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ना बजेगा बैंड, ना दूल्हा चढ़ेगा घोड़ी, कोरोना के चलते फिकी होगी शादी की रस्में
भोपाल में 21 अप्रैल के बाद जिसकी भी शादियां होने जा रही हैं, उनकी शादियों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू तनाव बढ़ा रहा है ।
भोपाल: एक तरफ कोरोना वायरस तेज़ी से बढ़ रहा है वही दूसरी ओर शादिरों का सीजन भी नज़दीक आ रहा है । जो एक बड़ी समस्या पैदा करने वाला है । पिछले साल शादियों के चलते संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिला था । वही भोपाल में 21 अप्रैल के बाद जिसकी भी शादियां होने जा रही हैं, उनकी शादियों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू तनाव बढ़ा रहा है ।
लॉकडाउन वाले दिन शादी
रविवार को होने वाली शादियों को लेकर लोगों की चिंता अभी से देखी जा सकती है । इस दिन लॉकडाउन होता है । लॉकडाउन वाले दिन न तो बैंड न ही बारात निकाली जा सकेगी । ऐसे में लोगों के पास एक ही रास्ता रह जाएगा कि वह अपनी शादी की तारीख आगे बढ़ा दें ।
लॉकडाउन के चलते शादियों के सीजन में कोई बिजनेस न होते देख मैरिज गार्डन संचालक और टेंट-कैटरर व्यवसायी भी सरकार का विरोध कर रहे हैं । उनका कहना है कि अगर कोराना वायरस भीड़ से ही फैलता है तो पहले राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां भी बंद कर देनी चाहिए ।
रात 9 बजे से कर्फ्यू
आपको बता दें, कि 21 अप्रैल से शादियों के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं । जिसके लिए शहर के 150 गार्डन दो महीने पहले से ही बुक हो चुके हैं । परेशानी की बात ये है कि यहां कर्फ्यू रात 9 बजे से लगा दी जाएगी । जिसके साथ हर रविवार को लॉकडाउन है । उन लोगों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है जिन्होंने बुकिंग करा रखी है । सबसे अधिक वे लोग परेशान हैं, जिनके यहां 25 अप्रैल, दो मई, नौ मई ,16 मई को शादी है, क्योंकि इन दिनों में रविवार है ।
पाबंदी होने से परेशानी
शादी के इस सीजन में लगे लॉकडाउन से मैरिज गार्डन एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश पस्तरिया का कहना है कि पिछले एक साल से मैरिज गार्डन की बुकिंग नहीं हो रही है । वही उसने बताया कि अप्रैल से शादी का सीजन शुरू हो रहा है । जिसके चलते बुकिंग भी हो रही है, लेकिन पाबंदी होने से परेशानी हो रही है ।
उन्होंने आगे बताया कि शादी से जुड़े सभी कारोबार जैसे गार्डन, कैटरिंग, बैंड, घोड़ी पिछले एक साल से आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं । वही वर्तमान में सरकार ने मेहमानों की संख्या और भी कम कर दी है । लॉकडाउन के कारण भी दिक्कतें खड़ी होंगी । इसलिए रंगपंचमी के बाद सरकार व प्रशासन के जिम्मेदारों से मुलाकात कर पाबंदी हटाने या फिर रियायत देने की मांग करेंगे ।