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Jaya-Abhishek in Bhopal: जया व अभिषेक बच्चन पहुंचे भोपाल, कालीबाड़ी में की पूजा-अर्चना
Madhya Pradesh: राजधानी भोपाल में फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन उनकी मां जया बच्चन और बेटी आराध्या बच्चन के साथ भोपाल स्थित ननिहाल आये।
Madhya Pradesh: राजधानी भोपाल में फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन (film actor abhishek bachchan) उनकी मां जया बच्चन (Jaya Bachchan) और बेटी आराध्या बच्चन के साथ भोपाल स्थित ननिहाल आये। उन्होंने यहां अपनी मां जया बच्चन और बेटी आराध्या के साथ कालीबाड़ी न्यू मार्केट पहुंच कर पूजा-अर्चना की। वह केवल 3 मिनट वहां रुके। बता दें यहां भोपाल में जया बच्चन की मां का परिवार रहता है। बताया जा रहा है कि वे यहां भोपाल पारिवारिक काम के चलते आए हुए हैं।
अभिषेक बच्चन से मिलने के लिए फैंस का लगा तांता
जैसे ही अभिषेक बच्चन के पहुंचने की खबर उनके फैन्स को लगी तो सभी उनके मिलने के लिए जमा होने लगे। बता दें कि जया बच्चन और अभिषेक बच्चन मुंबई से यहां पहुंचे और टीटी नगर के कालीबाड़ी में बंगाली समाज द्वारा दशहरे पर आयोजित सिंदूरी खेला में वे शामिल हुए। कुछ देर यहां रुकने के बाद वे यहां से अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं।
कालीबाड़ी में मां की पूजा की
अभिषेक बच्चन के साथ उनकी मां जया बच्चन और बेटी आराध्या के साथ उनके फैंस में सेल्फी लेने के लिए होड़ मची रही। कालीबाड़ी में मां की पूजा करने के बाद वे अपनी मौसी के घर निकल गए। इससे पहले उन्होंने यहां सिंदूर खेला की रस्म निभाई। यहां बता दें कि नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अंतिम दिन यहां बंगाली समुदाय द्वारा सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। मां की पूजा करने के बाद महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगती हैं और मिठाई खिलाई जाती है।
इसलिए होता है सिंदूर खेला..
दुर्गा पूजा के आखिरी दिन बंगाली समुदाय द्वारा सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। बंगाली परंपरा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा अपने चार बच्चों के साथ उत्सव मनाने के लिए धरती पर आती हैं। त्योहार के अंतिम दिन जब देवी दुर्गा को विदा किया जाता है, तो उदासी का माहौल छा जाता है। मान्यता है कि ऐसे में देवी दुर्गा के आंसू बहने लगते हैं, इसलिए उनके गालों को पान के पत्तों से पोंछा जाता है। इसके बाद उनकी मांग में और पारंपरिक चूड़ियों पर सिंदूर अर्पित किया जाता है। फिर महिलाएं सुखी जीवन और परिवार की खुशहाली के लिए दुर्गा मां के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद सभी महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मिठाई खिलाती हैं।