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Harda Blast Update: हरदा ब्लास्ट के बाद एक्शन में मोहन सरकार, डीएम-एसपी पर गिरी गाज, पटाखा दुकानें-गोदाम सील
Harda Blast Update: फैक्ट्री और आसपास का इलाका मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो चुका है। रिहाइशी इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।
Harda Blast Update: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में भयानक विस्फोट की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। घटना का आज यानी गुरुवार 8 फरवरी को तीसरा दिन है लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन का काम अभी भी जारी है। आग पर अभी पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। फैक्ट्री और आसपास का इलाका मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो चुका है। रिहाइशी इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।
हादसे के बाद धीरे-धीरे पटाखा फैक्ट्री को लेकर जो जानकारियां सामने आ रही हैं, वो अधिकारियों के हद दर्जे की लापरवाही को बयां करता है, जिसके कारण इतनी भयानक घटना हुई है और करीब दर्जन भर लोगों के जान गंवाने के अलावा 150 से अधिक जख्मी हुई है। घटना के बाद से प्रदेश की मोहन यादव सरकार एक्शन में है। उन्होंने जिले के शीर्ष अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की है।
डीएम-एसपी हटाए गए, एक अन्य अधिकारी सस्पेंड
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सबसे पहले हरदा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को हटाया। उन्हें राजधानी भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में अटैच किया गया है। थोड़ी देर बाद कलेक्टर के हटाने का भी फरमान शासन की ओर से जारी कर दिया गया है। जिलाधिकारी ऋषि गर्ग को उप सचिव बना दिया गया है। फिलहाल नए कलेक्टर की तैनाती नहीं हुई है, तब तक के लिए जिला पंचायत सीईओ रोहित सिसोनिया इसकी अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे।
इसके अलावा सरकार ने कारखाना निरीक्षक और औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के सहायक संचालक नवीन कुमार बरवा को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, जांच पता चला कि उक्त फैक्ट्री बगैर लाइसेंस का चल रहा था, जिसके बाद बरवा कार्रवाई की जद में आए। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में पुलिस एक्शन में है। पटाखा दुकानों और गोदामों की जांच की जा रही है। अब तक कई अवैध दुकानें और गोदाम सील किए जा चुके हैं।
सीएम से मुलाकात न होने पर नाराज हुए लोग
सीएम मोहन यादव ने सात फरवरी की दोपहर घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद सड़क मार्ग से वहां पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने हरदा जिला अस्पताल में इलाजरत घायलों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। इस दौरान बड़ी संख्या में मृतकों के परिजन और घटना से प्रभावित स्थानीय लोग उनसे मुलाकात का इंतजार कर रहे थे। लेकिन सीएम यादव उनसे बिना मिले ही वहां से निकल गए।
इस पर स्थानीय लोग और पीड़ितों के परिजन भड़क गए। मुख्यमंत्री का गाड़ी तो निकल गई लेकिन उनके काफिले में शामिल अन्य गाड़ियों को उन्होंने रोक लिया। पुलिस को वहां से सीएम के काफिले वाले वाहनों को बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया गया था, फिर भी मुलाकात नहीं कराई गई।
मृतकों और घायलों के परिजनों को मिला मुआवजा
इस हादसे में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 174 अन्य लोग घायल हुए हैं। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिवार को चार-चार लाख की मुआवजा राशि दी गई । वहीं, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख और अन्य को 25-25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी गई।