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MP News: महंत कनक बिहारी दास की सड़क हादसे में मौत, राम मंदिर के लिए दिया था 1 Cr...अयोध्या में कराने वाले थे बड़ा यज्ञ
Mahant Kanak Bihari Das Passed Away: रघुवंश शिरोमणि 1008 महंत कनक बिहारी दास रघुवंशी समाज के 'राष्ट्रीय संत' के रूप में भी पहचान रखते थे। लेकिन, वो सुर्ख़ियों में तब आए थे जब अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए एक करोड़ से अधिक की राशि दान दी थी।
Mahant Kanak Bihari Das Passed Away: रामनगरी अयोध्या के राम मंदिर को 1.11 करोड़ रुपए दान देने वाले रघुवंशी समाज के बड़े महंत कनक बिहारी दास (Kanak Bihari Das) की सोमवार (17 अप्रैल) को सड़क हादसे में मौत हो गई। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के नरसिंहपुर में सड़क हादसा हुआ। बरमान-सगरी राष्ट्रीय राजमार्ग- 44 (NH- 44) पर एक भीषण सड़क हादसे में महंत कनक बिहारी महाराज का असामयिक निधन हो गया।
बताया जा रहा है कि किसी बाइक सवार को बचाने के चक्कर में उनकी कार डिवाइडर से जा टकराई। गाड़ी बीच सड़क पर पलट गई। इस सड़क हादसे में महाराज कनक बिहारी सहित दो लोगों की जान चली गई। मध्य प्रदेश पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
रघुवंश शिरोमणि 1008 के नाम से भी थे विख्यात
आपको बता दें, महंत कनक बिहारी दास महाराज तब सुर्ख़ियों में आए थे जब यूपी के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि दान दी थी। महंत कनक बिहारी को रघुवंश शिरोमणि 1008 के नाम से भी जाना जाता था। कनक बिहारी दास रघुवंशी समाज के राष्ट्रीय संत के रूप में भी पहचान रखते थे। उनकी ख्याति दूर-दूर तक रही है। उनके असामयिक निधन पर संत समाज में घोर निराशा है।
अयोध्या में यज्ञ की तैयारियों में जुटे थे
महाराज कनक बिहारी का आश्रम एमपी के छिंदवाड़ा जिला (Chhindwara News) स्थित नोनी में है। महाराज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से वापस छिंदवाड़ा लौट रहे थे। जब उनकी गाड़ी बरमान-सगरी नेशनल हाइवे- 44 से गुजर रही थी उसी दौरान सड़क हादसा हुआ। जिसमें उनकी जान चली गई। कनक बिहारी महाराज अयोध्या में होने वाले यज्ञ की तैयारियों में जुटे थे।
रघुवंशी समाज (Raghuvanshi Samaj) के नरसिंहपुर जिला अध्यक्ष राजकुमार रघुवंशी ने जानकारी दी कि 'महंत कनक महाराज ने 1 करोड़ रुपए का दान अयोध्या राम मंदिर के लिए दिया था। महाराज कनक बिहारी 10 फरवरी 2024 से अयोध्या में 9 कुंडीय यज्ञ कराने वाले थे। उसी की तैयारियों के लिए वह रघुवंशी समाज के सभी गांवों में जा रहे थे।'