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Lucknow Traffic Jam: लखनऊ के लिए बड़ी खबर, अब हर चौराहे की होगी मॉनीटरिंग, जाम से मिलेगी मुक्ति
Lucknow Traffic Jam: लखनऊ से जाम से निपटने के लिए हर चौराहे की रिपोर्ट तैयार करी गई है। जाम की समस्या से निजात पाने के लिए लखनऊ मंडल आयोग द्वारा एक कमेटी गठित कर
Lucknow Traffic Jam: यातायात व्यवस्था सुधार के लिए शहर के तिराहे-चौराहे पर आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लगने का काम लगभग पूरा हो चुका है। निगम के अधिकारी 15 दिन में संचालन शुरू कराने का दावा भी कर रहे है। इस सिस्टम के शुरू होने पर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की कमान लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय कमांड सेंटर के हाथों में भी पहुंच जाएगी जिससे नियमों की अनदेखी करने वालों पर आटोमेटिक कार्रवाई होना भी शुरू हो जाएगी।
लखनऊ के हर चौराहे पर 24 घंटे होगी कमांड कंट्रोल की निगरानी
राजधानी के हर चौराहे की 24 घंटे कमांड कंट्रोल सेंटर से निगरानी होगी। हर गतिविधि की जिम्मेदारों को सूचना दी जाएगी और ऐक्सिडेंट व जाम को देखकर ठोस कदम उठाए जाएंगे। इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के तहत स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत सभी चौराहों को स्मार्ट सिटी से जुड़े अफसरों ने ट्रैफ़िक्स मैनज्मेंट सिस्टम को बिजली से जुड़वा लिया है।
सभी चौराहों पर जवान होगे मुस्तैद
लखनऊ के 71 चौराहो पर लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के जवान होंगे मुस्तैद। ट्रैफिक पुलिस के साथ स्थानीय थानों के पुलिस इंचार्ज भी ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी करेंगे। सभी 162 चौराहों के लिए ड्यूटी चार्ट बन चुका है और जल्द ही लखनऊ शहर में जाम की समस्या से पूर्ण रूप से निजाद पाया जाएगा। लखनऊ मंडल के अलावा अन्य छह जिलों में भी यह कमेटी सक्रिय होगी। इस सप्ताह कमेटी की बैठक में मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में ट्रैफिक प्रबंधन की समीक्षा होगी।
मंडलायुक्त की कमिटी में कौन से अधिकारी होंगे शामिल
मंडल आयुक्त की कमेटी में संभागीय परिवहन अधिकारी, एनएचएआई, लखनऊ नगर निगम, और अन्य जिलों के एसपी ट्रैफिक शामिल होंगे। लखनऊ मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने बताया “जिन चौराहों पर प्रतिदिन जाम की समस्या रहती है उनकी एक सूची बनाई जाएगी। नियमित साप्ताहिक बैठक में तय होगा कि किस चौराहे पर कितना काम किया गया है और जाम की समस्या से लखनऊवासियों कितना निजाद मिला है। आगे किन नियमों में बदलाव करना है और आगे का प्रयास करने होंगे सब तय किया जाएगा।”
केवल निगरानी की कमी से नहीं सुधरते हालात
केवल निगरानी से हालात नहीं सुधारे जा सकते। निगरानी से कुछ दिन हालात ठीक रहते हैं फिर वापस वही पुरानी व्यवस्था हो जाती है। ऐसे में नियमित रूप से बैठक होगी और सभी समस्याओं के लगातार सुधार किए जाएंगे जिससे जाम की समस्या में स्थायी सुधार हो सकेंगे।