाने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट पर पार्टी का विशेष फोकस है और इसकी कमान प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाने वाले गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने संभाल रखी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार वाराणसी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा था तो उस समय भी चुनाव मैनेजमेंट संभालने की पूरी जिम्मेदारी सीआर पाटिल पर ही थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने ताल ठोकी थी मगर उन्हें भी करारी हार का सामना करना पड़ा था। सीआर पाटिल को पन्ना प्रमुख मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है और इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी को रिकार्ड मतों से जीत सुनिश्चित करने के लिए इस फाॅर्मूले पर काफी मजबूती से काम किया जा रहा है।


देश में सबसे बड़ी जीत दिलाने का टारगेट

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस बार भी एक विशेष मकसद के साथ खूब मशक्कत की जा रही है। दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 3 लाख 72 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के जीत का मार्जिन बढ़ गया था। 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने सपा प्रत्याशी शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार से अधिक मतों से हराया था। इस बार भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत का मार्जिन और बढ़ाने की तैयारी है।


पार्टी की ओर से इस बार प्रधानमंत्री मोदी को 10 लाख वोटों के अंतर से जीत दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल के नाम दर्ज है।

उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात की नवसारी सीट से 6 लाख 89 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। अब सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड प्रधानमंत्री मोदी के नाम दर्ज कराने की तैयारी है और इसीलिए भाजपा की ओर से खूब मेहनत की जा रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा के तमाम विधायक, पूर्व विधायक, पार्षद और संगठन के तमाम पदाधिकारी गांव गांव और गली-गली की खाक छान रहे हैं।

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भी संभाला मोर्चा

दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के नेताओं को भी प्रधानमंत्री मोदी की ताकत का बखूबी एहसास है और यही कारण है कि विपक्षी दलों के बड़े नेता भी प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव क्षेत्र में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने हाल में अजय राय के समर्थन में रोड शो किया था।

प्रियंका और डिंपल के रोड शो के बाद आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव की संयुक्त सभा के जरिए प्रधानमंत्री मोदी को घेरने की तैयारी है। इस रैली के जरिए विपक्ष एकजुटता का बड़ा संदेश देना चाहता है। इसलिए इस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विपक्ष के कई अन्य बड़े नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि इन नेताओं की ओर से अभी तक काशी आने की पुष्टि नहीं की गई है।

विपक्ष भी अपनी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है मगर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के लिए वाराणसी में पीएम मोदी को चुनौती देना काफी मुश्किल माना जा रहा है।





Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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