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MP: आदिवासी युवती की मौत पर उबला इंदौर, परिजनों ने जमकर काटा बवाल, 6 पुलिसकर्मी घायल 1 की मौत
MP News: बुधवार रात आक्रोशित लोगों ने महू में युवती का शव सड़क पर रख जोरदार प्रदर्शन किया।
MP News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक आदिवासी युवती की मौत को लेकर बड़ा बवाल हो गया है। बुधवार रात आक्रोशित लोगों ने महू में युवती का शव सड़क पर रख जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान गुस्साई भीड़ अचानक हिंसक हो गई और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। आक्रोशित आदिवासी समुदाय के लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को निशाने बनाया और उनकी चौकी पर पथराव करना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक, पथराव में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है, जबकि 6 जख्मी हुए हैं।
हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग भी की। घटनास्थल से पुलिस ने हिंसक भीड़ को खदेड़ दिया है। प्रदर्शन कर रहे परिजन अपनी बेटी का शव लेकर चले गए हैं। घटना महू कस्बे के बड़गोंडा थाने की है। मृतक आदिवासी युवती के परिजनों का आरोप है कि उसकी बेटी की हत्या दबंगों ने की है और पुलिस मामले को दबा रही है।
परिजनों ने लगाया गैंगरेप का आरोप
मृतक युवती के परिजनों ने पाटीदार समाज के युवकों पर उनकी बेटी के साथ गैंगरेप कर हत्या करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस उनकी रिपोर्ट तक नहीं लिख रही है। वे आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे।
पुलिस ने मौत की बताई ये वजह
बड़गोंडा थाने के प्रभारी धर्मेंद्र ठाकुर ने बताया कि खरगोन निवासी 23 वर्षीय युवती पिछले कुछ सालों से धामनोद में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसी दौरान गवली पलासिया गांव के रहने वाले यदुनंदन पाटीदार उनके संपर्क में आए और उसे अपने यहां बड़गोंडा ले आए। बुधवार को अचानक युवती की मौत की खबर आई। शव का पोस्टमार्टम कराए जाने पर पता चला कि मौत करंट लगने के कारण हुई थी। लेकिन युवती के परिजनों ने मानने से इनकार कर दिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों से बात चल ही रही थी कि इतने ही देर में विभिन्न आदिवासी समूहों के लोग वहां आ पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी शुरू हो गई। पुलिस प्रदर्शनकारियों को समझा ही रही थी कि लोगों ने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी। उन्होंने हालात नियंत्रण में हैं। चार थानों की पुलिस को इलाके में तैनात किया गया है।
सीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना के बारे में स्थानीय जिला प्रशासन से जानकारी ली। उन्होंने इसकी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
वहीं, चुनावी साल होने के कारण विपक्षी कांग्रेस भी एक्टिव है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। उन्होंने घटना की जांच के लिए कांग्रेस के आदिवासी विधायकों की एक टीम भी बनाई है, जो अपनी रिपोर्ट पीसीसी चीफ को सौंपेगी।