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Lok Sabha Election: बंगाल में भाजपा को करारा झटका, बीरभूम में पार्टी प्रत्याशी देबाशीष धर का नामांकन रद्द
Lok Sabha Election 2024: बीरभूम लोकसभा सीट पर देबाशीष धर की उम्मीदवारी काफी मजबूत मानी जा रही थी। उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार शताब्दी रॉय से था।
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में इस बार तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भाजपा ने इस बार भी पूरी ताकत लगा रखी है मगर पार्टी को बीरभूम लोकसभा क्षेत्र में करारा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बीरभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द कर दिया है।
नामांकन पत्र के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा न करने के कारण उनका नामांकन रद्द किया गया है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर ने पिछले महीने नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और पार्टी ने उन्हें लोकसभा की सियासी जंग में उतार दिया था। अब उनका नामांकन रद्द होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
टीएमसी की शताब्दी रॉय से था मुकाबला
बीरभूम लोकसभा सीट पर देबाशीष धर की उम्मीदवारी काफी मजबूत मानी जा रही थी। उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार शताब्दी रॉय से था जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीत हासिल की थी। बीरभूम को टीएमसी का गढ़ माना जाता रहा है मगर पार्टी के नेता अनुव्रत मंडल के जेल में होने के कारण इस बार कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही थी। इस इलाके में पार्टी को मजबूत बनाने में मंडल की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है।
अब देबतनु भट्टाचार्य प्रत्याशी बने
देबाशीष धर का नामांकन रद्द होने के बाद अब भाजपा की ओर से देबतनु भट्टाचार्य को नया उम्मीदवार घोषित किया गया है और उन्होंने इस सीट से अपना नामांकन भी अखिल कर दिया है। भाजपा के नए उम्मीदवार भट्टाचार्य संघ से जुड़े रहे हैं और उन्होंने पूर्व में प्रचारक के रूप में भी काम किया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि वे शताब्दी रॉय को चुनौती देने में कहां तक सक्षम हो पाते हैं। बीरभूम लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होने वाला है। ऐसे में उनके पास प्रचार के लिए ज्यादा वक्त भी नहीं बचा है।
हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ने का ऐलान
नामांकन रद्द होने के बाद पूर्व आईपीएस देबाशीष धर ने कहा कि वे इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा आएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से मेरा नामांकन रद्द किया गया है और पार्टी नेताओं से विचार विमर्श के बाद वे इस बाबत कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि बिना किसी आधार के मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है और इसलिए मैं इसके खिलाफ अदालती लड़ाई लडूंगा।
पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ममता सरकार ने देबाशीष धर को निलंबित कर दिया था। देबाशीष धर उस समय कूचबिहार के एसपी थे। मतदान के दौरान हंगामे के बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। विधानसभा चुनाव के बाद ममता सरकार ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश जारी कर दिया था। अब वे आईपीएस की नौकरी छोड़ते हुए भाजपा में शामिल हो चुके हैं मगर नामांकन रद्द होने से उन्हें करारा झटका लगा है।