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Indore: इंदौर के नाम हुआ एक और कीर्तिमान

Indore: बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर को भारत की प्रथम वाटर प्लस सिटी होने की जानकारी दी।

Akshita
Written By AkshitaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 Aug 2021 7:03 AM GMT
Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan informed about Indore being Indias first water plus city.
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इंदौर (फोटो- सोशल मीडिया)

Indore: इंदौर की चर्चा अक्सर पूरे देश में होती है,न सिर्फ शहर की खूबसूरती के लिए बल्कि शहर के स्वच्छता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये। 4 बार से निरंतर साफ सफाई में प्रथम आने वाल इंदौर ने अब अपने नाम एक और कीर्तिमान स्थापित किया है।

बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर को भारत की प्रथम वाटर प्लस सिटी होने की जानकारी दी।उन्होंने ट्वीट के माध्यम से सभी मध्यप्रदेशवासीयों का आभार जताया।और ऐसे ही निरंतर जोश के साथ आगे भी काम करने की आशा व्यक्त की। इसके अलावा नगर मंत्री भुपेंन्द्र यादव ,कमलनाथ सहित अन्य नेताओं ने शहर वासियों को शुभकामनाएं दीं।

आपको बता दें कि ये सर्वे भारत सरकार द्वारा पहली बार कराया गया है।जिसमे इंदौर ने पहली बार मे ही बाजी मार ली है।पर वाटर प्लस शहर में प्रथम आने के लिए बहुत से मानकों में अव्वल आना जरूरी होता है।इंदौर को टक्कर देने के लिए गुजरात का सूरत शहर भी था पर उसे पछाड़ते हुए इंदौर नम्बर वन में पहुंचा।सूरत दूसरे नम्बर पर है।इसके अलावा दिल्ली और नवी मुम्बई के नगर निगम भी इस दौड़ के हिस्सा रहें हैं।पिछले दो सालों से इंदौर इसके लिए प्रयास कर रहा था जो कि इस बार सफल हो ही गया।

वाटर प्लस सिटी होने के लिये क्या क्या होते हैं मानक-

ये 11 पैरामीटर होते हैं- स्लम एरिया,रहवासी इलाके,व्यवसायिक प्रतिष्ठान,सार्वजनिक स्थान,ट्रांसपोर्ट हब,बड़ी कंस्ट्रक्शन साइट,औद्योगिक इकाइयां,सड़के और गालियां,जल स्त्रोत,रिसयकलिंग और रेसे पॉइंट्स ,डिकेंटिग और डिसलजिंग गाड़ियां।

केंद्रीय मंत्रालय ने वाटर प्लस सर्वे के कुल 1800 पॉइंट्स तय किये हैं।जिसमे की 700 वाटर प्लस के हैं।पिछली बार इंदौर के 200 नम्बर कट गए थे।जिसके कारण वाटर प्लस सर्टिफिकेट नही मिल पाया था।

किन शहरो को मिलता वाटर प्लस सर्टिफिकेट

खास बात यह है कि वॉटर प्लस का प्रमाण-पत्र उन शहरों को दिया जाता है, जिन्होंने ओडीएफ डबल प्लस के सभी मानकों को पूर्ण किया हो।साथ ही आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता हो।

ट्रीटेड वेस्ट-वॉटर का पुन: उपयोग भी सुनिश्चित किया जाता है।जो शहर इन मानकों पर खरा उतरता है उन्हें ही वॉटर प्लस घोषित किया जाता है।खास बात यह है कि इंदौर इन सभी पैमानों पर खरा उतरा और देश में पहला वॉटर प्लस शहर बनकर उभरा।

इस सर्टिफिकेट के मिल जाने के बाद सेवन स्टार का दावा पक्का हो जाता है।अभी तक देश मे किसी भी शहर को ये सर्टिफिकेट नही मिला है।इंदौर जे इसके लिए इंदौर ने 300 करोड़ खर्च कर नदियों और 27 नालों को टैपिंग कर सीवर मुक्त किया है।20 हज़ार शहरवासियों ने 20 करोड़ खर्च कर सीवरेज कनेक्शन घर मे ही कराकर ड्रेनेज का निस्तार खुद किया है ताकि नाले का पानी सीधे निदियों में न प्रवेश करे।

इसका श्रेय यहाँ के कलेक्टर,नगर निगम कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर को जाता है।जिन्होंने बढ़ चढ़ कर इसपे हर वक्त ध्यान दिया।

कलेक्टर मनीष सिंह बताते हैं कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की गाइडलाइंस मानते हुए नगर निगम इंदौर द्वारस शहर की कह सरस्वती एवम शहर में बहने वाले छोटे बड़े सभी नाले में छूट हुए 1746 सार्वजनिक एवं 5624 घतेलु सीवर आउट फॉल की टैपिंग कर लफी नालों को सीवर मुक्त किया।

