MP Nurses Strike: नर्सों की हड़ताल हाईकोर्ट में अवैध घोषित, कोर्ट ने कहा- 24 घंटे में काम पर लौटें

MP Nurses Strike: मध्य प्रदेश में चल रही नर्सों की हड़ताल को जबलपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को अवैध घोषित कर दिया है। एमपी में सरकारी अस्पताल की नर्स 30 जून से हड़ताल पर थी। बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई।

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 7 July 2021 10:49 AM GMT (Updated on: 7 July 2021 10:55 AM GMT)
MP Nurses Strike: नर्सों की हड़ताल हाईकोर्ट में अवैध घोषित, कोर्ट ने कहा- 24 घंटे में काम पर लौटें
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नर्सों की हड़ताल (फोटो सोशल मीडिया)

MP Nurses Strike: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते 30 जून से चली आ रही नर्सों की हड़ताल को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) से बड़ा झटका लगा है। बुधवार को चल रही हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इसे अवैध घोषित कर दिया गया। हाईकोर्ट ने सुनवाई में पेश हुई मप्र नर्सेज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार (Rekha Parmar) सहित सभी नर्सों को 24 घंटे के अंदर काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह हाई लेवल कमेटी बनाकर नर्सों की मांग का एक महीने के अंदर निराकृत करें।

दरअसल, अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर एमपी (MP) की नर्सें हड़ताल पर थीं। इस दौरान नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से नर्सों की हड़ताल को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। इस पर मांग की गई की नर्सों की हड़ताल को तत्काल रोका जाए। 5 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से और नर्सिंग एसोसिएशन से जवाब मांगा था। कोर्ट ने नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष को पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए उन्हें 7 जुलाई को सुनवाई में शामिल होने का आदेश दिया था।

24 घंटे के अंदर काम पर लौटने का आदेश

आज (7 जुलाई) को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष रेखा परमार का पक्ष सुना। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि नर्सों की प्रदेशव्यापी हड़ताल अवैधानिक है। कोर्ट ने नर्सों की मांगों को तुरंत वापस लेते हुए काम पर लौटने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि 24 घंटे के अंदर सभी नर्स काम पर वापस लौटे। हालांकि इससे पहले 5 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान ही सरकार ने संकेत दिया था कि नर्सें काम पर नहीं लौटी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। बता दें कि नर्सों की सुनवाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई जाने वाली हाई लेवल कमेटी में डायरेक्टर हेल्थ और वित्त सचिव समेत चार सदस्य शामिल होंगे।

जानिए, नर्सों की प्रमुख मांगें

मध्य प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से उच्च स्तरीय वेतनमान, पुरानी पेंशन लागू करने, कोरोना में शहीद हुई नर्सों के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति देने, 2018 आदर्श भर्ती नियम में संशोधन करने, मेडिकल कॉलेजों में मेल नर्स की भर्ती करने की मांग की जा रही है।

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