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MP News: कैंटीन संचालक के तानाशाही से परेशान पूर्व सैनिक, करना पड़ रहा समस्याओं का सामना
MP News: पूर्व सैनिकों ने बताया कि हम लोग 50 से 60 किलोमीटर दूर से आते हैं लेकिन यहां पर संचालक की गलत मैनेजमेंट के कारण हम लोगों को सामान नहीं मिल पाता है।
MP News: खबर मध्य प्रदेश के रीवा जिले की बोदा बाग स्थित सीएसडी कैंटीन की है । जहां पर सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्व सैनिकों को सामान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है लेकिन 75 साल के बाद रीवा जिले के अंदर पूर्व सैनिकों की अथक संघर्ष करने के बाद यहां पर कैंटीन की स्थापना की गई लेकिन आलम यह है कि इस कैंटीन में बाहर से आने वाले पूर्व सैनिकों को सामान नहीं मिल पाता है । उन्हें खाली हाथ वापस जाना पड़ता है । पूर्व सैनिकों ने बताया कि हम लोग 50 से 60 किलोमीटर दूर से आते हैं लेकिन यहां पर संचालक की गलत मैनेजमेंट के कारण हम लोगों को सामान नहीं मिल पाता है । वही पूर्व सैनिक गणेश सिंह यादव ने बताया कि ईसीएचएस स्टाफ के द्वारा अपने रिलेशन और खास आदमियों को बिगर टोकन नंबर लगा कर सामान दिलवा दिया जाता है । वहीं पूर्व सैनिकों ने बताया कि कैंटीन संचालक सूबेदार के द्वारा तानाशाही रवैया से बात की जाती है और कहा जाता है सामान लेना है तो लीजिए नहीं कैंटीन बंद करवा देंगे।
कैंटीन की सुविधा और ईसीएचएस एक पूर्व सैनिक का अधिकार होता है और जब वह सेना से सेवानिवृत्त होता है केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि पूर्व सैनिकों को इन सुविधाओं को सुचारु रुप से दिलाई जाए लेकिन सरकार के द्वारा तो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं लेकिन सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों के द्वारा कहीं ना कहीं गड़बड़ी के कारण रीवा जिले के सैनिकों को सीधी जिले के सैनिकों को सतना जिले के सैनिकों को सामान नहीं मिल पाता है । वही पूर्व सैनिक संजय सिंह ने बताया कि रीवा जिले में कैंटीन की स्थापना के लिए लगातार हमारा संगठन आंदोलन करता रहा है । जिसमें दो बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात एक बार दिल्ली में रक्षा मंत्री से मुलाकात और इसके बाद जिले के अंदर कैंटीन की स्थापना हुई लेकिन कुछ भ्रष्ट लोगों की वजह से कैंटीन को सुचारू रूप से चलाना मुश्किल हो रहा है । स्टाफ के द्वारा अपने खास आदमियों को बगैर नंबर ही सामान दिलवा दिया जाता है ।
ऑन ड्यूटी जवान करते हैं कैंटीन में काम
रीवा जिले के बोदा बाग स्थित सीएसडी कैंटीन का खुलने का टाइम सुबह 9:30 बजे खुलती है और दोपहर 1:00 बजे बंद हो जाती है और शाम को 3:30 पर दोबारा खोली जाती है । पूर्व सैनिकों ने बताया कि कैंटीन को 1 सिंगला रेजीमेंट सेंटर जबलपुर संचालित कर रही है जिसके ऑन ड्यूटी जवान उसमें काम कर रहे हैं । सेना का सुबह का जो रूटीन होता है 5:00 बजे के बाद शुरू हो जाता है लेकिन यहां पर ना पीटी ना परेड ना अन्य कोई काम है । उन जवानों के पास इसके बाद भी 9:30 बजे कैंटीन ओपन की जाती है ।
सैनिकों ने यह भी कहा कि यहां पर मेस की सुविधा ना होने के कारण जवानों को खाना बनाना पड़ता है पूर्व सैनिकों ने बताया कि जवान अगर सुबह 5:00 बजे उठकर टाइम से अपना पूरा कार्य करता है तो 8:00 बजे तक अपना खाना पीना खाकर ड्यूटी के लिए तैयार हो सकता है । लेकिन डिपेंडेंट कमांड होने के कारण ऑन ड्यूटी जवान अपने मनमानी तरीके से कार्य करते हैं जिसमें पूर्व सैनिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । आपको बता दें रीवा जिले के अंदर संभाग लेवल की कैंटीन खोली गई है जिसमें बुजुर्ग, बच्चे, वृद्ध और महिलाएं सब लोग यहां सामान लेने आते हैं । इनकी मनमानी के कारण सौ पचास लोगों को ही सामान मिल पाता है ।