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Nagar Nikay Chunav 2023: आपको क्यों डालना चाहिए अपना वोट

Nagar Nikay Chunav 2023: पिछली बार लखनऊ के चुनाव में सिर्फ 40 फीसदी वोट पड़े थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि जो पार्षद और मेयर चुने गए उनके चुनाव में 60 फीसदी लखनवी मतदाताओं की कोई भूमिका थी ही नहीं।

Neel Mani Lal
Published on: 4 May 2023 3:39 AM IST
Nagar Nikay Chunav 2023: आपको क्यों डालना चाहिए अपना वोट
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UP Nikay Chunav 2023 (Pic: Social Media)

Nagar Nikay Chunav 2023: आपके शहर के नगर निगम के लिए 4 मई को मतदान होगा जिसके जरिये कारपोरेटर यानी पार्षद और मेयर यानी महापौर को चुना जाएगा। पिछली बार लखनऊ के चुनाव में सिर्फ 40 फीसदी वोट पड़े थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि जो पार्षद और मेयर चुने गए उनके चुनाव में 60 फीसदी लखनवी मतदाताओं की कोई भूमिका थी ही नहीं। या 60 फीसदी वोटरों की "उदासीनता" के कारण ही ये मेयर व पार्षद जीत सके। इस बार आप वोट न देने और फिर ड्राइंग रूम में बैठ कर व्यवस्था को कोसने की गलती मत करिएगा। नगर निगम का सदन आपके शहर - ए - लखनऊ की पहली सरकार है और आपके पार्षद और मेयर आपके प्रथम प्रतिनिधि हैं।

वोट दें और अवश्य दें। खुद दें और दूसरों को भी प्रेरित करें। ये जान लीजिए कि ज्यादा वोट माने प्रत्याशियों पर ज्यादा दबाव। आपके पास यही सबसे बड़ी ताकत है। ये आप भले ही न समझते हों लेकिन बीते दिनों हाथ जोड़ कर घूमे प्रत्याशी भली भांति समझते हैं। हमारी आपसे पुरजोर अपील, आग्रह और निवेदन है कि वोट अवश्य डालें और योग्य प्रत्याशी को ही दें। प्रत्याशी आप ही के इलाके के हैं । सो उनके बारे में आपको एक फेयर आईडिया अवश्य होगा।

ये फिर जान लीजिए कि आपके शहर की सिविक यानी नागरिक सुविधाओं की जिम्मेदारी सिर्फ दो महकमों की है - नगर निगम और विकास प्राधिकरण। जिसमें विकास प्राधिकरण पर आपका यानी जनता का कोई जोर या नियंत्रण नहीं है लेकिन नगर निगम आप पर निर्भर है। सड़कों नालियों की सफाई, पार्किंग, साप्ताहिक बाज़ार, फुटपाथ, हॉकर, वेंडर, छुट्टा पशु, श्मशान भूमि, हाउस टैक्स, होर्डिंग, कई तरह के सर्टिफिकेट, और ढेरों अन्य कामकाज जिनसे हमारा आपका रोजाना पाला पड़ता है और जिनसे संबंधित समस्याओं का निराकरण आपके शहर के प्रथम नागरिक यानी मेयर और प्रथम पायदान के प्रतिनिधि यानी पार्षद की है।

समस्याओं को देख कर कुढ़ने की बजाए वोट अवश्य दें, सोच समझ कर दें और चुनाव बाद अपने प्रतिनिधि को नेतागीरी और फीता काटने के लिए खुला छोड़ देने की बजाय काम पर लगाएं, एक एक काम का हिसाब मांगें।



Neel Mani Lal

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