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Lucknow News: मौत का खौफ दिखाकर मरीजों के तीमारदारों को ठगता था, देश भर के अस्पतालों को बनाता था निशाना
Lucknow News: यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़ा गया करीम बेहद शातिर है। वो मरीजों की हालत का लगाने के बाद उनके घरवालों से फोन पर संपर्क करता था।
Lucknow ats attested fraud doctor (photo: social media )
Lucknow News: देश के बड़े अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को ठगने वाले को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लखनऊ एसटीएफ ने उसे शहीद पथ स्थित अवध शिल्पग्राम से पकड़ा है। गाजियाबाद निवासी जालसाज राहुल उर्फ करीम एम्स, अपोलो, टाटा मेमोरियल, पीजीआई और मेदांता सहित करीब हर बड़े हॉस्पिटल के मरीजों को निशाना बना चुका है। वो सोशल मीडिया के जरिए गंभीर मरीजों का डेटा जुटाता था। इसके बाद उनके घरवालों को उनकी मौत का खौफ दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूलता था।
यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़ा गया करीम बेहद शातिर है। वो मरीजों की हालत का लगाने के बाद उनके घरवालों से फोन पर संपर्क करता था। मरीज की दिक्कत के मुताबिक उनसे खून, प्लेटलेट या किसी ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए पैसे मांगता था। यह रुपए वो ऑनलाइन किसी खाते में मंगवाता इसके बाद वह नंबर बंद कर लेता था। एसएसपी ने बताया की आरोपी केवल सोशल मीडिया का सहारा लेता था या अस्पताल स्टाफ भी उसके साथ शामिल था इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा ठगी के इस गोरख धंधे में उसके साथ शामिल और आरोपियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
लखनऊ पीजीआई और मेदांता के मरीजों से हुआ पर्दाफाश
एसएसपी ने बताया की बीते साल पीजीआई व मेदान्ता अस्पताल में भर्ती मरीजो के तीमारदारों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था की उन्हें फोन कर खुद को डॉक्टर बताने वाले ने इंजेक्शन, ब्लड व प्लेटलेट मंगवाने के नाम पर यूपीआई के द्वारा पैसे मंगाए। लेकिन बाद में पता चला कि अस्पताल से ऐसी कोई उन्हें कॉल की ही नही गयी थी। शिकायतें दर्ज होने के बाद इस जालसाज की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई थी। जिसके बाद गुरुवार को आरोपी राहुल उर्फ करीम को शुशांत गोल्फ सिटी अंतर्गत अवध शिल्पग्राम के पास से गिरफ्तार किया गया।
खून की दलाली करके सीखा जालसाजी, सोशल मीडिया को बनाया हथियार
पुलिस की पूछताछ में आरोपी राहुल ठाकुर उर्फ करीम ने बताया कि वह राजा नाम के व्यक्ति के साथ हिन्दूराव हास्पिटल दिल्ली के ब्लड बैंक में दलाली करता था। कोरोना काल में उसने सोशल मीडिया पर बहुत सारे ऐसे ग्रुप देखे जिसपर लोग मरीजों के लिए मदद मांगते थे। इसमें खासकर ब्लड डोनेशन से जुड़े ग्रुप होते थे। राजा के सुझाव पर फर्जी डाकुमेंट पर सिम कार्ड लेकर उससे फेक अकाउंट बनाता था। इसके बाद ऐसे ग्रुप में जुड़कर वहा से गंभीर मरीजों की जानकारी हासिल करता था। फिर डा पुनीत, डा फरदीन खान व डा विवेक के नाम से मरीज के तीमारदारों को काल कर मरीज की कंडीशन क्रिटिकल बताकर तत्काल बाहर से एन्टीडोज , ब्लड व प्लेटलेट की व्यवस्था करने के लिए फर्जी तरीके से खोले गये बैंक खातों में रूपये जमा करा लेता था। उसने बताया कि अब तक वह लगभग सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है।
मंहगे अस्पतालों के अमीर मरीज होते थे जालसाज का निशाना
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरोपी अब तक पीजीआई लखनऊ, एम्स दिल्ली, एम्स भोपाल, एम्स वाराणसी, अम्बानी हास्पििटल दिल्ली, सेन्ट्रल हास्पिटल झाारखण्ड, टाटा मुम्बई, मेदान्ता गुडगाॅव व लखनऊ, फोर्टीज, मनिपाल, अपोलो कलिंगा, एसएसबी, बीएल कपूर व दयाराम अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से जालसाजी कर चुका है। वह जिन फर्जी एकाउंट में पैसे जमा करवाता था वह बेरोजगारो को झांसा देकर उनके नाम से खुलवाए गए थे। उन्हें मोटी तनख्वाह दिलाने का झांसा देकर उनके नाम से सिम लेकर सैलरी के लिए फिनों पेमेन्ट बैंक में उनका खाता खुलवाता था और एटीएम कार्ड को खुद कब्जे में लेकर पैसे निकाल लेता था।