TRENDING TAGS :
MP ELECTION 2023: बसपा और जीजीपी के बीच हुआ चुनावी गठबंधन, दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बनी सहमति
MP ELECTION 2023: दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी 178 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी जबकि जीजीपी को अपने उम्मीदवार लड़ने के लिए 52 सीटें दी गई हैं।
MP ELECTION 2023: मध्य प्रदेश में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत लगा रखी है। पिछले चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस में कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है मगर बहुजन समाज पार्टी भी दोनों दलों के लिए मुसीबत पैदा करने की कोशिश में जुटी हुई है। बसपा ने इस बार दोनों दलों को चुनौती देने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) से चुनावी गठबंधन का ऐलान कर दिया है।
दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी 178 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी जबकि जीजीपी को अपने उम्मीदवार लड़ने के लिए 52 सीटें दी गई हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि इन दोनों दलों के बीच हुआ यह चुनावी गठबंधन भाजपा और कांग्रेस में से किसे ज्यादा सियासी नुकसान पहुंचाता है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनौती का ऐलान
बसपा के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और जीजीपी के राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों दलों के बीच चुनावी गठबंधन का ऐलान किया। दोनों नेताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के पूंजीवादी शासन को समाप्त करने और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है।
दोनों नेताओं ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में इस बार बदलाव की बयार बहेगी और दलितों,आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार खत्म करने के लिए गठबंधन को अपनी सरकार बनाने में कामयाबी मिलेगी।
राज्य में क्या है दोनों दलों की ताकत
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं और इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच बसपा और जीजीपी के बीच हुए इस गठबंधन का चुनावी समीकरण पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में इनमें से एक विधायक ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मध्य प्रदेश का मजबूत आदिवासी संगठन माना जाता रहा है। अविभाजित मध्य प्रदेश में तीन दशक पूर्व इस संगठन की स्थापना हुई थी। 1998 के विधानसभा चुनाव में जीजीपी ने एक सीट पर जीत हासिल की थी जबकि 2003 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
राज्य के सियासी समीकरण पर पड़ेगा असर
सियासी जानकारी का कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में तमाम सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी नजदीकी मुकाबला होने की उम्मीद है। ऐसे में बसपा और जीजीपी का यह गठबंधन चुनावी समीकरण पर असर डालने वाला साबित हो सकता है। मध्य प्रदेश के सियासी रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा दोनों दलों की ओर से पूरी फौज उतारी जा चुकी है।
भाजपा की ओर से मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों की दो सूची जारी की जा चुकी है और कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची भी जल्द ही आने की संभावना है। बहुजन समाज पार्टी की ओर से भी जल्द ही अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा सकता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि बसपा जीजीपी का यह गठबंधन किसे ज्यादा सियासी नुकसान पहुंचाएगा।