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अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं, दर-दर भटक रहे मरीजों को लेकर परिजन
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं। यहां रेमडेसिविर दवा...
भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से आफत मची हुई है।लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं। यहां रेमडेसिविर दवा और ऑक्सीजन की भयंकर मारामारी है। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी होने से प्रदेश की राजधानी भोपाल के 100 से ज्यादा अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सांसें सांसत में पड़ गई हैं।बीते सोमवार रात से इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी चल रही है। साथ ही अस्पतालों ने मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। वहीं उनके परिजनों को जवाब दिया गया है कि या तो अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लाओ या मरीज को कहीं और ले जाओ। अब मरीज अपनों की जान बचाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
राजधानी भोपाल में सोमवार रात से ही ऑक्सीजन की कमी होने से अस्पताल संचालक, मरीजों के परिवार वाले और जिला प्रशासन के अफसर हैरान हो गए हैं। अधिकतर अस्पतालों ने तो मरीजों को भर्ती करने ही मना कर दिया है। तो कहीं भर्ती करने से पहले मरीजों के परिजन से कहा जा रहा है कि या तो अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लाओ या मरीज को कहीं और ले जाओ।
इधर-उधर भटकते परिजन
ऐसे में इसके बाद से कई परिजन अपने मरीजों को एंबुलेंंस से लेकर इधर-उधर भटकते रहे। फिर बाद में उन्हें हमीदिया, एलबीएस, पीपुल्स अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण एविसेना अस्पताल से सोमवार को एक मरीज की छुट्टी कर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसकी मंगलवार को एलबीएस अस्पताल में मौत हो गई।
सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संकट में 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई का काम कर रहे गोविंदपुरा स्थित भारती एयर प्रोडक्ट प्लांट पर दिनभर अस्पतालों की एंबुलेंस फेरे लेती रहीं हैं। यहां अस्पतालों में ऑक्सीजन के जंबो सिलेंडर रखे थे, जिन्हें प्लांट पर भरकर अस्पताल भेजा जा रहा था। बता दें कि मार्च में भोपाल में हर दिन 30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लग रही थी, जिसकी खपत 60 मीट्रिक टन हो गई है।