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MP News: बेलगाम भू-माफिया, तालाब की दो एकड़ जमीन की करा ली रजिस्ट्री

MP News: भूमाफिया तालाबी नंबरों की जमीन को कागज में हेरफेर कर खेती की जमीन कर मुनाफा कमा रहे हैं। अब वहीं राजस्व रिकार्ड में खेल कर तालाब की जमीन को भूमिधरी बनाकर बेचने में सफल रहे हैं।

Amar Mishra (Rewa)
Published on: 13 Nov 2022 12:22 PM IST
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जांच अधिकारी का बयान (न्यूज नेटवर्क)

MP News: सरकार जहां तालाबों को संरक्षण देने पर जोर दे रही है, वहीं भूमाफिया तालाबी नंबरों की जमीन को कागज में हेरफेर कर खेती की जमीन कर मुनाफा कमा रहे हैं। भूमाफियाओं पर लगाम न लगने का असर है कि पिछले एक दशक से शहर से लेकर गांव तक तालाबों पर कब्जा होने की शिकायतें आम हो गयी है। हैरत इस बात की है कि तालाब की भूमि को राजस्व रिकार्ड में भले ही सुरक्षित करार दिया गया है। लेकिन भू-माफिया राजस्व रिकार्ड में खेल कर तालाब की जमीन को भूमिधरी बनाकर बेचने में सफल रहे हैं। ताजा मामला जवा तहसील के गडेहरा कस्बे कहां है जहां तालाब का दायरा अब सिमट गया है।

ऐसा मामला जवा तहसील के गडेहरा ग्राम पंचायत का है जहां दो से ढाई एकड़ का तालाब जो सन् 1980 से 2012 तक खसरे में तालाब दर्ज किया गया जिसमें गांव के लोग अपना जीवन यापन करते रहे। गांव के रहने वाले रघुनंदन तिवारी ने बताया कि गांव कुछ लोगों ने इस तालाब की जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर कब्जा कर भूमाफियाओं ने इस तालाब को समतलीकरण करके खेतीबाड़ी करने लगे जब इन्हें रोकने का प्रयास भी किया गया तो हरिजन एक्ट में मामला दर्ज करने की धमकी देने लगें तब इसकी शिकायत एसडीएम से कि हमें इस्टे भी मिल पर उसका पालन नहीं हो पाया।

रातों रात तालाब का समतलीकरण करके उसमें खेती कर ली गई। जिसकी जांच एसडीएम द्वारा कराईं जा रही है। वहीं पंजाब केसरी संवाददाता ने एसडीएम पीके पाण्डेय से फोन पर बात कि तो एसडीएम पीके पाण्डेय ने बताया कि हमने अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंपा दिया है, जब हमने पूछा कि तहसीलदार पटवारी पर क्या कार्रवाई होगी तो एसडीएम ने बताया कि पटवारी और तहसीलदार की कार्यशैली पर हमने अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंपा दिया है। एसडीएम पीके पाण्डेय ने कहा कि पंजाब केसरी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

जवा तहसील में मौजूद तालाबों की स्थिति को लेकर शासन और प्रशासन तथा स्थानीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। जवा तहसील के बड़े तालाब में अतिक्रमण तथा एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर होने वाले निर्माण कार्यों के कारण दिन-ब-दिन तालाब का आकार सिकुड़ता जा रहा है, लेकिन इस तालाब की किसी को कोई परवाह ही नहीं है। कहीं न कहीं राजस्व विभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हैं कि कैसे शासकीय तालाब की जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। अब देखना है कि कलेक्टर मनोज पुष्प तहसीलदार और पटवारी क्या कार्रवाई करते हैं या फिर मामला ठंडे बस्ते रहेगा।



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Prashant Dixit

Prashant Dixit

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