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IT Raid : '19 किलो सोना, करोड़ों रुपए कैश, बाघ की खाल, खूंखार मगरमच्छ,' IT रेड में खुले बीजेपी नेताओं के काले राज
IT Raid : आयकर विभाग की टीम बीजेपी के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और बीजेपी के पूर्व पार्षद एवं बीड़ी-कंस्ट्रक्शन कारोबारी राजेश केशरवानी के ठिकानों पर छापेमारी की है। पूर्व एमएलए के यहां छापेमारी की कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं, लेकिन बीड़ी कारोबारी के यहां आज तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी है।
सांकेतिक तस्वीर (Pic - Social Media)
IT Raid : मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। यहां 19 किलो सोना और 3.80 करोड़ रुपए की नकदी मिली है। इसके साथ ही कुछ ऐसी चीजे मिलीं हैं, जो चौंकाने वाली हैं। दरअसल, पूर्व विधायक के यहां बाघ की खाल और घर के अंदर बने छोटे से तालाब में तीन खूंखार मगरमच्छ पाए गए हैं। हालांकि आईटी की टीम ने मगरमच्छ की सूचना वन विभाग को सौंप दी हैं। बता दें कि मगरमच्छ को घर में पालना कानूनी रूप से अवैध है।
आयकर विभाग की टीम बीजेपी के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और बीजेपी के पूर्व पार्षद एवं बीड़ी-कंस्ट्रक्शन कारोबारी राजेश केशरवानी के ठिकानों पर छापेमारी की है। पूर्व एमएलए के यहां छापेमारी की कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं, लेकिन बीड़ी कारोबारी के यहां आज तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी है। पूर्व विधायक राठौर एवं बीड़ी कारोबारी केशरवानी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को बेहिसाब सम्पत्ति मिली है। इसके साथ ही 150 करोड़ रुपए से अधिक के व्यापारिक लेन-देन का भी पता चला है।
मगरमच्छ को लेकर उठ रहे सवाल
पूर्व विधायक के यहां से 19 किलो सोना, 3.80 करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई है। इसके साथ ही बाघ की खाल मिली हैं, हालांकि परिवार ने अनुमति के दस्तावेज सौंपे है। इसके अलावा घर में बने तालाब में तीन मगरमच्छ पाए गए हैं। मगरमच्छ क्यों पाले जा रहे थे, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, घर में मगरमच्छ को पालना कानूनी रूप से अवैध है।
आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद
वहीं, पूर्व पार्षद और बीड़ी कंस्ट्रक्शन कारोबारी राजेश केसरवानी पे ठिकानों ने लॉकर, बैंक खाते और बेनामी सम्पत्ति से जुड़े कई दस्तावजे मिले हैं। इसके साथ ही 4.75 किलोग्राम सोना और सोने के आभूषण मिले हैं। आयकर अधिकारी सम्पत्ति के आंकलन के लिए अभी जुटे हुई हैं। इस दौरान टीम को कई लग्जरी कारें मिलीं हैं, जो दूसरों के नाम पर खरीदी गईं हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल केशरवानी परिवार की कर रहा है। इसके साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।