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अंजिशा की मौत बनी रहस्य: पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स भी हैरान, 53 फीट ऊंचाई से गिरी, लेकिन नहीं बहा खून का एक भी कतरा

Anjisha Case: जबलपुर में शुक्रवार को 14 वर्षीय छात्रा अंजिशा की अपनी बिल्डिंग के 5वीं मंजिल से गिर कर मौत हो गई थी. वहीं 53 फीट की ऊंचाई से गिरी के बाद भी बच्ची के शरीर से खून का एक भी कतरा नहीं बहा.

Anshul Thakur
Written By Anshul ThakurPublished By Chitra Singh
Published on: 11 July 2021 4:13 AM GMT
Anjisha
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अंजिशा की फैमिली (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Anjisha Case: शुक्रवार को जबलपुर की गड़ा क्षेत्र में हुई 14 वर्षीय छात्रा की मौत की गुत्थी समय के साथ और उलझती जा रही है. अब तक पुलिस या डॉक्टर यह पता नहीं लगा पाए हैं कि, बच्ची की मौत दरअसल सुसाइड थी, हादसा था, यह किसी ने जानबूझकर उसे धक्का दिया था. वही पोस्टमार्टम ने बच्ची के केस को और उलझा दिया है, 53 फीट ऊंचाई से गिरी के बाद भी बच्ची के शरीर से खून का एक कतरा नहीं बहा और न ही इंटरनल ब्लडिंग हुई.

दरअसल जबलपुर में 8वीं की 14 वर्षीय छात्रा अंजिशा की अपनी बिल्डिंग के 5वीं मंजिल से गिर कर मौत हो गई थी. यह घटना शुक्रवार को हुई थी. उस समय अंजिशा घर पर अकेली थी. अंजिशा मां-बाप की इकलौती संतान थी. उसकी मां नामी स्कूल में टीचर हैं और तो पिता भोपाल स्मार्ट सिटी में सिविल कांट्रेक्टर हैं. बेटी की मौत के समय मां स्कूल में और पिता बीते 13 दिनों से भोपाल में थे.

शुरुआत में सब इसे सुसाइड ही मान रहे थे क्योंकि पुलिस की प्राथमिक जांच में फिलहाल ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिल रहे हैं, जिससे मामला हादसा या किसी की साजिश का लगे. हालांकि पुलिस को किसी तरह का कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला था.

घटनास्थल (फोटो- सोशल मीडिया)

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मिस्ट्री बना केस

दोपहर में बच्ची का पोस्टमॉर्टम किया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन जब बच्ची की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट (Post Mortem Report) आई तो पुलिस और डॉक्टर दोनों हैरान रह गए. 53 फीट ऊंचाई से गिरने के बाद भी शरीर से खून नहीं निकल. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के एक हाथ और एक पैर की हड्डी में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई है. लेकिन सिर में फ्रैक्चर नहीं है, तो फिर मौत हुई कैसे ?

इन वजहों से मिस्ट्री बना केस

फारेंसिक डॉक्टरों के मुताबिक, जिस बिल्डिंग की छत से गिर कर बच्चा कि मौत हुई, उस छत और फर्श की ऊंचाई करीब 53 फीट है. अंजिशा छत की रेलिंग की सीध से 4 फीट की दूरी पर गिरी थी (यानी वह सामने नहीं गिरी). यह तभी हो सकता था जब बच्ची ने रेलिंग पकड़ कर लटकने का प्रयास किया हो और उसका हाथ छूट गया हो. लेकिन उसके बाद भी इस डायरेक्शन में गिरने पर बच्ची के दोनों पैर की हड्‌डी फ्रैक्चर होती, लेकिन अंजिशा का एक ही पैर फ्रैक्चर था. यदि वह रेलिंग पर खड़े होकर कूदी होती, तो 30 डिग्री के डायरेक्शन पर, बाउंड्रीवाॅल के बाहर गिरती. लेकिन पर ऐसा भी नहीं हुआ. एक बात यह भी हो सकती थी कि वह झुक कर देख रही हो और चक्कर खाकर गिर गई या फिर किसी ने उसे पीछे से धक्का दिया हो. लेकिन इसके बाद भी पूरे शरीर से खून की एक बूंद न गिरना डॉक्टरों को असमंजस में डाल रहा है.

अंजिशा-परिजन (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

पुलिस किस तरह कर रही जांच

फिलहाल पुलिस बच्ची की मौत कि सुसाइड, हादसा और मर्डर तीनों नजरिए से जांच कर रही है. अगर यह सोसाइड है तो पुलिस ने इसका पता लगाने के लिए मोबाइल जब्त कर उसका सीडीआर और डिलीट डाटा रिकवर करने का प्रयास कर रही है. हादसे की स्थिति कि जांच के लिए बच्ची का बिसरा प्रिजर्व कराया गया है, जिससे पता चल लगाया जा सकेगा कि उसने हादसे से पहले ऐसा कुछ खाया या पिया तो नहीं था, जिससे उसे चक्कर आ सकते हों.

वहीं पुलिस मर्डर के नजरिए से भी जांच कर रही है. लेकिन इसके लिए कोई ठोस कारण होना चाहिए. यह परिवार रेसिडेंसी में एकाकी जीवन जी रहा था. वह तो सामने के पड़ोसी तक से भी नहीं मिलते-जुलते थे. रेसीडेंसी में लगे कैमरे बंद जरूर मिले हैं. लेकिन पुलिस को बताया गया कि ये काफी दिनों से खराब है. पुलिस ने सीसीटीवी का डीवीआर जब्त कर जांच के लिए भेजा है. ताकि ये पता लगाया जा सके कि यह पहले से खराब था या किसी ने जानबूझकर इसे बंद किया है.

एक भूल से उजड़ गई मां कि कोक

बताया जा रहा है कि अंजिशा की मां ज्योता अक्सर फ्लैट में बाहर से ताला लगाकर ही स्कूल जाती थीं. लेकिन शुक्रवार को वह ताला लगाना भूल गईं. करीब 12 बजे मां ज्योता ने अंजिशा को फोन लगकर बात की. कॉल के कट होने के करीब 15 मिनट बाद ही अंजिशा फ्लैट से निकली और बिल्डिंग फ्लैट की पांचवीं मंजिल की छत पर पहुंची और वहीं से गिर गई. धप्प की आवाज सुनकर निकले पड़ोसी बाहर आए और मां को घटनाक्रम की सूचना दी.

फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. अंजिशा की पीएम रिपोर्ट, बिसरा जांच रिपोर्ट और सीसीटीवी डीवीआर और मोबाइल डाटा की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही वह अंतिम फैसला लेगी.

Chitra Singh

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