कमिश्नर ने बताया कि कबीटखेड़ी क्षेत्र के किसानों को भी खेती के लिए रियूज पानी उपलब्ध कराया।शहर के नदी-नालों में गिरने वाले 7 हजार से अधिक आउटफॉल को टेप कर उसे सीवरेज की मेन लाईन से कनेक्ट किया।उन्होंने शहर के जागरूक नागरिकों, जनप्रतिनिधियों के साथ ही शहर की मीडिया, विभिन्न संगठनों व निगम की टीम को इंदौर को देश का प्रथम वॉटर प्लस शहर बनने पर बधाई दी।उन्होंने कहा कि इनके सहयोग के लिये यह संभव नहीं था।

इंदौर में वॉटर प्लस का सर्वे 9 से 14 जुलाई के बीच हुआ था।सर्वे टीम ने कम्युनिटी टॉयलेट पब्लिक टॉयलेट (CTPT) के साथ 11 पैरामीटर पर सर्वे शुरू किया।11 पैरामीटर्स पर करीब 200 लोकेशन देखने के बस यह तय हुआ कि वाटर प्लस सर्टिफिकेट मिलेगा या नहीं।

फोटो- सोशल मीडिया

इंदौर के लिए चुनौतियां क्या क्या थी-

बारिश बड़ी चुनौती रही।क्योंकि बारिश में ट्रैन में ज्यादा देर पानी रहने से नदी नालों में कचरा बढ़ सकता था।जिसके लिये 19 जोन पर 3 स्तर में व्यवस्था बढ़ाई गई।पूरी टीम सुबह 6 बजे से 12 बजे तक काम करती थी।

वाटर प्लस सर्वे में पानी काला नहीं दिखना चाहिए। इंदौर में कान्ह-सरस्वती नदियां और उनसेे जुड़े 25 छोटे-बड़े नालेे इस गंदे पानी के सबसे बड़े वाहक थे। इनमें मिलने वाले सार्वजनिक और घरेलू आउटफाल बंद करने में कामयाबी पाई।

नदी-नालों में मिलने वाले पानी को पाइप लाइन के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक लाया गया, जहां उसेे उपचारित कर विभिन्ना कार्यों में उसका पुनरुपयोग होनेे लगा।

वाटर प्लस के लिए किसी भी शहर को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) होना जरूरी है। इंदौर यह उपलब्धि पहले ही हासिल कर चुका है।

निगम अधिकारियों का कहना है कि देश के करीब 250 शहरों ने वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए दावा पेश किया है और डेेस्कटॉप असेसमेंट (दस्तावेेजों की जांच) में 70 शहरों को मंत्रालय ने इस सर्टिफिकेट के लायक माना है। इंदौर पहला शहर है, जिसने यह सर्टिफिकेट हासिल किया है।

क्यों होता है वाटर प्लस सर्वे

स्वच्छ भारत अभियान में माइक्रो लेवल पर जाने के लिए मंत्रालय ने सफाई के साथ वाटर प्लस को शामिल किया है। इसका मकसद शहरों में जलाशयों, नदियों और तालाबों को साफ करना है। मंत्रालय चाहता है कि नदी-नालों में केवल साफ और बरसाती पानी ही बहे और सीवरेज के पानी का दोबारा उपयोग होता रहे।इसमें शहर के शौचालयों और यूरिनल की जांच की गई। इसमें देखा गया कि सभी शौचालयों और यूरिनल में फ्लश, हाथ धोने, लाइट और मानक स्तर की अन्य सुविधाएं हैं या नहीं।

इन बिंदुओं को पालना जरूरी-

सभी घर ड्रेनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से जुड़े हुए होना चाहिए।किसी भी घर का सीवरेज खुला नही होना चाहिये।

नदी नालों में किसी भी प्रकार का सुख कचरा तैरता नही होना चाहिए।

सभी ड्रेनेज के ढक्कन बन्द होने चाहिये ताकि ओवर फ्लो होकर सड़क पर बाहर न आये।

चैम्बर और में होल कम से कम साल में एक बार साफ होने चाहिए।

सीवरेज वाटर का ट्रीटमेन्ट कर कम से कम 25 प्रतिशत तक पानी सड़क धुलाई,गार्डन खेती सहित अन्य में इस्तेमाल होने चाहिए।

ड्रैनेज की लाइन चोक नही होना चाहिए।

एप के माध्यम से आने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान होना चाहिये।

स्वच्छता में चार बार से देश में नंबर वन का तमगा हासिल कर चुका शहर अब एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इंदौर को देश का पहला वाटर प्लस शहर घोषित किया गया है। सीवेज वाटर के बेहतर प्रबंधन वाले शहरों में इंदौर पहले नंबर पर आया है। यह प्रामणपत्र मिलने के बाद इंदौर का सफाई में लगातार 5वीं बार नंबर 1 आने का दावा मजबूत हो गया है।


Vidushi Mishra

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