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Madhya Pradesh News: गर्भवती पत्नी को कैसे ले जाऊं अस्पताल, छतरपुर के फौजी ने वीडियो के जरिए किया दर्द बयां
एक फौजी देश की सेवा तो पूरी निष्ठा के साथ करता है। देशभक्ति में अपनी जिम्मेदारियां भी निभाता है। बावजूद जब परिवार की बात आए तो कुछ न कर पाने का कष्ट क्या होता है, उसी को बयां किया मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक फौजी ने।
Madhya Pradesh News : एक फौजी देश की सेवा तो पूरी निष्ठा के साथ करता है। देशभक्ति में अपनी जिम्मेदारियां भी निभाता है। बावजूद जब परिवार की बात आए तो कुछ न कर पाने का कष्ट क्या होता है, उसी को बयां किया मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक फौजी ने। इस फौजी ने अपनी लाचारी का वीडियो बनाकर स्थानीय प्रशासन से एक अपील की है।
दरअसल, यह फौजी हाल ही में छुट्टी लेकर अपने गांव पहुंचा। उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी थी। लेकिन, बारिश के कारण सड़कों की हालत इतनी बदहाल हो चुकी थी, कि घर तक कोई वाहन नहीं पहुंच सकता था। ऐसे में लाचार सैनिक ने एक वीडियो बनाकर प्रशासन से भावुक अपील की। अपने वीडियो में उसने प्रशासन से कहा है, कि उसके गांव की सड़क जल्द से जल्द बनाई जाए।
क्या है मामला?
बता दें, कि यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुशनगर ब्लॉक के सिद्धपुर गांव का है। जानकारी के अनुसार, यहीं के रहने वाले भगवान दास अनुरागी भारतीय सेना में एक सिपाही हैं। फिलहाल उनकी तैनाती कश्मीर में है। और वह अपनी छुट्टियां बिताने गांव आए हुए हैं। इसी दौरान देश के अन्य भागों की तरह उनके गांव में भी बेमौसम बरसात हुई। बारिश के पानी से गांव की गलियां कीचड़ों से सराबोर हो गई। बताया जाता है, कि इस बारिश की वजह से फौजी के गांव से लेकर ग्राम पंचायत पुरवा बमोरी तक लगभग तीन किलोमीटर के दायरे में कोई सड़क न होने के चलते वहां दुर्दशा का हाल उस फौजी ने वीडियो का जरिए बयां किया है।
पत्नी को नहीं ले जा पा रहा है अस्पताल
फौजी भगवान दास ने बताया, कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं। उनकी डिलीवरी होनी है। लेकिन, लेबर पेन होने के बावजूद खराब रास्ते के कारण कोई गाड़ी घर तक पहुंच ही पा रही है। जीके चलते वह अपनी पत्नी को उचित इलाज नहीं दिला पा रहे। फौजी ने अपने वीडियो में ये भी बताया, कि जब गांव का कोई शख्स बीमार पड़ता है तब बारिश में उसे लवकुशनगर तक ले जाना नामुमकिन सा हो जाता है।
ये फौजी यहीं नहीं रुका। उसने कहा, कि जब वह देश सेवा में ड्यूटी पर होता है, तब देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले सिपाही अपने-अपने गांव के विकास के बारे में बताते हैं। इस दौरान फौजी अपने गांव की बदहाली की वजह से कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।