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MP Nikay Chunav: मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा, पांच नगर निगमों में कांग्रेस ने भी दिखाई ताकत

MP Nikay Chunav: मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) राज्य के 16 में से 9 नगर निगमों में अपने प्रत्याशी को महापौर बनाने में कामयाब रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 20 July 2022 7:09 PM IST
BJP showed strength in five municipal corporations in Madhya Pradesh civic polls
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मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा: Photo - Social Media

Madhya Pradesh Local Election: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने एक बार फिर राज्य में अपनी सियासी ताकत दिखा दी है। राज्य के 16 में से 9 नगर निगमों में भाजपा अपने प्रत्याशी को महापौर बनाने में कामयाब रही है। हालांकि कांग्रेस भाजपा से पीछे जरूर रही मगर कई नगर निगमों में कांग्रेस ने भी ताकत दिखाते हुए सफलता हासिल की है। कांग्रेस (Congress) पांच स्थानों पर अपने प्रत्याशी को महापौर पद पर जिताने में कामयाब रही है।

नगर निगम चुनाव में कामयाबी के बाद भाजपा कार्यकर्ता जश्न जरूर मना रहे हैं मगर पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर चिंतित भी बताया जा रहा है कि सात नगर निगम उसके हाथ से निकल गए। पांच नगर निगमों में कांग्रेस, एक में आप और एक में निर्दलीय प्रत्याशी जीत हासिल करने में कामयाब रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस भी भाजपा को मजबूत चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है।

सात नगर निगम भाजपा के हाथ से निकले

मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यही कारण था कि निकाय चुनावों में सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत लगा रखी थी। इस चुनाव को विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा था। इस सेमीफाइनल मुकाबले में भाजपा अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब जरूर रही मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी कई स्थानों पर जश्न मनाने का मौका मिला।

भाजपा नेतृत्व को चिंतित करने वाली बात यह है कि पिछले बार सभी 16 नगर निगमों पर भाजपा का ही कब्जा था मगर इस बार सात नगर निगम भाजपा के हाथ से निकल गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है। इसके अलावा ग्वालियर, रीवा, जबलपुर और मुरैना में भी कांग्रेस प्रत्याशी ही महापौर बनने में कामयाब रहा। आम आदमी पार्टी ने इस बार मजबूत दस्तक देते हुए सिंगरौली में जीत हासिल करके सबको चौंका दिया। सिंगरौली में आप की रानी अग्रवाल को जीत मिली है। कटनी में निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है।

कांग्रेस को भी मिला जश्न मनाने का मौका

मध्य प्रदेश के 16 में से 9 नगर निगम के चुनाव जीतकर भाजपा नेता गदगद तो जरूर नजर आ रहे हैं मगर उनके चेहरों पर सात नगर निगम हाथ से निकल जाने की चिंताएं भी दिख रही हैं। विधानसभा चुनाव से पहले पांच नगर निगम के चुनाव जीतकर कांग्रेस को भी इस बार जश्न मनाने का मौका मिला है।

मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भी दिखाई ताकत: Photo - Social Media

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बार के चुनाव में पूरी ताकत लगाई थी और उसका नतीजा सामने दिखा है। मध्य प्रदेश में पहली बार कांग्रेस पांच नगर निगमों में जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। मुरैना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूरी ताकत लगाने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी जीतने में कामयाब रहीं। उन्होंने भाजपा की प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव को हराया।

सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस को मिली जीत

रीवा में मिली जीत के से कांग्रेस नेता काफी खुश नजर आ रहे हैं। पिछले 24 साल में यह पहला मौका है जब कांग्रेस रीवा में महापौर का चुनाव जीतने में कामयाब हुई है। रीवा में भाजपा को जीत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने खुद काफी मेहनत की थी। यहां भाजपा प्रत्याशी को मजबूत माना जा रहा था मगर कांग्रेस ने यहां भाजपा प्रत्याशी को पटखनी दे दी।

ग्वालियर को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) का गढ़ माना जाता रहा है मगर कांग्रेस यहां भी अपनी धमक कायम रखने में कामयाब हुई है। सियासी नजरिए से जबलपुर भी काफी महत्वपूर्ण है और यहां भी कांग्रेस प्रत्याशी ही महापौर बना है।

कांग्रेस ने दी भाजपा को कड़ी टक्कर

इस बार के चुनाव में भाजपा ने भोपाल और इंदौर सहित खंडवा, उज्जैन, बुरहानपुर, सागर, सतना, देवास और रतलाम में नगर निगम चुनाव जीतकर अपना दबदबा तो कायम किया है मगर यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस से उसे कड़ी चुनौती मिलने वाली है।। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुटी हुई है।

खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ने का संदेश देने में कामयाब रहे हैं। माना जा रहा है कि सात नगर निगम हाथ से निकलने के बाद भाजपा नेतृत्व की ओर से जल्द ही हार की समीक्षा की जाएगी।। वैसे इतना तो तय है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होगा।

Shashi kant gautam

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