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लॉकडाउन का डर निकल पड़े घर को, रास्ते में महिला ने बच्चे को दिया जन्म

कोरोना से लगातार बिगड़ते हालातों से कहर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में कब कौन आदेश जारी कर दिया, क्या पता।

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 13 April 2021 1:20 AM GMT
मुन्नी बाई अपने पति के साथ पन्ना जिले में रहती है। वहीं, रहकर पति काम करते हैं। कोरोना के हालात बेकाबू हैं।
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घर जाते मजदूर(फोटो-सोशल मीडिया)

भोपाल: कोरोना से लगातार बिगड़ते हालातों से कहर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में कब कौन आदेश जारी कर दिया, क्या पता। मध्य प्रदेश के छतरपुर में रहने वाली एक 27साल की महिला जिसका नाम मुन्नी बाई है, जो मां बनने वाली है। उसे इसी महीने कभी भी प्रसव पीड़ा हो सकती है। डॉक्टरों ने साफ मना किया कि अब तुम्हें सफर नहीं करना है। लेकिन लॉकडाउन के डर आगे महिला मजबूर हो गई और अपने आने बच्चे की फिक्र किए बिना पति के साथ घर के लिए निकल गई। पर किसे पता था, उसे बस में प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद महिला ने रास्ते में ही एक सामुदायिक स्वास्थ्य केेंद्र में बच्चे का जन्म दिया।

एमपी के छतरपुर में मुन्नी बाई अपने पति के साथ रहती है। उसका पति यही रहकर काम करता है। लेकिन इस बीच कोरोना से बेकाबू होते हालातों को देखते हुए वीकेंड लॉकडाउन लागू है। लगातार बढ़ते मामलों को देख उसके पति को लगता है कि कहीं फिर से पूरे देश में लॉकडाउन न लग जाएगा। और फिर हम कहां कमाएंगे और खाएंगे क्या। इससे पहले हम अपने घर पहुंच जाएं। बीते साल के हालातों की मारामारी से जूझ से मजदूर दिनों को याद कर घर वापसी कर रहे।


घर लौट रहे लोग

इस दौरान फैली कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खौफनाक है। बेकाबू होते हालातों को देख देश में कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। ऐसे में दूसरे प्रदेशों में कमाने खाने वाले मजदूर भी अब खौफ में हैं। बड़ी तादात में महाराष्ट्र और दिल्ली से लोग घर लौट रहे हैं।

ऐसे में 27 वर्षीय मुन्नी बाई ने रविवार को बस में एक बच्चे को जन्म दिया है। जब वह मध्यप्रदेश के छतरपुर स्थित अपने घर लौट रही थी। उन्हें जब प्रसव पीड़ा शुरू हुआ तो ड्राइवर गाड़ी को नौगांव स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गया। वह अपने पति हरिशंकर रजक और 15 अन्य लोगों के साथ पड़ोसी जिले पन्ना से घर लौट रही थी।

कभी भी लॉकडाउन का ऐलान

इस बारे में हरिशंकर ने बताया कि हमलोग लॉकडाउन से पहले घर लौट जाना चाहते हैं। मैं जानता था कि पत्नी के प्रेग्नेंसी का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन नवरात्रि से पहले हमें घर पहुंचना था। छतरपुर की ही घासी अहिरवार दिल्ली के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करती हैं।

आगे उन्होंने बताया कि 'भूखी-प्यासी चार दिन चलकर पिछले साल दिल्ली से घर पहुंची थी, फिर से वो दिन नहीं देखना चाहती हूं।' दिल्ली में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, किसी भी वक्त लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है।

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