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Kakori Train Action: आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन

Kakori Train Action: काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया।

Vertika Sonakia
Published on: 8 May 2023 4:38 AM IST
Kakori Train Action: आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन
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काकोरी ट्रेन ऐक्शन नाटक का मंचन(फ़ोटो: न्यूज़ट्रैक)

Kakori Train Action: देश के वीरों के सम्मान में:

“सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं, तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो,

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो,

कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा, ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो,

यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें, इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो,

इन्ही भावना से देश हित के प्रति अपनी जान न्योछावर करने वाले हमारे महान क्रांतिकारी, शहीदों और सैनिको को शत शत नमन।”

काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक का मंचन

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में “धरोहर” थीम के अंतर्गत आयोजित नाटक काकोरी ट्रेन ऐक्शन का मंचन किया गया। नाटक का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाना था, और इसके लिए वो सशस्त्र विद्रोह करने के भी पक्षधर थे।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारियों को समर्पित नाटक ककोरी ट्रेन ऐक्शन

काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन’ को अंग्रेजों ने डकैती का नाम दिया। काकोरी ट्रेन एक्शन के बाद गुस्साए अंग्रेजों ने तलाशी अभियान के जरिए हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के 40 क्रांतिकारियों पर डकैती और हत्या का मामला दर्ज किया। पूरी घटना के दौरान दुर्भाग्यवश एक यात्री को गोली लग गई थी। इस घटना में राष्ट्रनायकों को दोषी मानते हुए राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी की सजा सुनाई गई। वहीं कुछ को सजा-ए-काला पानी की सजा दी गई तो कुछ को 4 से 14 साल तक की कैद की सजा सुनाई गई। 17 दिसंबर 1927 को क्रांतिवीर राजेंद्र नाथ लाहडी को गोंडा जेल में तथा 19 दिसंबर 1927 को शेष तीनों क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान एवं ठाकुर रोशन सिंह को क्रमशः गोरखपुर जिला जेल, फैजाबाद जिला जेल व इलाहाबाद जिला जेल में फांसी दी गयी थी |

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है। "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काकोरी कांड हमारे देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण था। इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी। आज नाटक मंचन के माध्यम से आप काकोरी कांड का सजीव चित्रण देखेंगे ऐसा हमारा प्रयास है। तथा आज इसी कड़ी में काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक का मंचन किया जा रहा है |”

काकोरी ट्रेन ऐक्शन का उद्देश्य

काकोरी षड्यंत्र के हमलावर एक नवगठित क्रांतिकारी संगठन "हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन" के सदस्य थे। इस संगठन का नाम बाद में "हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन" (एचएसआरए) कर दिया गया। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाना था, और इसके लिए वो सशस्त्र विद्रोह करने के भी पक्षधर थे।

काकोरी ट्रेन कांड का नाम बदलकर किया गया काकोरी ट्रेन एक्शन

हाल ही में, उत्तर प्रदेश सरकार ने 'काकोरी कांड' का नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' कर दिया है. भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास की इस महत्वपूर्ण घटना का नाम इसलिए बदल दिया गया है क्योंकि 'कांड' शब्द भारत के स्वतंत्रता संग्राम से सम्बंधित इस घटना के प्रति अपमान की भावना को दर्शाता है।

काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक के पात्र परिचय

कलाकार मंच पर जूही कुमारी-सूत्रधार/भारतीय, निहारिका कश्यप-सूत्रधार/भारतीय, नीलम श्रीवास्तव-सूत्रधार/भारतीय, नीलम मौर्या-सूत्रधार/भारतीय, साक्षी अवस्थी- भारतीय, करन दीक्षित-राम प्रसाद बिस्मिल, कोमल प्रजापति-अशफाकउल्ला खां, अग्नि सिंह-ठा० रोशन सिंह, विशाल कुमार वर्मा-राजेन्द्र लाहड़ी, गौरव शाक्य-विष्णु शरण दुब्लिस, विशाल श्रीवास्तव-सचिंद्र नाथ सान्याल, आशीष सिंह-चंद्रशेखर आजाद, विनय पाल-मुरारी लाल, रामचरन-मन्मथ नाथ, श्रेयांश यादव-केशव चक्रवर्ती, सोनू कुमार- सुरेश (कैदी), सुन्दरम मिश्रा-जज, रवि विश्वकर्मा-अंग्रेज सिपाही, यस रॉय-अंग्रेज सिपाही, प्रसून शुक्ला-अंग्रेज सिपाही, ओमकार पुष्कर-अंग्रेज सिपाही, अमन कुमार-ट्रेन ड्राइवर, गुलशन यादव-अंग्रेज सिपाही, प्रभात कश्यप-भारतीय

कार्यक्रम में उपस्थित सम्मानित जन

कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से हर्ष वर्धन अग्रवाल, डॉ० रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, श्री एम०पी० सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर राज कुमार सिंह, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी तथा शहर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।



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