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MP: क्राइम ब्रांच ने पकड़ा 400 नकली रेमिडिसिविर, आरोपी गिरफ्तार
आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्राइम ब्रांच ने पकड़ा 400 नकली रेमिडिसिवर (फोटो-सोशल मीडिया)
इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में कोविड-19(Covid-19) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमिडिसिविर (Remdesivir) दवा की कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच (Indore Crime Branch) ने दवा की कालाबाजारी करने की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी कर एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है। जिसके पास से 400 नकली रेमिडिसिविर इंजेक्शन बरामद हुए हैं जिसकी कीमत 20 लाख रुपये बताई जा रही है।
पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही कई और नकली दवाएं बनाने वाली कम्पनियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
इस मामले की जानकारी देते हुए इंदौर सिटी DIG मनीष कपूरिया ने बताया कि 'क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली कि पीथमपुर की एपोच फार्मास्यूटिकल्स (Epoch Pharmaceuticals) कंपनी का मालिक अपनी काले रंग की टाटा सफारी कार से नकली रेमिडिसिविर इंजेक्शन लेकर उन्हें बेचने के लिए निकला है। वहीं इसकी सूचना मिलने के बाद ही क्राइम ब्रांच ने न्यू रानीबाग इलाके में पहुंचकर ट्रैप लगाया जिसके बाद जैसे ही गाड़ी वहां पर पहुंची क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया।
20 लाख के इंजेक्शन बरामद
पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए कार ड्राइवर ने अपना नाम विनय शंकर त्रिपाठी बताया जिसकी उम्र 56 साल है। वहीं गाड़ी की तलाशी करने पर पुलिस को 400 नग इंजेक्शन मिले जिसकी कीमत 20 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने जब ड्राइवर से इन इंजेक्शन का बिल दिखाने की बात कही तो वह बिल भी नहीं दिखा पाया।
इन धाराओं में दर्ज मुकदमा
आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ खिलाफ IPC की धारा 420, 274, 275, 276 औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1904 की धारा 18 (c), 18(d), 27 एवं एपेडेमिक डिसीस एक्ट 1897 की धारा 3 में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस और भी कई नकली दवाइयां सप्लाई करने वाली कंपनी की जानकारी जुटाने में लगी है।